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दुमका: बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, सरकार से लगाई गुहार

विकास के नाम पर इस गांव में अबतक लोगों को केवल आश्वासन ही मिल सका है. इस गांव के लोग पानी के कई मील दूर जाते है ताकि उन्हें पीने का पानी मिल सके. जिससे परेशान ग्रामीणों ने सरकार से पानी मुहैया कराने की गुहार लगाई है.

सरकार से पानी की गुहार.
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Published : Feb 9, 2019, 5:46 PM IST

दुमका: उपराजधानी के सदर प्रखंड बांसजोड़ा गांव में पानी की किल्लत से लोग काफी परेशान है. ग्रामीणों को पानी के लिए दूसरे प्रखंड शिकारीपाड़ा जाना पड़ता है. परेशान ग्रामीणों ने सरकार से पानी की व्यवस्था ठीक कराने की गुहार लगाई है.

सरकार से पानी की गुहार.
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सदर प्रखंड के बांसजोड़ा गांव के ग्रामीणों को इन दिनों गंभीर जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह है गांव में जितने चापाकल है सभी काफी दिनों से खराब हैं. जिसे ठीक कराने के लिए ग्रामीणों ने पैसे इकट्ठे कर उसे बनवाया भी, लेकिन कुछ दिनों के बाद चापाकल दोबारा खराब हो गया. जिसे लोग अब बनवाने में सक्षम नहीं हैं.

बांसजोड़ा गांव के सभी लोग पानी लेने शिकारीपाड़ा प्रखंड के चुकापानी गांव जाते हैं. चापाकल को बनवा पाने में असमर्थ लोग अब सरकार से पानी के लिए गुहार लगा रहे हैं.


दुमका: उपराजधानी के सदर प्रखंड बांसजोड़ा गांव में पानी की किल्लत से लोग काफी परेशान है. ग्रामीणों को पानी के लिए दूसरे प्रखंड शिकारीपाड़ा जाना पड़ता है. परेशान ग्रामीणों ने सरकार से पानी की व्यवस्था ठीक कराने की गुहार लगाई है.

सरकार से पानी की गुहार.
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सदर प्रखंड के बांसजोड़ा गांव के ग्रामीणों को इन दिनों गंभीर जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह है गांव में जितने चापाकल है सभी काफी दिनों से खराब हैं. जिसे ठीक कराने के लिए ग्रामीणों ने पैसे इकट्ठे कर उसे बनवाया भी, लेकिन कुछ दिनों के बाद चापाकल दोबारा खराब हो गया. जिसे लोग अब बनवाने में सक्षम नहीं हैं.

बांसजोड़ा गांव के सभी लोग पानी लेने शिकारीपाड़ा प्रखंड के चुकापानी गांव जाते हैं. चापाकल को बनवा पाने में असमर्थ लोग अब सरकार से पानी के लिए गुहार लगा रहे हैं.


Intro:दुमका -
विकास - विकास- विकास ..... आज जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी एक ही रट लगाते रहते हैं काफी विकास हुआ । अब विकास की वास्तविकता देखनी हो तो ग्रामीण क्षेत्र में जाईए । दुमका के सदर प्रखंड के बाँसजोड़ा गांव में पानी के लिए ग्रामीणों को दूसरे प्रखण्ड शिकारीपाड़ा जाना पड़ता है । इससे ग्रामीण परेशान है और वे प्रशासन से पानी की व्यवस्था करने की गुहार लगा रहे हैं ।


Body:क्या है पूरा मामला ।
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दुमका के सदर प्रखंड के बाँसजोड़ा गांव के ग्रामीणों को इन दिनों गम्भीर जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है । इसकी वजह है गांव में जितने चापाकल है सभी काफी दिनों से खराब है । गांववालों ने पैसे इकट्ठे कर उसे बनवाया लेकिन खराबी ज्यादा थी इसलिए ज्यादा दिन नहीं टिका । गांववाले गरीब है इसलिए दोबारा नहीं बना । लगभग दो महीने से चापाकल खराब है । गांव वाले गंभीर जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है ।


दूसरे प्रखण्ड में जाते हैं पानी के लिए ।
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सदर प्रखण्ड के बाँसजोड़ा गांव जहाँ जलसंकट है उससे थोड़ी दूर से ही शिकारीपाड़ा प्रखण्ड शुरू हो जाता है । पानी लेने बाँसजोड़ा गांव के लोग शिकारीपाड़ा प्रखण्ड के चुकापानी गांव जाते हैं । जब ईटीवी भारत की टीम इस गांव में पहुंची उस वक्त भी कई ग्रामीण महिलाएं दूसरे गांव से ढोकर पानी लाती नजर आई । ग्रामीणों ने अपनी व्यथा ईटीवी भारत संवाददाता से शेयर की । उन्होंने कहा कि आदमी की बात छोड़िये मवेशियों को भी इससे काफी दिक्कत हो रही है ।

बाईट - पूर्णिमा , सुकुमारी देवी , सुभद्रा देवी , सुभाष और भीम मण्डल , सभी ग्रामीण


Conclusion:क्या कहते हैं अधिकारी ।
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इस सम्वन्ध में जब हमने दुमका के पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता से बात की तो उन्होंने बताया कि 14 वें वित्त आयोग की राशि मुखिया को इस मद के लिए दिया गया है । उसे करना चाहिए था और वह अगर नहीं किया तो दो से तीन दिन में इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा ।

बाईट मनोज कुमार चौधरी , कार्यपालक अभियंता , पेयजल विभाग , दुमका ।

फाईनल वीओ - अगर आज भी लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़े यह एक सभ्य समाज के लिए काफी निराशा और शर्म की बात है ।

मनोज केशरी ,
इटीवी भारत , दुमका ।
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