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चतरा में NH का हाल बदहाल, गड्ढ़ों के बीच सड़क तलाश कर चलते हैं लोग - चतरा की सड़के बदहाल

चतरा में बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है एनएच की जर्जर स्थिति. जिससे जिले में आए दिन घटनाएं होती रहती हैं. लोगों का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आता कि सड़कों में गड्डे है या गड्डों में सड़क. इसकी शिकायत के बाद भी अधिकारी आंख बंद कर बैठे है.

एनएच-99 और एनएच-100 की स्थिति बदहाल
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Published : Sep 15, 2019, 2:27 PM IST

चतरा: गड्ढों में हिचकोले खाते ये वाहन किसी पगडंडी पर नहीं चल रहे. बल्कि यह देश का सबसे बड़ा उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग है. आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी झारखंड राज्य का चतरा जिला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. न तो यहां आवागमन की समुचित सुविधा है और न ही बदहाल सड़कों के अलावा यहां यातायात का कोई और साधन. जंगलों पहाड़ों से घिरा यह जिला शाम होते ही टापू में तब्दील होकर रह जाता है. कारण है जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्गों का बदहाल होना.

देखें पूरी खबर

जिले की लाइफ लाइन माना जाने वाला एनएच-99 और एनएच-100 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील हो गयी है. जिससे न सिर्फ सरकार की गरिमा धूमिल हो रही है बल्कि विकास का पहिया भी थम गया है. सड़क में गड्ढे है या गड्ढों में सड़क लोग असमंजस में हैं. यही राजमार्ग अब लोगों के लिए मौत की डगर साबित होने लगी है. सड़कों का हाल बदहाल है जो आए दिन दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है.

एनएच-99 और 100 बदहाल
यह कोई आम सड़क नहीं बल्कि भारत सरकार की सबसे बड़ी उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग योजना के स्थिति को बयां कर रहे एनएच 100 और 99 हैं. झारखंड के चतरा को बिहार राज्य के कई जिलों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग 99 और 100 इन दिनों भ्रष्ट तंत्र की उपेक्षा का दंश झेल रहा है. जिससे सड़क की दशा इन दिनों काफी जर्जर हो गई है.

कई लोग हो चुके हैं मौत का शिकार
सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिससे आए दिन छोटी-बड़ी घटनाओं में लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. चाहे वह गाड़ियों से यात्रा करने वाले लोग हैं या फिर मोटरसाइकिल या पैदल यात्रा करने वाले यात्री. सभी को दुर्घटना की चिंता सताती रहती है. लोग जान को हथेली पर रखकर इस सड़क पर यात्रा करने को विवश हैं. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है. जो स्कूल आने जाने के दौरान या तो इन गड्ढों में गिर जाते हैं या फिर पानी से उनका कपड़ा गंदा हो जाता है.

ये भी पढे़ं- लोहरदगा के लोगों का 108 साल का इंतजार खत्म, अब घट जाएगी दिल्ली से दूरी

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
सबसे ज्यादा सड़क की स्थिति बदतर चतरा-गया मुख्य पथ पर स्थित जोरी-हंटरगंज, चतरा-हजारीबाग मुख्य पथ पर स्थित सिमरिया-हजारीबाग की हो गयी है. जहां जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिससे घरों और नालियों के पानी जमा हो गए हैं. यहां आए दिन या तो वाहन फंस जाते हैं या फिर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. स्थानीय लोग इस परेशानी से तंग आ चुके हैं. बावजूद किसी ने उनकी परेशानियों की ओर अब तक ध्यान नहीं दिया. चाहे वह जनप्रतिनिधि हो या जिले में कार्यरत कोई भी छोटा बड़ा अधिकारी.

चतरा: गड्ढों में हिचकोले खाते ये वाहन किसी पगडंडी पर नहीं चल रहे. बल्कि यह देश का सबसे बड़ा उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग है. आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी झारखंड राज्य का चतरा जिला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. न तो यहां आवागमन की समुचित सुविधा है और न ही बदहाल सड़कों के अलावा यहां यातायात का कोई और साधन. जंगलों पहाड़ों से घिरा यह जिला शाम होते ही टापू में तब्दील होकर रह जाता है. कारण है जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्गों का बदहाल होना.

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जिले की लाइफ लाइन माना जाने वाला एनएच-99 और एनएच-100 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील हो गयी है. जिससे न सिर्फ सरकार की गरिमा धूमिल हो रही है बल्कि विकास का पहिया भी थम गया है. सड़क में गड्ढे है या गड्ढों में सड़क लोग असमंजस में हैं. यही राजमार्ग अब लोगों के लिए मौत की डगर साबित होने लगी है. सड़कों का हाल बदहाल है जो आए दिन दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है.

एनएच-99 और 100 बदहाल
यह कोई आम सड़क नहीं बल्कि भारत सरकार की सबसे बड़ी उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग योजना के स्थिति को बयां कर रहे एनएच 100 और 99 हैं. झारखंड के चतरा को बिहार राज्य के कई जिलों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग 99 और 100 इन दिनों भ्रष्ट तंत्र की उपेक्षा का दंश झेल रहा है. जिससे सड़क की दशा इन दिनों काफी जर्जर हो गई है.

कई लोग हो चुके हैं मौत का शिकार
सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिससे आए दिन छोटी-बड़ी घटनाओं में लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. चाहे वह गाड़ियों से यात्रा करने वाले लोग हैं या फिर मोटरसाइकिल या पैदल यात्रा करने वाले यात्री. सभी को दुर्घटना की चिंता सताती रहती है. लोग जान को हथेली पर रखकर इस सड़क पर यात्रा करने को विवश हैं. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है. जो स्कूल आने जाने के दौरान या तो इन गड्ढों में गिर जाते हैं या फिर पानी से उनका कपड़ा गंदा हो जाता है.

