रांची: चतरा के सलमान हत्याकांड में सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सीआईडी के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके है. सीआईडी के डीएसपी विनोद रवानी दिल्ली में ही कैंप कर रहे हैं. हालांकि जो जानकारी सीआईडी के सूत्रों से मिली है, सोमवार को भी इस मामले में एसएलपी दायर नहीं हो पाई है.
60 दिनों के अंदर दायर करना होता है एसएलपी
अमूमन कोर्ट आदेश के 60 दिनों के भीतर ही एसएलपी दायर करना होता है, ऐसे में सीआईडी अब इस संबंध में वाजिब तथ्य सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेगी. सीआईडी सूत्रों के मुताबिक, दो-तीन दिनों में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी हो जाएगा.
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परिजन भी कर रहे सीबीआई का विरोध
सलमान हत्याकांड की जांच सीबीआई दिल्ली की स्पेशल सेल के द्वारा की जा रही है. सीबीआई की बीते हफ्ते जांच के लिए परिवार स्थित सलमान के गांव भी गई थी. सीबीआई टीम को ग्रामीणों और सलमान के परिजनों का विरोध झेलना पड़ा था. ग्रामीणों का आरोप था कि सीबीआई अधिकारी मामले की निष्पक्ष जांच के बजाय गवाहों पर बयान बदलने का दबाव डाल रही है. सलमान के परिजनों ने चतरा में सीबीआई के अधिकारियों पर कई तरह के आरोप लगाए हैं.
क्या है मामला
मृतक सलमान के पिता अब्दुल जब्बार ने थाने में दर्ज एफआईआर में लिखा था कि पिपरवार थाना के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, पुलिसकर्मी रवि राम, प्रेम कुमार मिश्र सहित पांच पुलिसकर्मियों ने 23 जून 2017 की रात गश्ती के दौरान उनके घर आये थे. घर पर उनके बेटे सलमान से पुलिसवालों ने पूछताछ की थी. इसके बाद सलमान को घर से बाहर निकालकर थानेदार के कहने पर गोली मार दी गई.
मृतक सलमान के पिता ने आरोप लगाया था कि थानेदार ने साथी पुलिसवालों को कहा कि सलमान को गोली मार दो. फिर सलमान को पुलिसवालों ने काफी नजदीक से दो गोलियां मारी थी. पिपरवार थाने के बाद सीआईडी इस मामले की जांच कर रही थी. सीआईडी की जांच पर गंभीर टिप्पणी करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. 11 जनवरी को सीबीआई ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की थी.