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'सरहुल पर्व के लिए 'स्पेशल पैकेज' की मांग, वन अधिकार कानून को लेकर होगा उलगुलान' - रांची न्यूज

प्राकृतिक पर्व सरहुल की तैयारी और वन अधिकार कानून को लेकर आदिवासी जन परिषद की बैठक हुई. जहां सरहुल महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने पर चर्चा की गई, साथ ही इसे बड़े पैमाने पर मनाने के लिए सरकार द्वारा विशेष पैकेज की व्यवस्था और दिल्ली में सरोज मिलन समारोह के लिए स्थान देने की मांग की गई.

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Published : Mar 11, 2019, 3:25 AM IST

रांची: प्राकृतिक पर्व सरहुल की तैयारी और वन अधिकार कानून को लेकर आदिवासी जन परिषद की बैठक हुई. जहां सरहुल महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने पर चर्चा की गई, साथ ही इसे बड़े पैमाने पर मनाने के लिए सरकार द्वारा विशेष पैकेज की व्यवस्था और दिल्ली में सरोज मिलन समारोह के लिए स्थान देने की मांग की गई.

इस बार में आदिवासी जन परिषद का कहना है कि वे सरहुल महापर्व पूरे देश भर में पहचान दिलाना चाहते हैं. साथ ही वन अधिकार कानून 2006 के आलोक में आदिकाल से जंगलों में निवास करने वाले लोगों को भूमि से बेदखल करने पर गंभीरता से विचार विमर्श किया जाए. आदिवासी जन परिषद ने सरकार से एक साल के अंदर जंगल में निवास करने वाले लोगों को भूमि पट्टा देने की मांग भी की है.

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आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि अगर वनों में निवास करने वाले लोगों को वन पट्टा नहीं दिया गया तो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए उलगुलान भी किया जाएगा. सबसे पहले ही यह उलगुलान सिल्ली क्षेत्र से किया जाएगा और अगर सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हुई तो इसका खामियाजा आगामी चुनाव में सत्ता पक्ष को भुगतना होगा.

रांची: प्राकृतिक पर्व सरहुल की तैयारी और वन अधिकार कानून को लेकर आदिवासी जन परिषद की बैठक हुई. जहां सरहुल महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने पर चर्चा की गई, साथ ही इसे बड़े पैमाने पर मनाने के लिए सरकार द्वारा विशेष पैकेज की व्यवस्था और दिल्ली में सरोज मिलन समारोह के लिए स्थान देने की मांग की गई.

इस बार में आदिवासी जन परिषद का कहना है कि वे सरहुल महापर्व पूरे देश भर में पहचान दिलाना चाहते हैं. साथ ही वन अधिकार कानून 2006 के आलोक में आदिकाल से जंगलों में निवास करने वाले लोगों को भूमि से बेदखल करने पर गंभीरता से विचार विमर्श किया जाए. आदिवासी जन परिषद ने सरकार से एक साल के अंदर जंगल में निवास करने वाले लोगों को भूमि पट्टा देने की मांग भी की है.

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आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि अगर वनों में निवास करने वाले लोगों को वन पट्टा नहीं दिया गया तो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए उलगुलान भी किया जाएगा. सबसे पहले ही यह उलगुलान सिल्ली क्षेत्र से किया जाएगा और अगर सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हुई तो इसका खामियाजा आगामी चुनाव में सत्ता पक्ष को भुगतना होगा.

Intro:रांची बाइट-- प्रेम शाही मुंडा अध्यक्ष आदिवासी जन परिषद प्राकृतिक का महापर्व सरहुल की तैयारी और वन अधिकार कानून को लेकर आदिवासी जन परिषद की बैठक रांची के करमटोली स्थित केंद्रीय कार्यालय में किया गया। जहां सरहुल महा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने पर चर्चा की गई साथ ही इस त्यौहार को बड़े पैमाने पर मनाने के लिए सरकार द्वारा विशेष पैकेज की व्यवस्था और दिल्ली में सरोज मिलन समारोह मनाने के लिए स्थान देने की मांग सरकार से किया गया


Body:ताकि सरहुल महापर्व पूरे देश भर में पहचान दिला सके।वन अधिकार कानून 2006 के आलोक में आदिकाल से जंगलों में निवास करने वाले लोगों को भूमि से बेदखल करने को लेकर गंभीरता पर विचार विमर्श किया गया आदिवासी जन परिषद ने सरकार से 1 साल के भीतर जंगल में निवास करने वाले लोगों को भूमि पट्टा देने की मांग किया


Conclusion:आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि अगर वनों में निवास करने वाले लोगों को वन पट्टा नहीं दिया गया तो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए उलगुलान भी किया जाएगा सबसे पहले ही यह उलगुलान सिल्ली क्षेत्र से किया जाएगा, और अगर सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हुआ तो चुनाव पर सत्ता पक्ष को भरपाई करना होगा और सरकार भी गिराया जाएगा
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