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रांची से निर्दलीय दावा ठोक रहे हैं रामटहल, जानिए उनकी पूरी प्रोफाइल

रामटहल चौधरी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. फिलहाल बीजेपी छोड़कर वो रांची से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.

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Published : May 6, 2019, 12:03 AM IST

रांची/हैदराबादः झारखंड की राजधानी रांची संसदीय सीट पर दिलचस्प जंग है. यहां बीजेपी के बागी नेता और पूर्व सांसद रामटहल चौधरी भी मैदान में हैं. जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. रामटहल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

देखिए पूरी रिपोर्ट

रामटहल चौधरी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जनवरी 1942 में रांची के कुच्चू गांव में हुआ था. उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. रामटहल चौधरी 1967 में ओरमांझी पंचायत के प्रमुख बने. 1969 में वो कांके से पहली बार विधायक बने. 1972 में वो दूसरी बार विधायक चुने गए. 1977 में वो ओरमांझी पंचायत समिति प्रमुख बने. 1988 में उन्हें बिहार बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया. 1991 में वो पहली बार रांची लोकसभा संसदीय सीट से चुनाव लड़े. जीतकर पहली बार सांसद बने. 1996 में वो दूसरी बार सांसद बने. 1998 में वो तीसरी बार सांसद बने. 1999 में वो चौथी बार जीतकर सांसद बने. 2004 में वो चुनाव हार गए. 2014 में वो 5वीं बार सांसद बने. 2019 में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बीजेपी छोड़ दी.

रांची/हैदराबादः झारखंड की राजधानी रांची संसदीय सीट पर दिलचस्प जंग है. यहां बीजेपी के बागी नेता और पूर्व सांसद रामटहल चौधरी भी मैदान में हैं. जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. रामटहल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

देखिए पूरी रिपोर्ट

रामटहल चौधरी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जनवरी 1942 में रांची के कुच्चू गांव में हुआ था. उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. रामटहल चौधरी 1967 में ओरमांझी पंचायत के प्रमुख बने. 1969 में वो कांके से पहली बार विधायक बने. 1972 में वो दूसरी बार विधायक चुने गए. 1977 में वो ओरमांझी पंचायत समिति प्रमुख बने. 1988 में उन्हें बिहार बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया. 1991 में वो पहली बार रांची लोकसभा संसदीय सीट से चुनाव लड़े. जीतकर पहली बार सांसद बने. 1996 में वो दूसरी बार सांसद बने. 1998 में वो तीसरी बार सांसद बने. 1999 में वो चौथी बार जीतकर सांसद बने. 2004 में वो चुनाव हार गए. 2014 में वो 5वीं बार सांसद बने. 2019 में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बीजेपी छोड़ दी.

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