रांचीः प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी ने राज्य की 3 लोकसभा सीटों पर दावेदारों के नाम पर चुप्पी साध रखी है. राजधानी रांची समेत कोडरमा और चतरा लोकसभा सीट के लिए बीजेपी के उम्मीदवार कौन होंगे यह अभी तक क्लियर नहीं हुआ है. पार्टी के अंदरखाने मिली जानकारी के अनुसार राजनीतिक और जातीय समीकरण को देखते हुए पार्टी वैसा उम्मीदवार उतारने के पक्ष में है जो जीत सुनिश्चित करा सके.
हालांकि तीनों सीट पर बीजेपी के सीटिंग एमपी दावेदार हैं, लेकिन मौजूदा राजनीतिक माहौल उनके पक्ष में नहीं है. रांची से सांसद रामटहल चौधरी के समर्थकों ने जहां रविवार को बीजेपी स्टेट हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन किया है. वहीं चतरा के सांसद सुनील सिंह और कोडरमा के सांसद रविंद्र राय भी स्ट्रेटजी के तहत खामोश बैठे हुए हैं. जातीय समीकरण पर जाएं तो 3 लोकसभा सीटों में से 2 अगड़ी जाति के प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद हैं. जबकि एक पर ओबीसी एमपी हैं. वैसे में पार्टी इस सामाजिक समीकरण को संतुलित करने के प्रयास में है.
इन तीनों सीटों के नाम पर फिलहाल चुप्पी रखने के पीछे वाजिब वजह भी बताई जा रही है. एक तरफ जहां राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के बीजेपी में जाने की चर्चा में चतरा और कोडरमा सीट पर दावेदारी को विराम दे दिया है. वहीं रांची लोकसभा सीट पर मौजूदा एमपी के अलावा दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है.
दरअसल राजद की प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली के लिए निकल चुकी हैं और पार्टी के अंदर खाने से मिली जानकारी के अनुसार वो बीजेपी में शामिल हो रही हैं. उनकी मौजूदगी कहीं ना कहीं कोडरमा और चतरा लोकसभा सीट पर इंपैक्ट डालने जा रही है.
वहीं रांची लोकसभा सीट पर चौधरी के अलावा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू और प्रदीप वर्मा के नाम की भी चर्चा जोरों पर है. जबकि अन्य 10 सीटों पर उम्मीदवारों पर एक नजर डालें तो पार्टी ने सामाजिक और जातीय समीकरण को पूरी तरह से बैलेंस करने का प्रयास किया है. एक तरफ जहां कड़िया मुंडा का टिकट काटकर अर्जुन मुंडा को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं राज्य की एसटी सीटों पर पुराने दावेदारों को ही टिकट दिया गया है. साथ ही सीटिंग सांसदों को भी पार्टी ने एक बार फिर मौका दिया है.