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'घर-घर दस्तक' कार्यक्रम का आयोजन, कानून और सरकारी योजनाओं से लोग होंगे रूबरू - University Lok Adalat

घर-घर दस्तक कार्यक्रम के तहत डलसा और पीएवी लोगों को सरकारी और कानून से संबंधित जानकारियां लोगों को देंगे. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. झालसा और डालसा के इस प्रयास से जमीनी स्तर पर गतिविधि आयोजित की जाएगी, जिससे आमलोगों को लाभ मिलेगा.

झालसा ने बनाई योजना.
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Published : Feb 5, 2019, 8:08 PM IST

रांचीः आम जनता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) हमेशा अपने अनूठी पहल के लिए सराहा जाता रहा है. स्कूलों में लीगल लिटरेसी क्लब की बात हो या फिर यूनिवर्सिटी लोक अदालत की यह लगाकर एक साथ विश्वविद्यालयों के हजारों कर्मचारियों को लाभ दिलाने का भी काम करता आया है.

झालसा ने बनाई योजना.
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मध्यस्थता के माध्यम से दो टूटते परिवारों को मिलाने की बात करें या फिल लोक अदालत के माध्यम से सुलह समझौता कराकर मामलों का त्वरित निष्पादन की. इस बार भी झालसा ने पिछले साल से अलग हटकर कार्य करने की योजना बनाई है. जिसमें साल के प्रत्येक महीने के लिए गतिविधि तय किया गया हैं. जिसमें 'घर-घर दस्तक' कार्यक्रम खास माना जा रहा है.

आम लोगों को होगा लाभ
इसके तहत झालसा और डालसा के पैनल अधिवक्ता और पैरा लीगल वॉलेंटियर (पीएलवी) लोगों के घर-घर दस्तक देंगे. उसके अनुरूप राज्य के जिलों में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा ) को भी कार्य करने का निर्देश दिया गया है. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. झालसा और डालसा के इस प्रयास से जमीनी स्तर पर गतिविधि आयोजित की जाएगी, जिससे आमलोगों को लाभ मिलेगा.

अशिक्षित और कमजोर लोग होंगे जागरूक
इसमें वैसे व्यक्तियों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा जो समाज के अंतिम पायदान पर हैं. साथ ही जिनमें अशिक्षा का भाव है, योजना या कानून की समझ नहीं है. योजनाओं से वंचित हैं या फिर आर्थिक रूप से कमजोर हैं. 'घर घर दस्तक' के तहत झालसा और डालसा के पीएलवी और पैनल अधिवक्ता प्रत्येक घर में जाएंगे और लोगों को सरकार की योजना और विधिक सहायता प्रदान करेंगे

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रांचीः आम जनता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) हमेशा अपने अनूठी पहल के लिए सराहा जाता रहा है. स्कूलों में लीगल लिटरेसी क्लब की बात हो या फिर यूनिवर्सिटी लोक अदालत की यह लगाकर एक साथ विश्वविद्यालयों के हजारों कर्मचारियों को लाभ दिलाने का भी काम करता आया है.

झालसा ने बनाई योजना.
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मध्यस्थता के माध्यम से दो टूटते परिवारों को मिलाने की बात करें या फिल लोक अदालत के माध्यम से सुलह समझौता कराकर मामलों का त्वरित निष्पादन की. इस बार भी झालसा ने पिछले साल से अलग हटकर कार्य करने की योजना बनाई है. जिसमें साल के प्रत्येक महीने के लिए गतिविधि तय किया गया हैं. जिसमें 'घर-घर दस्तक' कार्यक्रम खास माना जा रहा है.

आम लोगों को होगा लाभ
इसके तहत झालसा और डालसा के पैनल अधिवक्ता और पैरा लीगल वॉलेंटियर (पीएलवी) लोगों के घर-घर दस्तक देंगे. उसके अनुरूप राज्य के जिलों में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा ) को भी कार्य करने का निर्देश दिया गया है. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. झालसा और डालसा के इस प्रयास से जमीनी स्तर पर गतिविधि आयोजित की जाएगी, जिससे आमलोगों को लाभ मिलेगा.

