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लॉकडाउन ने 'मरहूम' आफताब को किया जिंदा! 22 साल बाद घर लौटा बेटा, देखिए ईटीवी भारत पर पूरी दास्तान

चतरा के सलीमपुर गांव में मजदूर शराफत अंसारी का बेटा आफताब 22 साल पहले अचानक गायब हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला सका. समय बीतने के साथ परिवार ने भी उसे मृत मानकर उसके नाम का फातिया पढ़ लिया. 22 साल पहले गायब बेटा लॉकडाउन के दौरान घर लौट आया है.

Aftab returned home after 22 years due to lockdown in chatra
लॉकडाउन ने मरहूम 'आफताब' को किया जिंदा!
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Published : Jul 4, 2020, 10:31 PM IST

Updated : Jul 5, 2020, 1:13 PM IST

चतरा: वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर देश में लागू लॉकडाउन ने जहां एक तरफ पूरे देश को परेशान कर रखा है, तो वहीं ये लॉकडाउन चतरा के एक मजदूर परिवार के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है. इस परिवार के साथ कुछ ऐसा घटित हो गया है, जिसकी कभी कल्पना भी उन्होंने नहीं की थी. दरअसल, एक मां का सूना आंचल फिर से गुलजार हो गया है. इस परिवार का 22 साल पहले गायब बेटा लॉकडाउन के दौरान घर लौट आया है, जबकि सभी ने उसे मरा हुआ मान लिया था.

देखें ये स्पेशल स्टोरी

ये हैरान कर देने वाला मामला चतरा के सलीमपुर गांव का है. यहां रहने वाले मजदूर शराफत अंसारी का बेटा आफताब 22 साल पहले अचानक गायब हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला सका. समय बीतने के साथ परिवार ने भी उसे मृत मानकर उसके नाम का फातिया पढ़ लिया.

ये भी पढ़ें- अमर हो गए साहिबगंज के शहीद कुलदीप, पिता ने कहा- आतंकी को मार कर मरा होगा मेरा बेटा


ऐसे में वही बेटा जब गांव के कुछ मजदूरों के साथ 22 साल बाद वापस घर पहुंचा, तो उसे जिंदा देखकर परिजन हैरान रह गये. युवक ने बताया कि वह अपने परिवार से नाराज होकर घर छोड़कर चला गया था. जिसके बाद वो केरल में रहकर एक सर्कस में काम करने लगा था. कई बार उसने घर लौटना चाहा लेकिन परिस्थितिवश न तो लौट सका और न ही परिजनों से संपर्क कर सका.

लॉकडाउन हुआ तो उसके सभी साथी अपने-अपने घर चले गए. ऐसे में उसने भी साथियों से अपना हाल बताया. स्थानीय पुलिस से संपर्क कर उसके दोस्तों ने उसे घर भिजवाने की व्यवस्था की.

आफताब के घर लौटने के बाद परिजनों से लेकर गांव में जश्न का माहौल है. मां-बाप को उनके बुढ़ापे का सहारा वापस मिल गया है. चतरा पहुंचने के बाद आफताब को क्वारंटाइन किया गया था, जिसके बाद स्थानीय मुखिया ने उसे घर तक पहुंचाया.

चतरा: वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर देश में लागू लॉकडाउन ने जहां एक तरफ पूरे देश को परेशान कर रखा है, तो वहीं ये लॉकडाउन चतरा के एक मजदूर परिवार के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है. इस परिवार के साथ कुछ ऐसा घटित हो गया है, जिसकी कभी कल्पना भी उन्होंने नहीं की थी. दरअसल, एक मां का सूना आंचल फिर से गुलजार हो गया है. इस परिवार का 22 साल पहले गायब बेटा लॉकडाउन के दौरान घर लौट आया है, जबकि सभी ने उसे मरा हुआ मान लिया था.

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ये हैरान कर देने वाला मामला चतरा के सलीमपुर गांव का है. यहां रहने वाले मजदूर शराफत अंसारी का बेटा आफताब 22 साल पहले अचानक गायब हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला सका. समय बीतने के साथ परिवार ने भी उसे मृत मानकर उसके नाम का फातिया पढ़ लिया.

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ऐसे में वही बेटा जब गांव के कुछ मजदूरों के साथ 22 साल बाद वापस घर पहुंचा, तो उसे जिंदा देखकर परिजन हैरान रह गये. युवक ने बताया कि वह अपने परिवार से नाराज होकर घर छोड़कर चला गया था. जिसके बाद वो केरल में रहकर एक सर्कस में काम करने लगा था. कई बार उसने घर लौटना चाहा लेकिन परिस्थितिवश न तो लौट सका और न ही परिजनों से संपर्क कर सका.

लॉकडाउन हुआ तो उसके सभी साथी अपने-अपने घर चले गए. ऐसे में उसने भी साथियों से अपना हाल बताया. स्थानीय पुलिस से संपर्क कर उसके दोस्तों ने उसे घर भिजवाने की व्यवस्था की.

आफताब के घर लौटने के बाद परिजनों से लेकर गांव में जश्न का माहौल है. मां-बाप को उनके बुढ़ापे का सहारा वापस मिल गया है. चतरा पहुंचने के बाद आफताब को क्वारंटाइन किया गया था, जिसके बाद स्थानीय मुखिया ने उसे घर तक पहुंचाया.

Last Updated : Jul 5, 2020, 1:13 PM IST
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