ETV Bharat / state

ईटीवी भारत की खबर पर लगी मुहर, सुधाकरण-नीलिमा को मीडिया के सामने लेकर आई तेलंगाना पुलिस

नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने सरेंडर कर दिया है. तेलंगाना पुलिस ने बुधवार को सरेंडर के बाद सतवाजी और नीलिमा को मीडिया के सामने लेकर आई.

सुधाकरण और नीलिमा
author img

By

Published : Feb 13, 2019, 5:43 PM IST

हैदराबाद/रांची: नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने सरेंडर कर दिया है. तेलंगाना पुलिस ने बुधवार को सरेंडर के बाद सतवाजी और नीलिमा को मीडिया के सामने लेकर आई.

सुधाकरण, नीलिमा और जानकारी देते डीजीपी
undefined

इसके साथ ही ईटीवी भारत की खबर पर मुहर भी लग गई. 11 फरवरी को ईटीवी भारत ने सबसे पहले ये खबर ब्रेक की थी कि सुधाकरण और उसकी पत्नी ने सरेंडर कर दिया है. तेलंगाना पुलिस के डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि हमारे पास पिछले एक साल से ऐसा इनपुट था कि सुधाकरण सरेंडर करना चाहता है, उसके बाद से ही हमलोग लगे हुए थे. अब हमें सफलता मिल गई है. सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है.

डीजीपी ने कहा कि सुधाकरण माओवादी संगठन में कई पदों पर रहा है. उन्होंने बताया कि वह तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के निर्मल टाउन का रहने वाला है. वह 12वीं से स्थानीय छात्र संगठन का हिस्सा था. उसके बाद सीपीआईएमएल के जिला कमिटी के संपर्क में आया. उनके विचारों से प्रभावित होकर वह 1982-85 में संगठन से जुड़ गया है. उसके बाद नक्सलियों के लिए बेंगलुरु से विभिन्न जगहों पर आर्म्स सप्लाई करने लगा.

undefined

महेंद्र रेड्डी ने कहा कि सतवाजी के 1986 में आर्म्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद वह 1986-89 तक जेल में रहा. उस दौरान जेल में वरवा राव भी थे. 1989 में ही सुधाकरण जेल से बाहर आया. उसके बाद वरवा राव के नेतृत्व में काम करने लगा.1990 में आदिलाबाद में जिले में सुधाकरण ने माओवादियों का स्मारक बनवाया है. उसके बाद वह अंडरग्राउंड हो गया. उसके बाद माओवादी कमिटी में उसकी हैसियत और कद बढ़ने लगा.

2013 में सुधाकरण सेंट्रल कमिटी में शामिल हो गया है. इसके साथ ही वह बिहार और झारखंड के रिजनल कमिटी का इंचार्ज भी था. इस दौरान इन लोगों ने अपने पर्सनल इंटरेसट के हिसाब से लोगों से पैसा वसूलना शुरू कर दिया था.

वहीं, सुधाकरण की पत्नी नीलिमा ने आठवीं तक की पढ़ाई की है. सुधाकरण 1988 में नीलिमा की शादी हुई थी. वह माओवादियों के क्रांतिकारी गीत से प्रभावित होकर संगठन से जुड़ी थी. शादी के वक्त नीलिमा तीसरी क्लास में पढ़ रही थी.

undefined

कौन है सुधाकरण

सुधाकरण माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य है. सुधाकरण को ओगू सतवाजी, बुरयार, सुधाकर और किरण सहित कई छद्म नामों से जाना जाता है. सुधाकरण तेलंगाना के अदिलाबाद का रहने वाला है. नक्सली सुधाकरण पर एक करोड़ का इनाम घोषित है. सुधाकरण ने झारखंड में अकूत संपत्ति जमा की है. गृह विभाग के आदेश पर पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ के 29 कुख्यात नक्सलियों पर पांच लाख रुपये से लेकर एक करोड़ तक इनाम की घोषणा की थी. इनमें नक्सली नेता सुधाकरण पर एक करोड़ और उसकी पत्नी नीलिमा पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. सुधाकरण की पत्नी नीलिमा तेलंगाना के वरांगल की रहने वाली है.

हैदराबाद/रांची: नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने सरेंडर कर दिया है. तेलंगाना पुलिस ने बुधवार को सरेंडर के बाद सतवाजी और नीलिमा को मीडिया के सामने लेकर आई.

सुधाकरण, नीलिमा और जानकारी देते डीजीपी
undefined

इसके साथ ही ईटीवी भारत की खबर पर मुहर भी लग गई. 11 फरवरी को ईटीवी भारत ने सबसे पहले ये खबर ब्रेक की थी कि सुधाकरण और उसकी पत्नी ने सरेंडर कर दिया है. तेलंगाना पुलिस के डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि हमारे पास पिछले एक साल से ऐसा इनपुट था कि सुधाकरण सरेंडर करना चाहता है, उसके बाद से ही हमलोग लगे हुए थे. अब हमें सफलता मिल गई है. सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है.

डीजीपी ने कहा कि सुधाकरण माओवादी संगठन में कई पदों पर रहा है. उन्होंने बताया कि वह तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के निर्मल टाउन का रहने वाला है. वह 12वीं से स्थानीय छात्र संगठन का हिस्सा था. उसके बाद सीपीआईएमएल के जिला कमिटी के संपर्क में आया. उनके विचारों से प्रभावित होकर वह 1982-85 में संगठन से जुड़ गया है. उसके बाद नक्सलियों के लिए बेंगलुरु से विभिन्न जगहों पर आर्म्स सप्लाई करने लगा.

undefined

महेंद्र रेड्डी ने कहा कि सतवाजी के 1986 में आर्म्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद वह 1986-89 तक जेल में रहा. उस दौरान जेल में वरवा राव भी थे. 1989 में ही सुधाकरण जेल से बाहर आया. उसके बाद वरवा राव के नेतृत्व में काम करने लगा.1990 में आदिलाबाद में जिले में सुधाकरण ने माओवादियों का स्मारक बनवाया है. उसके बाद वह अंडरग्राउंड हो गया. उसके बाद माओवादी कमिटी में उसकी हैसियत और कद बढ़ने लगा.