अशिक्षित और कमजोर लोग होंगे जागरूक
इसमें वैसे व्यक्तियों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा जो समाज के अंतिम पायदान पर हैं. साथ ही जिनमें अशिक्षा का भाव है, योजना या कानून की समझ नहीं है. योजनाओं से वंचित हैं या फिर आर्थिक रूप से कमजोर हैं. 'घर घर दस्तक' के तहत झालसा और डालसा के पीएलवी और पैनल अधिवक्ता प्रत्येक घर में जाएंगे और लोगों को सरकार की योजना और विधिक सहायता प्रदान करेंगे

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Intro:नोटः स्पेशल स्टोरीः यह स्टोरी कल के डे प्लान में थी. लेकिन नहीं भेजी जा सकी थी.
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रांचीः आम जनों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) हमेशा अपने अनूठी पहल के लिए सराहा जाता रहा है. स्कूलों में लीगल लिटरेसी क्लब की बात हो या फिर यूनिवर्सिटी लोक अदालत लगाकर एक साथ विश्वविद्यालयों के हजारों कर्मचारियों को लाभ दिलाने की.
मध्यस्थता के माध्यम से दो टूटते परिवारों को मिलाने की बात करें या फिल लोक अदालत के माध्यम से सुलह समझौता कराकर मामलों का त्वरित निष्पादन की. इस बार भी झालसा ने पिछले वर्ष से अलग हटकर कार्य करने की योजना बनाई है. वर्ष 2019 के अपने कैलेंडर में ही गतिविधियों को अंकित किया है. साल के प्रत्येक माह के लिए गतिविधि तय किए गये हैं. गसमें 'घर-घर दस्तक' कार्यक्रम खास माना जा रहा है. इसके तहत झालसा और डालसा के पैनल अधिवक्ता और पैरा लीगल वोलेंटियर(पीएलवी) लोगों के घर घर दस्तक देंगे. उसके अनुरुप राज्य के जिलों में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा ) को भी कार्य करने का निर्देश दिया गया है. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. झालसा और डालसा के इस प्रयास से जमीनी स्तर पर गतिविधि आयोजित की जाएगी, जिससे आम लोगों को लाभ मिलेगा.
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Body:प्रथम सप्ताह में 'घर-घर दस्तक' कार्यक्रमः

इसी के तहत 'घर घर दस्तक' प्रोजेक्ट तैयार किया गया है.
इसमें वैसे व्यक्तियों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा जो समाज के अंतिम पायदान पर हैं. उनमें अशिक्षा का भाव है. योजना या कानून की समझ नहीं है. योजनाओं से वंचित हैं या फिर आर्थिक रूप से कमजोर हैं. 'घर घर दस्तक' के तहत झालसा और डालसा के पीएलवी और पैनल अधिवक्ता प्रत्येक घर में जाएंगे और लोगों को सरकार की योजना और विधिक सहायता प्रदान करेंगे. ' घर- घर दस्तक' का कार्यक्रम प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में चलेगा.
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Conclusion:विधिक सहायता देने का होगा कार्यः

झारखंड हाई कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के सचिव संतोष कुमार ने बताया कि घर-घर दस्तक कार्यक्रम के तहत झालसा के पैनल अधिवक्ता और पीएलवी सभी लोगों के घर पर दस्तक देंगे. वहां लोगों की समस्याएं सुनेंगे. विधिक सेवा के लिए उन्हें अगर आवेदन देना है तो आवेदन लेंगे. कंपनसेशन के लिए जो योग्य होंगे उन्हें कंपनसेशन दिलाने के लिए काम करेंगे. सरकार के कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवेदन लिया जाएगा. जिनके परिजन जेल में बंद है उनके लिए आवेदन लेकर विधिक सेवा देने का कार्य किया जाएगा.
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