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बीमारी के शिकार होते ट्रैफिक पुलिस के जवान, ट्रैफिक एसपी ने बताया भविष्य की योजना

रांची के चौक-चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान बीमारी की चपेट में हैं. ऐसे में उन्हें बीमारी से बचाने के लिए पुलिस विभाग कई तरह की योजनाएं लाने वाला है.

ट्रैफिक पुलिस का जवान
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Published : May 7, 2019, 3:44 PM IST

रांची: राजधानी के अलग-अलग ट्रैफिक चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान और अधिकारी लगातार बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण के कारण जवान, लंग्स डिजेज, एलर्जी, ब्लड प्रेशर, यूरिक एसिड और कम सुनने की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.

देखें पूरी खबर

चिलचिलाती धूप और हर तरफ वाहनों से निकलते जहरीली गैस के अलावा सड़क के बीचोबीच खड़े होकर ट्रैफिक को नियंत्रित करना बेहद कठिन काम होता है. इसके लिए घंटों ट्रैफिक पुलिस के जवानों को खड़ा रहना पड़ता है. हालात, यहां तक पहुंच गए हैं कि हर तीसरा ट्रैफिक पुलिस का जवान किसी न किसी बीमारी का शिकार हो रहा है. राजधानी में 24 चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी हर दिन लगती है. राजधानी की बढ़ती ट्रैफिक के वजह से जवानों को ट्रैफिक पोस्ट छोड़ कर कड़ी धूप में ही ट्रैफिक को संभालना पड़ता है. वाहनों से निकलते हुए और तेज हॉर्न किसी कार सीधे ट्रैफिक के जवान होते हैं.

कौन-कौन ही बीमारियों का शिकार हो रहे जवान ?
इसकी वजह से जवानों को स्किन प्रॉब्लम, आंखों में जलन, कम सुनाई देना, जुकाम-खांसी बढ़ना, एलर्जी की प्रॉब्लम और सांस की बीमारियां हो रही है. सड़क पर चलने वाले वाहनों के काले हुए और सड़क का डस्ट के वजह से ट्रैफिक के जवानों को सांस और एलर्जी की बीमारी हो रही है. रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर बताते हैं कि जवान अक्सर उनके पास आकर अपनी बीमारियों के बारे में बताते हैं.

ये भी पढ़ें- आजसू पार्टी का दावा, रांची संसदीय सीट पर हुए मतदान में निभाया गठबंधन धर्म

हेल्थ इंश्योरेंस का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है
बीमारियों का शिकार हो रहे ट्रैफिक जवानों के लिए पुलिस मुख्यालय को हेल्थ इंश्योरेंस के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव के तहत हर जवान का महीने में एक बार पीएफटी टेस्ट करवाया जाएगा. ताकि अगर उसमें वह पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनका शीघ्र से इलाज की व्यवस्था की जा सके. फिलहाल यह प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पास है इस पर अगर मुहर लग जाती है तो जवानों को काफी सहूलियत होगी.

लगाया जाएगा हेल्थ कैंप
रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर ने बताया कि हेल्थ स्कीम से जुड़ा हुआ प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पास भेजा गया है. जब तक प्रस्ताव पास नहीं होता है तब तक वे अपने स्तर से रांची के कुछ बड़े अस्पतालों से बात कर के जवानों के हेल्थ चेकअप के लिए पुलिस लाइन में एक हेल्थ कैंप का आयोजन करवा रहे हैं. इस हेल्थ कैंप में सबसे पहले जवानों का पीएफटी टेस्ट करवाया जाएगा पीएफटी टेस्ट में जवानों के लंग्स से संबंधित बीमारियों का पता चल जाएगा. जिन जवानों को ज्यादा समस्या होगी उन्हें उचित दर पर फिलहाल राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करवाई जाएगी.
बता दें कि राजधानी रांची में कुल 91 ट्रैफिक पोस्ट है. इसके लिए 790 जवानों और पुलिस पदाधिकारियों का पद स्वीकृत है. वर्तमान में सिर्फ इन पोस्टों पर लगभग 400 जवान भी तैनात हैं. जिसके वजह से जवानों को 12 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ती है. ऐसे में यह जरूरी है कि पुलिस मुख्यालय जवानों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता से सोचें ताकि जवान स्वस्थ रह सके और ड्यूटी सही तरीके से निभा सकें.

