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दुमका: इस धार्मिक स्थल की अनूठी है आस्था, हर राहगीर लेकर गुजरता है फूल, पढ़ें क्या है मान्यता - बासुकीनाथ

झारखंड के संथालपरगना प्रमण्डल में बाबा बैजनाथ और बाबा बासुकीनाथ स्थित है. अगर सरकार प्रयास करे, तो इन प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की तरह दानीनाथ मंदिर भी सामने आ सकता है. बाबा दानीनाथ मंदिर दुमका जिले के काठी कुंड प्रखंड में स्थित है.

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Published : Feb 7, 2019, 7:26 AM IST

Updated : Feb 7, 2019, 1:07 PM IST

दुमका: झारखंड के संथालपरगना प्रमण्डल में बाबा बैजनाथ और बाबा बासुकीनाथ स्थित है. अगर सरकार प्रयास करे, तो इन प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की तरह दानीनाथ मंदिर भी सामने आ सकता है. बाबा दानीनाथ मंदिर दुमका जिले के काठी कुंड प्रखंड में स्थित है.

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जिले के मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर काठीकुंड प्रखण्ड में बाबा दानीनाथ का मंदिर स्थित है. यहां शिव-पार्वती के साथ साथ मां काली, बजरंगबली और कई देवी देवताओं की काफी पौराणिक मुर्तियां स्थापित हैं. स्थानीय लोग काफी संख्या में यहां रोज पूजा करने आते हैं. मंदिर के प्रति लोगों की आस्था इस कदर है कि कोई भी अपने निजी वाहन से मंदिर के सामने से गुजरता है, तो मंदिर का फूल लेकर ही आगे बढ़ता है.

यहां के पुजारी जगदीश पांडे का कहना है कि दूरदराज के लोग यहां पहुंचते हैं. मकर संक्रान्ति और शिवरात्रि पर यहां एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. बाबा दानीनाथ मंदिर के प्रांगण में पत्थर की अनगिनत मूर्तियां खुले में मौसम की मार झेल रही है. इससे मूर्तियों को काफी नुकसान हो रहा है.

इस संबंध में श्रद्धालुओं का मानना है कि मंदिर सदियों पुराना है लेकिन इसका जो भी विकास हुआ है वो स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के प्रयास से ही हुआ है. अगर सरकार की नजर इस पर पड़े तो ये एक बड़े धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकता है.

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दुमका: झारखंड के संथालपरगना प्रमण्डल में बाबा बैजनाथ और बाबा बासुकीनाथ स्थित है. अगर सरकार प्रयास करे, तो इन प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की तरह दानीनाथ मंदिर भी सामने आ सकता है. बाबा दानीनाथ मंदिर दुमका जिले के काठी कुंड प्रखंड में स्थित है.

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जिले के मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर काठीकुंड प्रखण्ड में बाबा दानीनाथ का मंदिर स्थित है. यहां शिव-पार्वती के साथ साथ मां काली, बजरंगबली और कई देवी देवताओं की काफी पौराणिक मुर्तियां स्थापित हैं. स्थानीय लोग काफी संख्या में यहां रोज पूजा करने आते हैं. मंदिर के प्रति लोगों की आस्था इस कदर है कि कोई भी अपने निजी वाहन से मंदिर के सामने से गुजरता है, तो मंदिर का फूल लेकर ही आगे बढ़ता है.

यहां के पुजारी जगदीश पांडे का कहना है कि दूरदराज के लोग यहां पहुंचते हैं. मकर संक्रान्ति और शिवरात्रि पर यहां एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. बाबा दानीनाथ मंदिर के प्रांगण में पत्थर की अनगिनत मूर्तियां खुले में मौसम की मार झेल रही है. इससे मूर्तियों को काफी नुकसान हो रहा है.

इस संबंध में श्रद्धालुओं का मानना है कि मंदिर सदियों पुराना है लेकिन इसका जो भी विकास हुआ है वो स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के प्रयास से ही हुआ है. अगर सरकार की नजर इस पर पड़े तो ये एक बड़े धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकता है.

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Intro:दुमका -
झारखंड के संथालपरगना प्रमण्डल अवस्थित है बाबा बैजनाथ और बाबा बासुकीनाथ । अगर सरकार प्रयास करे तो इन प्रसिद्ध धार्मिक स्थल की तरह एक बड़े बाबा दानीनाथ मंदिर भी सामने आ सकता है । बाबा दानीनाथ मंदिर दुमका जिले के काठी कुंड प्रखंड में अवस्थित हैं ।


Body:कहाँ अवस्थित हैं बाबा दानीनाथ मंदिर ।
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दुमका जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर काठीकुंड प्रखण्ड में अवस्थित हैं बाबा दानीनाथ मंदिर । आप दुमका से पाकुड़ या साहिबगंज जा रहे हैं तो रास्ते में यह मंदिर स्थित है । यहाँ शिव - पार्वती के साथ साथ माँ काली , बजरंगबली और कई देवी देवताओं के काफी पौराणिक मंदिर है । स्थानीय लोग काफी संख्या में स्थानीय लोग यहां रोज पूजा करने आते हैं । मंदिर के प्रति लोगों का विश्वास इस कदर है कि कोई भी अगर कोई अपने बाईक या अन्य निजी वाहन से मंदिर के सामने से गुजरता है तो मंदिर का फूल माला लेकर ही आगे बढ़ता है । यहां के पुजारी जगदीश पांडे का कहना है कि दूरदराज के लोग यहां पहुंचते हैं । मकर संक्रान्ति और शिवरात्रि यहां एक बड़े मेले का आयोजन होता है ।

बाईट - जगदीश पांडेय , पुजारी


Conclusion:पत्थर की अनगिनत मूर्तियां है इस मंदिर में ।
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बाबा दानीनाथ मंदिर के प्रांगण में पत्थर की अनगिनत मूर्तियां है । लोगों का कहना है कि यह मूर्तियां वर्षों से यहां रखी हुई है । कुछ मूर्तियों को तो मंदिर के अंदर रख दिया गया है । लेकिन अधिकांश पत्थर की यह मूर्तियां खुले में रखी हुई है । जिससे मौसम की मार झेलते इसको नुकसान हो रहा है ।

क्या कहते हैं श्रद्धालु ।

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इस संबंध में पूजा करने आए श्रद्धालुओं का मानना है कि मंदिर सदियों पुराना है बाबा दानीनाथ का मंदिर । लेकिन इसका जो भी विकास हुआ है वह स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के प्रयास से ही हुआ है । अगर सरकार की नजर इस पर पड़े तो या एक बड़ा धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकता है ।

बाईट - विक्की आनंद , श्रद्धालु
बाईट - रंजन कुमार , श्रद्धालु
Last Updated : Feb 7, 2019, 1:07 PM IST
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