2013 में सुधाकरण सेंट्रल कमिटी में शामिल हो गया है. इसके साथ ही वह बिहार और झारखंड के रिजनल कमिटी का इंचार्ज भी था. इस दौरान इन लोगों ने अपने पर्सनल इंटरेसट के हिसाब से लोगों से पैसा वसूलना शुरू कर दिया था.

वहीं, सुधाकरण की पत्नी नीलिमा ने आठवीं तक की पढ़ाई की है. सुधाकरण 1988 में नीलिमा की शादी हुई थी. वह माओवादियों के क्रांतिकारी गीत से प्रभावित होकर संगठन से जुड़ी थी. शादी के वक्त नीलिमा तीसरी क्लास में पढ़ रही थी.

undefined

कौन है सुधाकरण

सुधाकरण माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य है. सुधाकरण को ओगू सतवाजी, बुरयार, सुधाकर और किरण सहित कई छद्म नामों से जाना जाता है. सुधाकरण तेलंगाना के अदिलाबाद का रहने वाला है. नक्सली सुधाकरण पर एक करोड़ का इनाम घोषित है. सुधाकरण ने झारखंड में अकूत संपत्ति जमा की है. गृह विभाग के आदेश पर पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ के 29 कुख्यात नक्सलियों पर पांच लाख रुपये से लेकर एक करोड़ तक इनाम की घोषणा की थी. इनमें नक्सली नेता सुधाकरण पर एक करोड़ और उसकी पत्नी नीलिमा पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. सुधाकरण की पत्नी नीलिमा तेलंगाना के वरांगल की रहने वाली है.

Intro:Body:

हैदराबाद/रांची: नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने सरेंडर कर दिया है. तेलंगाना पुलिस ने बुधवार को सरेंडर के बाद सतवाजी और नीलिमा को मीडिया के सामने लेकर आई.





इसके साथ ही ईटीवी भारत की खबर पर मुहर भी लग गई. 11 फरवरी को ईटीवी भारत ने सबसे पहले ये खबर ब्रेक की थी कि सुधाकरण और उसकी पत्नी ने सरेंडर कर दिया है. तेलंगाना पुलिस के डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि हमारे पास पिछले एक साल से ऐसा इनपुट था कि सुधाकरण सरेंडर करना चाहता है, उसके बाद से ही हमलोग लगे हुए थे. अब हमें सफलता मिल गई है. सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है. 





डीजीपी ने कहा कि सुधाकरण माओवादी संगठन में कई पदों पर रहा है. उन्होंने बताया कि वह तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के निर्मल टाउन का रहने वाला है. वह 12वीं से स्थानीय छात्र संगठन का हिस्सा था. उसके बाद सीपीआईएमएल के जिला कमिटी के संपर्क में आया. उनके विचारों से प्रभावित होकर वह 1982-85 में संगठन से जुड़ गया है. उसके बाद नक्सलियों के लिए बेंगलुरु से विभिन्न जगहों पर आर्म्स सप्लाई करने लगा.



 

महेंद्र रेड्डी ने कहा कि सतवाजी के 1986 में आर्म्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद वह 1986-89 तक जेल में रहा. उस दौरान जेल में वरवा राव भी थे. 1989 में ही सुधाकरण जेल से बाहर आया. उसके बाद वरवा राव के नेतृत्व में काम करने लगा.1990 में आदिलाबाद में जिले में सुधाकरण ने माओवादियों का स्मारक बनवाया है. उसके बाद वह अंडरग्राउंड हो गया. उसके बाद माओवादी कमिटी में उसकी हैसियत और कद बढ़ने लगा.





2013 में सुधाकरण सेंट्रल कमिटी में शामिल हो गया है. इसके साथ ही वह बिहार और झारखंड के रिजनल कमिटी का इंचार्ज भी था. इस दौरान इन लोगों ने अपने पर्सनल इंटरेसट के हिसाब से लोगों से पैसा वसूलना शुरू कर दिया था. 





वहीं, सुधाकरण की पत्नी नीलिमा ने आठवीं तक की पढ़ाई की है. सुधाकरण 1988 में नीलिमा की शादी हुई थी. वह माओवादियों के क्रांतिकारी गीत से प्रभावित होकर संगठन से जुड़ी थी. शादी के वक्त नीलिमा तीसरी क्लास में पढ़ रही थी. 





कौन है सुधाकरण

सुधाकरण माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य है. सुधाकरण को ओगू सतवाजी, बुरयार, सुधाकर और किरण सहित कई छद्म नामों से जाना जाता है. सुधाकरण तेलंगाना के अदिलाबाद का रहने वाला है. नक्सली सुधाकरण पर एक करोड़ का इनाम घोषित है. सुधाकरण ने झारखंड में अकूत संपत्ति जमा की है. गृह विभाग के आदेश पर पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ के 29 कुख्यात नक्सलियों पर पांच लाख रुपये से लेकर एक करोड़ तक इनाम की घोषणा की थी.  इनमें नक्सली नेता सुधाकरण पर एक करोड़ और उसकी पत्नी नीलिमा पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. सुधाकरण की पत्नी नीलिमा तेलंगाना के वरांगल की रहने वाली है. 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.