ये भी पढे़ं- लोहरदगा के लोगों का 108 साल का इंतजार खत्म, अब घट जाएगी दिल्ली से दूरी

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
सबसे ज्यादा सड़क की स्थिति बदतर चतरा-गया मुख्य पथ पर स्थित जोरी-हंटरगंज, चतरा-हजारीबाग मुख्य पथ पर स्थित सिमरिया-हजारीबाग की हो गयी है. जहां जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिससे घरों और नालियों के पानी जमा हो गए हैं. यहां आए दिन या तो वाहन फंस जाते हैं या फिर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. स्थानीय लोग इस परेशानी से तंग आ चुके हैं. बावजूद किसी ने उनकी परेशानियों की ओर अब तक ध्यान नहीं दिया. चाहे वह जनप्रतिनिधि हो या जिले में कार्यरत कोई भी छोटा बड़ा अधिकारी.

Intro:चतरा : गड्ढों में हिचकोले खाते ये वाहन किसी पगडंडी पर नहीं चल रहे। बल्कि यह देश का सबसे बड़ा उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग है। आजादी के दशक बीत जाने के बाद भी झारखंड राज्य का चतरा जिला आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। ना तो यहां आवागमन की समुचित सुविधा है और ना ही बदहाल सड़कों के अलावा यहां यातायात के कोई और साधन। जंगलों पहाड़ों से घिरा यह जिला शाम होते ही टापू में तब्दील होकर रह जाता है। कारण है जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्गों का बदहाल होना। जिले की लाइफ लाइन माने जाने वाला एनएच 99 व 100 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील हो गया है। जिससे न सिर्फ सरकार की गरिमा धूमिल हो रही है बल्कि विकास का पहिया भी थम गया है। सड़क में गड्ढे है या गड्ढों में सड़क लोग असमंजस में हैं। यही राजमार्ग अब लोगों के लिए मौत का डगर साबित होने लगा है। सड़कों का हाल बदहाल है जो आए दिन दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है।

बाईट : सुनील कुमार, यात्री।
बाईट : शिवशंकर ठाकुर, स्थानीय निवासी।
बाईट : नवीन पांडेय, स्थानीय पत्रकार।



Body:जिस सड़क पर यह वाहन हिचकोले खाते जा रहे हैं। यह कोई आम सड़क नहीं बल्कि भारत सरकार की सबसे बड़ी उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग योजना के स्थिति को बयां कर रहे एनएच 100 और 99 है। झारखंड के चतरा को बिहार राज्य के कई जिलों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग 99 व 100 इन दिनों भ्रष्ट तंत्र की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। जिससे सड़क की दशा इन दिनों काफी जर्जर हो गई है। सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे उग आए हैं। जिससे आए दिन छोटी-बड़ी घटनाओं में लोग अपनी जान गवा रहे हैं। चाहे वह गाड़ियों से यात्रा करने वाले लोग हैं या फिर मोटरसाइकिल या पैदल यात्रा करने वाले यात्री। सभी को दुर्घटना की चिंता सताती रहती है। लोग जान को हथेली पर रखकर इस सड़क पर यात्रा करने को विवश है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है। जो स्कूल आने जाने के दौरान या तो इन गड्ढों में गिर जाते हैं या फिर पानी से उनका कपड़ा गंदा हो जाता है।

सबसे ज्यादा सड़क की स्थिति बदतर चतरा गया मुख्य पथ पर स्थित जोरी व हंटरगंज व चतरा-हजारीबाग मुख्य पथ पर स्थित सिमरिया-हजारीबाग सड़क का हो गया है। जहां जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिसमें घरों व नालियों के पानी जमा हो गए हैं। यहां आए दिन या तो वाहन फंस जाते हैं या फिर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। स्थानीय लोग इस परेशानी से तंग आ चुके हैं। बावजूद किसी ने उनकी परेशानियों की ओर अब तक ध्यान नहीं दिया। चाहे वह जनप्रतिनिधि हो या जिले में कार्यरत कोई भी छोटा बड़ा अधिकारी। यहां के लोग जनप्रतिनिधियों के रवैया से कितने नाराज है यह उनकी बातों को ही सुनकर अंदाजा लगा सकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों के बदहाल होने के कारण जिले में स्थित पर्यटन स्थलों के विकास पर भी ब्रेक सा लग गया है। स्थिति यह है कि लोग इलाके में ना तो अपनी बेटियां देना चाहते हैं और ना ही ससुराल आना जाना।


Conclusion:बहरहाल लोगों को एनएच के बदहाली से कब निजात मिल पाता है या फिर यहां के जनप्रतिनिधि व अधिकारी मामले को लेकर कितने संजीदा होते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन यह भी सोलह आने सच है कि अगर जल्द ही जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई तो दुर्घटनाओं से अकाल मौत के गाल में समा रहे लोगों के मौत की जिम्मेवारी भी स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ यहां के जनप्रतिनिधियों व एनएच प्रबंधन को स्वीकार करना पड़ेगा। क्योंकि चतरा एक अति उग्रवाद प्रभावित जिला है और यहां यातायात का एकमात्र साधन सड़क मार्ग है। जिस पर यात्रा करना लोगों की मजबूरी है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि जिले में वृहद पैमाने पर एनएच के होने के बावजूद यहां ना तो उसका कार्यालय है और ना ही यहां एनएच के कोई पदाधिकारी रहते हैं।
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