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भगवान जगन्नाथ का नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न, आज निकलेगी रथ यात्रा

रांची के जगन्नाथपुर मंदिर से निकलने वाली ऐतिहासिक रथ यात्रा की पूरी तैयारी कर ली गई है. इसे देखते हुए बुधवार को भगवान जगन्नाथ का नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न हुआ.

भगवान जगन्नाथ का नेत्रदान अनुष्ठान
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Published : Jul 3, 2019, 7:49 PM IST

Updated : Jul 4, 2019, 12:00 AM IST

रांची:15 दिनों तक गर्भ गृह में रहने के बाद भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम का वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न हुआ. 108 मंगल आरती और विशेष पूजा-अर्चना कर तीनों विग्रहों का नेतृत्व खोला गया. आज भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसी बाड़ी के लिए रवाना होंगे. इस विशेष पूजा अर्चना के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ी.

देखें पूरी खबर

एक पखवाड़े से पहले भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विशेष पूजा-अर्चना के बाद अज्ञातवास में चले गए थे. आज भगवान जगन्नाथ अपने विग्रहों के साथ रथ पर सवार होकर मौसी बाड़ी जाएंगे और वहां विश्राम करेंगे. बुधवार को भगवान जगन्नाथ गर्भ गृह से बाहर निकले और भक्तों को दर्शन दिए. इस विशेष अनुष्ठान के अवसर पर भगवान जगन्नाथ और उनके विग्रहों की स 108 मंगल आरती हुई और विशेष पूजा अर्चना की गई, भगवान का नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न हुआ.

ये भी पढ़ें- धोनी के पूर्व कोच केशव रंजन बनर्जी ने कहा- देश को दूसरा माही मिलना मुश्किल

ओडिशा के पुरी के तर्ज पर होता है आयोजन
ओडिशा के पुरी के तर्ज पर राजधानी रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में भी प्रत्येक वर्ष धूमधाम से रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. भगवान जगन्नाथ और उनके विग्रहों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. यहां लगने वाले मेले में झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं. जहां हर प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध होती है, इस बार भी इस विशेष आयोजन को लेकर मंदिर समिति द्वारा हर तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है.

रांची:15 दिनों तक गर्भ गृह में रहने के बाद भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम का वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न हुआ. 108 मंगल आरती और विशेष पूजा-अर्चना कर तीनों विग्रहों का नेतृत्व खोला गया. आज भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसी बाड़ी के लिए रवाना होंगे. इस विशेष पूजा अर्चना के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ी.

देखें पूरी खबर

एक पखवाड़े से पहले भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विशेष पूजा-अर्चना के बाद अज्ञातवास में चले गए थे. आज भगवान जगन्नाथ अपने विग्रहों के साथ रथ पर सवार होकर मौसी बाड़ी जाएंगे और वहां विश्राम करेंगे. बुधवार को भगवान जगन्नाथ गर्भ गृह से बाहर निकले और भक्तों को दर्शन दिए. इस विशेष अनुष्ठान के अवसर पर भगवान जगन्नाथ और उनके विग्रहों की स 108 मंगल आरती हुई और विशेष पूजा अर्चना की गई, भगवान का नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न हुआ.

ये भी पढ़ें- धोनी के पूर्व कोच केशव रंजन बनर्जी ने कहा- देश को दूसरा माही मिलना मुश्किल

ओडिशा के पुरी के तर्ज पर होता है आयोजन
ओडिशा के पुरी के तर्ज पर राजधानी रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में भी प्रत्येक वर्ष धूमधाम से रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. भगवान जगन्नाथ और उनके विग्रहों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. यहां लगने वाले मेले में झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं. जहां हर प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध होती है, इस बार भी इस विशेष आयोजन को लेकर मंदिर समिति द्वारा हर तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है.

Intro:रांची।

15 दिनों तक गर्भ गृह में रहने के बाद भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम का वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न हुआ. 108 मंगल आरती और विशेष पूजा-अर्चना कर तीनों विग्रहों का नेतृत्व खोला गया. 4 जुलाई को भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसी बाड़ी के लिए रवाना होंगे. इस विशेष पूजा अर्चना के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ी .लोगों ने जय जगन्नाथ के जयकारे जमकर लगाए.


Body:एक पखवाड़े पहले भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विशेष पूजा-अर्चना के बाद अज्ञातवास में चले गए थे .4 जुलाई को भगवान जगन्नाथ अपने विग्रहों के साथ रथ पर सवार होकर मौसी बाड़ी जाएंगे और वहां विश्राम करेंगे. बुधवार को भगवान जगन्नाथ गर्भ गृह से बाहर निकले और भक्तों को दर्शन दिए .इस विशेष अनुष्ठान के अवसर पर भगवान जगन्नाथ और उनके वीग्रहों की स 108 मंगल आरती हुई और विशेष पूजा अर्चना की गई.भगवान का नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न हुआ.

उड़ीसा के पुरी के तर्ज पर होता है आयोजन:

गौरतलब है कि उड़ीसा के पुरी के तर्ज पर राजधानी रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में भी प्रत्येक वर्ष धूमधाम से रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. भगवान जगन्नाथ और उनके वीग्रहों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. यहां लगने वाले मेले में झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं .जहां हर प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध होती है. इस बार भी इस विशेष आयोजन को लेकर मंदिर समिति द्वारा हर तरह की तैयारियां मुकम्मल कर ली गई है।

बाइट-राजा राम नाईक, विशेष सेवादार।Conclusion:
Last Updated : Jul 4, 2019, 12:00 AM IST
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