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निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटों पर लेना होगा मुफ्त दाखिला, शिक्षा विभाग ने जारी किया फरमान

राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया जारी है. योग्य बच्चों के ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. पहले यह प्रक्रिया राज्य में मैनुअली होती थी. शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत प्रवेश कक्षा में कुल उपलब्ध सीटों की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीबी रेखा से नीचे परिवारों के बच्चों का दाखिला लिया जाना अनिवार्य है. माना जा रहा है कि दाखिले की पूरी प्रक्रिया 21 अप्रैल तक पूरी भी हो जाएगी.

कक्षा में मौजूद विद्यार्थी
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Published : Apr 13, 2019, 9:38 AM IST

रांची: शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार निजी स्कूलों में बीपीएल कोटे से नामांकन पर अब ऑनलाइन नजर रखेगी. निजी स्कूलों की मनमानी रोकने और नियमावली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दी है, ताकि इस पर विभाग भी अपने स्तर पर नजर रख सकें. निजी स्कूलों को विभाग की ओर से 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिले का कड़ा निर्देश दिया गया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर


राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया जारी है. योग्य बच्चों के ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. पहले यह प्रक्रिया राज्य में मैनुअली होती थी. शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत प्रवेश कक्षा में कुल उपलब्ध सीटों की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीबी रेखा से नीचे परिवारों के बच्चों का दाखिला लिया जाना अनिवार्य है. माना जा रहा है कि दाखिले की पूरी प्रक्रिया 21 अप्रैल तक पूरी भी हो जाएगी.

ऑनलाइन प्रक्रिया से इस बार आरटीआई के दाखिले में देरी नहीं होगी और पूरी पारदर्शिता के साथ विभाग निजी स्कूलों पर इस संबंध में नजर भी रख पाएगा. दूसरी ओर जो स्कूल इस आदेश को नजरअंदाज करेंगे उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. हालांकि, पिछले साल राज्य के कई जिलों के निजी स्कूलों के साथ ही रांची के कई निजी स्कूलों ने भी जरूरतमंद परिवार के बच्चों को क्षमता के अनुसार एडमिशन नहीं दिया. इस वजह से विभाग की काफी किरकिरी हुई.

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह की मानें तो इस दिशा में लगातार विभाग इंप्रूवमेंट कर रहा है. काफी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जा रहे हैं. एडमिशन को लेकर कार्मिक विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. एक सिस्टम के तहत शिक्षा परियोजना परिषद ने भारत सरकार के एक एनजीओ के साथ संयुक्त रूप से यूनिफॉर्म पोर्टल तैयार किया है. इस पोर्टल के माध्यम से स्कूलों में बीपीएल श्रेणी के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा रहा है. इसी पोर्टल के जरिए अभिभावकों को भी एडमिशन की सूचना मिलेगी और नामांकन फॉर्म भरे जाने के साथ नामांकित बच्चों की ट्रैकिंग भी हो सकेगी.
प्रधान सचिव ने यह भी कहा कि जिस लेवल पर निजी स्कूलों में सीट खाली होगी उस लेवल पर बीपीएल कैटेगरी के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं, इसे लेकर और एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसे मंत्री परिषद से स्वीकृति लेना बाकी है. फिलहाल बेसिक स्तर पर विभाग द्वारा इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं.

रांची: शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार निजी स्कूलों में बीपीएल कोटे से नामांकन पर अब ऑनलाइन नजर रखेगी. निजी स्कूलों की मनमानी रोकने और नियमावली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दी है, ताकि इस पर विभाग भी अपने स्तर पर नजर रख सकें. निजी स्कूलों को विभाग की ओर से 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिले का कड़ा निर्देश दिया गया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर


राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया जारी है. योग्य बच्चों के ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. पहले यह प्रक्रिया राज्य में मैनुअली होती थी. शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत प्रवेश कक्षा में कुल उपलब्ध सीटों की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीबी रेखा से नीचे परिवारों के बच्चों का दाखिला लिया जाना अनिवार्य है. माना जा रहा है कि दाखिले की पूरी प्रक्रिया 21 अप्रैल तक पूरी भी हो जाएगी.

ऑनलाइन प्रक्रिया से इस बार आरटीआई के दाखिले में देरी नहीं होगी और पूरी पारदर्शिता के साथ विभाग निजी स्कूलों पर इस संबंध में नजर भी रख पाएगा. दूसरी ओर जो स्कूल इस आदेश को नजरअंदाज करेंगे उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. हालांकि, पिछले साल राज्य के कई जिलों के निजी स्कूलों के साथ ही रांची के कई निजी स्कूलों ने भी जरूरतमंद परिवार के बच्चों को क्षमता के अनुसार एडमिशन नहीं दिया. इस वजह से विभाग की काफी किरकिरी हुई.

