चतरा: गड्ढों में हिचकोले खाते ये वाहन किसी पगडंडी पर नहीं चल रहे. बल्कि यह देश का सबसे बड़ा उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग है. आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी झारखंड राज्य का चतरा जिला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. न तो यहां आवागमन की समुचित सुविधा है और न ही बदहाल सड़कों के अलावा यहां यातायात का कोई और साधन. जंगलों पहाड़ों से घिरा यह जिला शाम होते ही टापू में तब्दील होकर रह जाता है. कारण है जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्गों का बदहाल होना.
जिले की लाइफ लाइन माना जाने वाला एनएच-99 और एनएच-100 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील हो गयी है. जिससे न सिर्फ सरकार की गरिमा धूमिल हो रही है बल्कि विकास का पहिया भी थम गया है. सड़क में गड्ढे है या गड्ढों में सड़क लोग असमंजस में हैं. यही राजमार्ग अब लोगों के लिए मौत की डगर साबित होने लगी है. सड़कों का हाल बदहाल है जो आए दिन दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है.
एनएच-99 और 100 बदहाल
यह कोई आम सड़क नहीं बल्कि भारत सरकार की सबसे बड़ी उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग योजना के स्थिति को बयां कर रहे एनएच 100 और 99 हैं. झारखंड के चतरा को बिहार राज्य के कई जिलों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग 99 और 100 इन दिनों भ्रष्ट तंत्र की उपेक्षा का दंश झेल रहा है. जिससे सड़क की दशा इन दिनों काफी जर्जर हो गई है.
कई लोग हो चुके हैं मौत का शिकार
सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिससे आए दिन छोटी-बड़ी घटनाओं में लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. चाहे वह गाड़ियों से यात्रा करने वाले लोग हैं या फिर मोटरसाइकिल या पैदल यात्रा करने वाले यात्री. सभी को दुर्घटना की चिंता सताती रहती है. लोग जान को हथेली पर रखकर इस सड़क पर यात्रा करने को विवश हैं. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है. जो स्कूल आने जाने के दौरान या तो इन गड्ढों में गिर जाते हैं या फिर पानी से उनका कपड़ा गंदा हो जाता है.
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अधिकारी नहीं ले रहे सुध
सबसे ज्यादा सड़क की स्थिति बदतर चतरा-गया मुख्य पथ पर स्थित जोरी-हंटरगंज, चतरा-हजारीबाग मुख्य पथ पर स्थित सिमरिया-हजारीबाग की हो गयी है. जहां जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिससे घरों और नालियों के पानी जमा हो गए हैं. यहां आए दिन या तो वाहन फंस जाते हैं या फिर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. स्थानीय लोग इस परेशानी से तंग आ चुके हैं. बावजूद किसी ने उनकी परेशानियों की ओर अब तक ध्यान नहीं दिया. चाहे वह जनप्रतिनिधि हो या जिले में कार्यरत कोई भी छोटा बड़ा अधिकारी.