रांची: प्राकृतिक पर्व सरहुल की तैयारी और वन अधिकार कानून को लेकर आदिवासी जन परिषद की बैठक हुई. जहां सरहुल महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने पर चर्चा की गई, साथ ही इसे बड़े पैमाने पर मनाने के लिए सरकार द्वारा विशेष पैकेज की व्यवस्था और दिल्ली में सरोज मिलन समारोह के लिए स्थान देने की मांग की गई.
इस बार में आदिवासी जन परिषद का कहना है कि वे सरहुल महापर्व पूरे देश भर में पहचान दिलाना चाहते हैं. साथ ही वन अधिकार कानून 2006 के आलोक में आदिकाल से जंगलों में निवास करने वाले लोगों को भूमि से बेदखल करने पर गंभीरता से विचार विमर्श किया जाए. आदिवासी जन परिषद ने सरकार से एक साल के अंदर जंगल में निवास करने वाले लोगों को भूमि पट्टा देने की मांग भी की है.
आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि अगर वनों में निवास करने वाले लोगों को वन पट्टा नहीं दिया गया तो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए उलगुलान भी किया जाएगा. सबसे पहले ही यह उलगुलान सिल्ली क्षेत्र से किया जाएगा और अगर सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हुई तो इसका खामियाजा आगामी चुनाव में सत्ता पक्ष को भुगतना होगा.