रांची: महिलाएं किसी भी काम में पुरुषों से कम नहीं. इस बात को चरितार्थ करती हुई रांची की महिलाओं ने परंपरागत अस्त्र-शस्त्र प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में पहली बार महिलाओं ने बढ़चढ़ कर अपना दमखम दिखाया. झांसी की रानी बन महिलाओं को अस्त्र-शस्त्र भांजते देख लोग दंग रह गए.
दरअसल, रामनवमी और विजयादशमी के अवसर पर पिठोरिया के दुर्गा मंदिर प्रांगण में अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें दूर दराज के अखाड़े से अपने हथियार और गाजे बाजे के साथ इस प्रतियोगी में भाग लेने पहुंचे.
वहीं इस वर्ष महिलाओं की एक टोली अस्त्र-शस्त्र चलन प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची और बेहतरीन कला का प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन से लोगों को यह बताने की कोशिश की गई कि महिलाएं आज किसी भी कार्य क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. वो तलवार उठा कर रानी लक्ष्मीबाई की तरह दुश्मनों का गला भी धड़ से अलग करने की ताकत रखती हैं.
बता दें कि झांसी की रानी बनी ये महिलाए राजधानी के हटिया क्षेत्र की रहने वाली हैं. झांसी की रानी का वेश जय श्रीराम के नारे लगाते हुए इनलोगों ने कहा कि हम लोग महिला सशक्तिकरण को आगे लाने के लिए यह जुलूस लेकर हैं. अपने खेल के प्रदर्शन से यह संदेश देना चाहते हैं कि महिलाएं किसी भी कार्य क्षेत्र में पीछे नहीं है.