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह की मानें तो इस दिशा में लगातार विभाग इंप्रूवमेंट कर रहा है. काफी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जा रहे हैं. एडमिशन को लेकर कार्मिक विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. एक सिस्टम के तहत शिक्षा परियोजना परिषद ने भारत सरकार के एक एनजीओ के साथ संयुक्त रूप से यूनिफॉर्म पोर्टल तैयार किया है. इस पोर्टल के माध्यम से स्कूलों में बीपीएल श्रेणी के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा रहा है. इसी पोर्टल के जरिए अभिभावकों को भी एडमिशन की सूचना मिलेगी और नामांकन फॉर्म भरे जाने के साथ नामांकित बच्चों की ट्रैकिंग भी हो सकेगी.
प्रधान सचिव ने यह भी कहा कि जिस लेवल पर निजी स्कूलों में सीट खाली होगी उस लेवल पर बीपीएल कैटेगरी के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं, इसे लेकर और एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसे मंत्री परिषद से स्वीकृति लेना बाकी है. फिलहाल बेसिक स्तर पर विभाग द्वारा इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं.

Intro:शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में बीपीएल कोटे से नामांकन पर अब ऑनलाइन नजर रखेगी, निजी स्कूलों की मनमानी रोकने और नियमावली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने पूरे प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है ताकि इस पर विभाग भी अपने स्तर पर नजर रख सके, निजी स्कूलों को विभाग द्वारा 25% सीटों पर मुफ्त दाखिले की कड़ा निर्देश दिया गया है और इस पर अमल नहीं करने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.


Body:राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों की 25% सीटों पर मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया जारी है ,योग्य बच्चों का ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे है, पहले यह प्रक्रिया राज्य में मैनुअली होता था. शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत प्रवेश कक्षा में कुल उपलब्ध सीटों की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के बच्चों का दाखिला लिया जाना अनिवार्य है ,संभवत दाखिले की पूरी प्रक्रिया 21 अप्रैल तक पूरी भी हो जाएगी .ऑनलाइन प्रक्रिया से इस बार आरटीआई के दाखिले में देरी नहीं होगी और पूरी पारदर्शिता के साथ विभाग निजी स्कूलों पर इस संबंध में नजर भी रख पाएगी दूसरी ओर जो स्कूल आनाकानी करेंगे उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. हालांकि पिछले वर्ष राज्य के कई जिलो के निजी स्कूलों के साथ-साथ रांची के कई निजी स्कूलों ने भी जरूरतमंद परिवार के बच्चों को क्षमता के अनुसार एडमिशन नहीं दिया था. इस वजह से विभाग की काफी किरकिरी हुई थी और इसी समस्या को दूर करने के लिए इस बार पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया गया है ,लगातार सुधार भी किया जा रहा है. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ए पी सिंह की मानें तो इस दिशा में लगातार विभाग इंप्रूवमेंट कर रहा है. काफी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जा रहे हैं ,एडमिशन को लेकर कार्मिक विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है .एक सिस्टम के तहत शिक्षा परियोजना परिषद ने भारत सरकार के एक एनजीओ के साथ संयुक्त रूप से यूनिफॉर्म पोर्टल तैयार किया है. इस पोर्टल के माध्यम से स्कूलों में बीपीएल श्रेणी के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा रहा है. इसी पोर्टल के जरिए अभिभावकों को भी एडमिशन की सूचना मिलेगी और नामांकन फॉर्म भरे जाने के साथ नामांकित बच्चों की ट्रैकिंग भी हो सकेगी .जिसका संपर्क सीधा शिक्षा विभाग के साथ होगा और इससे निजी स्कूलों की मनमानी भी रोकी जा सकेगी. प्रधान सचिव ने यह भी कहा कि जिस लेवल पर निजी स्कूलों में सीट खाली होगी उस लेवल पर बीपीएल कैटेगरी के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं इसे लेकर और एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसे मंत्री परिषद से सुकृति लेना बाकी है. फिलहाल बेसिक स्तर पर विभाग द्वारा इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं.


बाइट-ए पी सिंह ,प्रधान सचिव , शिक्षा विभाग झारखंड सरकार.


Conclusion:हालांकि राज्य सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2019 के प्रावधानों के तहत निजी स्कूलों में बीपीएल कोटे से नामांकन पर लगातार जोर दिए जाने के बाद भी निजी स्कूलों की मनमानी रवैया के कारण और यह व्यवस्था मैनुअली होने के कारण निजी स्कूल गरीब बच्चों के नामांकन को लेकर अनाकानी करता रहा है, लेकिन अब यह व्यवस्था ऑनलाइन हो जाने की वजह से राज्य सरकार इसका सीधा मॉनिटरिंग कर पाएंगे जिसका फायदा गरीब बच्चों को होगा. और निजी स्कूलों पर नकेल भी कसा जा सकेगा.
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