रांची: राजधानी के अलग-अलग ट्रैफिक चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान और अधिकारी लगातार बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण के कारण जवान, लंग्स डिजेज, एलर्जी, ब्लड प्रेशर, यूरिक एसिड और कम सुनने की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.

देखें पूरी खबर

चिलचिलाती धूप और हर तरफ वाहनों से निकलते जहरीली गैस के अलावा सड़क के बीचोबीच खड़े होकर ट्रैफिक को नियंत्रित करना बेहद कठिन काम होता है. इसके लिए घंटों ट्रैफिक पुलिस के जवानों को खड़ा रहना पड़ता है. हालात, यहां तक पहुंच गए हैं कि हर तीसरा ट्रैफिक पुलिस का जवान किसी न किसी बीमारी का शिकार हो रहा है. राजधानी में 24 चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी हर दिन लगती है. राजधानी की बढ़ती ट्रैफिक के वजह से जवानों को ट्रैफिक पोस्ट छोड़ कर कड़ी धूप में ही ट्रैफिक को संभालना पड़ता है. वाहनों से निकलते हुए और तेज हॉर्न किसी कार सीधे ट्रैफिक के जवान होते हैं.

कौन-कौन ही बीमारियों का शिकार हो रहे जवान ?
इसकी वजह से जवानों को स्किन प्रॉब्लम, आंखों में जलन, कम सुनाई देना, जुकाम-खांसी बढ़ना, एलर्जी की प्रॉब्लम और सांस की बीमारियां हो रही है. सड़क पर चलने वाले वाहनों के काले हुए और सड़क का डस्ट के वजह से ट्रैफिक के जवानों को सांस और एलर्जी की बीमारी हो रही है. रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर बताते हैं कि जवान अक्सर उनके पास आकर अपनी बीमारियों के बारे में बताते हैं.

ये भी पढ़ें- आजसू पार्टी का दावा, रांची संसदीय सीट पर हुए मतदान में निभाया गठबंधन धर्म

हेल्थ इंश्योरेंस का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है
बीमारियों का शिकार हो रहे ट्रैफिक जवानों के लिए पुलिस मुख्यालय को हेल्थ इंश्योरेंस के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव के तहत हर जवान का महीने में एक बार पीएफटी टेस्ट करवाया जाएगा. ताकि अगर उसमें वह पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनका शीघ्र से इलाज की व्यवस्था की जा सके. फिलहाल यह प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पास है इस पर अगर मुहर लग जाती है तो जवानों को काफी सहूलियत होगी.

लगाया जाएगा हेल्थ कैंप
रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर ने बताया कि हेल्थ स्कीम से जुड़ा हुआ प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पास भेजा गया है. जब तक प्रस्ताव पास नहीं होता है तब तक वे अपने स्तर से रांची के कुछ बड़े अस्पतालों से बात कर के जवानों के हेल्थ चेकअप के लिए पुलिस लाइन में एक हेल्थ कैंप का आयोजन करवा रहे हैं. इस हेल्थ कैंप में सबसे पहले जवानों का पीएफटी टेस्ट करवाया जाएगा पीएफटी टेस्ट में जवानों के लंग्स से संबंधित बीमारियों का पता चल जाएगा. जिन जवानों को ज्यादा समस्या होगी उन्हें उचित दर पर फिलहाल राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करवाई जाएगी.
बता दें कि राजधानी रांची में कुल 91 ट्रैफिक पोस्ट है. इसके लिए 790 जवानों और पुलिस पदाधिकारियों का पद स्वीकृत है. वर्तमान में सिर्फ इन पोस्टों पर लगभग 400 जवान भी तैनात हैं. जिसके वजह से जवानों को 12 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ती है. ऐसे में यह जरूरी है कि पुलिस मुख्यालय जवानों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता से सोचें ताकि जवान स्वस्थ रह सके और ड्यूटी सही तरीके से निभा सकें.

Intro:रांची के अलग-अलग ट्रैफिक चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान और अधिकारी लगातार बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।बढ़ते प्रदूषण के कारण जवान ,लंग्स डिजेज , एलर्जी ,ब्लड प्रेशर , यूरिक एसिड और कम सुनने की बीमारी से ग्रसित हो रहे है।

बढ़ता प्रदूषण बना कारण

चिलचिलाती धूप और हर तरफ वाहनों से निकलते जहरीले धुएं। इन सब के बावजूद सड़क के बीचो बीच खड़े होकर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए घंटों ट्रैफिक पुलिस के जवानों को खड़ा रहना पड़ता है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि हर तीसरा ट्रैफिक पुलिस का जवान किसी न किसी बीमारी का शिकार हो रहा है।राजधानी में 24 चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी हर दिन लगती है । राजधानी की बढ़ती ट्रैफिक के वजह से जवानों को ट्रैफिक पोस्ट छोड़ कर कड़ी धूप में ही ट्रैफिक को संभालना पड़ता है। वाहनों से निकलते हुए और तेज हॉर्न किसी कार सीधे ट्रैफिक के जवान होते हैं।

कौन कौन ही बीमारियों का शिकार हो रहे जवान

इसकी वजह से जवानों को स्किन प्रॉब्लम ,आंखों में जलन ,कम सुनाई देना, जुकाम -खांसी बढ़ना, एलर्जी की प्रॉब्लम और सांस की बीमारियां हो रही है। सड़क पर चलने वाले वाहनों के काले हुए और सड़क का डस्ट के वजह से ट्रैफिक के जवानों को सांस और एलर्जी की बीमारी हो रही है। रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर बताते हैं कि जवान अक्सर उनके पास आकर अपनी बीमारियों के बारे में बताते हैं।

बाईट - अजीत पीटर डुंग डुंग , ट्रैफिक एसपी।

हेल्थ इन्सुरेंस का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है।

बीमारियों का शिकार हो रहे ट्रैफिक जवानों के लिए पुलिस मुख्यालय को हेल्थ इंश्योरेंस के लिए प्रस्ताव भेजा गया है ।इस प्रस्ताव के तहत हर जवान का महीने में एक बार पीएफटी टेस्ट करवाया जाएगा ,ताकि अगर उसमें वह पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनका शीघ्र से इलाज की व्यवस्था की जा सके ।फिलहाल यह प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पास है इस पर अगर मुहर लग जाती है तो जवानों को काफी सहूलियत होगी।

हेल्थ कैम्प लगाया जाएगा

रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर ने बताया कि हेल्थ स्कीम से जुड़ा हुआ प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पास भेजा गया है। जब तक प्रस्ताव पास नहीं होता है ,तब तक वे अपने स्तर से रांची के कुछ बड़े अस्पतालों से बात कर के जवानों के हेल्थ चेकअप के लिए पुलिस लाइन में एक हेल्थ कैंप का आयोजन करवा रहे हैं। इस हेल्थ कैंप में सबसे पहले जवानों का पीएफटी टेस्ट करवाया जाएगा पीएफटी टेस्ट में जवानों के लंग्स से संबंधित बीमारियों का पता चल जाएगा। जिन जवानों को ज्यादा समस्या होगी उन्हें उचित दर पर फिलहाल राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करवाई जाएगी।

बाईट - अजीत पीटर डुंग डुंग

गौरतलब है कि राजधानी रांची में कुल 91 ट्रैफिक पोस्ट है ।इसके लिए 790 जवानों और पुलिस पदाधिकारियों का पद स्वीकृत है वर्तमान में सिर्फ इन पोस्टों पर लगभग 400 जवान भी तैनात है। जिसके वजह से जवानों को 12 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ती है। ऐसे में यह जरूरी है कि पुलिस मुख्यालय जवानों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता से सोचें ताकि जवान स्वस्थ रह सके और ड्यूटी सही तरीके से निभा सके।






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