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BJP के रडार पर अपोजिशन के नेता, लोस चुनावों के मद्देनजर संशय का माहौल! - ईटीवी भारत

लोकसभा चुनाव के आते ही राजनीतिक दल एक-दूसरे को टारगेट करने लगे हैं. इस बार भी बीजेपी विपक्षी नेताओं को परेशान करने में सक्रियता दिखा सकती है. लेकिन विपक्ष के नेताओं का कहना है कि जनता की अदालत से बड़ी कोई कोर्ट नहीं है और वहां सबका हिसाब होगा.

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Published : Mar 27, 2019, 4:57 PM IST

Updated : Mar 27, 2019, 5:30 PM IST


रांची: प्रदेश के विपक्षी दलों के कुछ विधायक और जनप्रतिनिधि कथित रूप से सरकार के रडार पर हैं. ये वैसे जनप्रतिनिधि हैं जो सत्तारूढ़ बीजेपी कि लोकसभा चुनाव विजय यात्रा में रोड़ा अटका सकते हैं. विपक्षी दलों की माने तो उनके जनप्रतिनिधि जिनके खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज हैं उन पर सरकार कथित रूप से सक्रियता दिखा सकती है.

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विपक्षी दलों के नेताओं का मानना है यह वैसे जनप्रतिनिधि हैं जिनका जनता से सीधा सरोकार है और कहीं ना कहीं वह वोट प्रतिशत को प्रभावित कर सकते हैं. फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों को लेकर सबसे ज्यादा शंका व्यक्त की जा रही है. पार्टी पदाधिकारियों की माने तो उनके विधायक सबसे ज्यादा टारगेट किए जा रहे हैं. हालांकि, पार्टी के डुमरी से विधायक जगरनाथ महतो के ऊपर हत्या का एक मामला चल रहा है. वहीं, पार्टी के दूसरे विधायक पौलुस सुरीन के ऊपर भी आपराधिक मामला चल रहा है.

जबकि झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव बंधु तिर्की के ऊपर भी नेशनल गेम्स मामले में एसीबी ने शिकंजा कसा है. वहीं, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार पर 2011 के लोकसभा उपचुनाव में नक्सली समर जी से फोन पर बात करने के मामले में आरोप गठित किया गया है.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि सरकार जानबूझकर विपक्षी दल के विधायकों को टारगेट करने में लगी है. एक पोलिटिकल कांस्पीरेसी के तहत वैसे विधायकों को टारगेट किया जा रहा है. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि उनके दल के नेता भी रडार पर हैं. पूर्व मंत्री और झाविमो नेता बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले जनता की अदालत में इसका फैसला होगा.


रांची: प्रदेश के विपक्षी दलों के कुछ विधायक और जनप्रतिनिधि कथित रूप से सरकार के रडार पर हैं. ये वैसे जनप्रतिनिधि हैं जो सत्तारूढ़ बीजेपी कि लोकसभा चुनाव विजय यात्रा में रोड़ा अटका सकते हैं. विपक्षी दलों की माने तो उनके जनप्रतिनिधि जिनके खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज हैं उन पर सरकार कथित रूप से सक्रियता दिखा सकती है.

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विपक्षी दलों के नेताओं का मानना है यह वैसे जनप्रतिनिधि हैं जिनका जनता से सीधा सरोकार है और कहीं ना कहीं वह वोट प्रतिशत को प्रभावित कर सकते हैं. फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों को लेकर सबसे ज्यादा शंका व्यक्त की जा रही है. पार्टी पदाधिकारियों की माने तो उनके विधायक सबसे ज्यादा टारगेट किए जा रहे हैं. हालांकि, पार्टी के डुमरी से विधायक जगरनाथ महतो के ऊपर हत्या का एक मामला चल रहा है. वहीं, पार्टी के दूसरे विधायक पौलुस सुरीन के ऊपर भी आपराधिक मामला चल रहा है.

जबकि झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव बंधु तिर्की के ऊपर भी नेशनल गेम्स मामले में एसीबी ने शिकंजा कसा है. वहीं, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार पर 2011 के लोकसभा उपचुनाव में नक्सली समर जी से फोन पर बात करने के मामले में आरोप गठित किया गया है.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि सरकार जानबूझकर विपक्षी दल के विधायकों को टारगेट करने में लगी है. एक पोलिटिकल कांस्पीरेसी के तहत वैसे विधायकों को टारगेट किया जा रहा है. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि उनके दल के नेता भी रडार पर हैं. पूर्व मंत्री और झाविमो नेता बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले जनता की अदालत में इसका फैसला होगा.

Intro:रांची। प्रदेश के विपक्षी दलों के कुछ विधायक और जनप्रतिनिधि कथित रूप से सरकार के रडार पर हैं। ये वैसे जनप्रतिनिधि हैं जो सत्तारूढ़ बीजेपी कि लोकसभा चुनाव विजय यात्रा में रोड़ा अटका सकते हैं। विपक्षी दलों की माने तो उनके जनप्रतिनिधि जिनके खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज हैं उनपर सरकार कथित रूप से सक्रियता दिखा सकती है। विपक्षी दलों के नेताओं का मानना है यह वैसे जनप्रतिनिधि हैं जिनका जनता से सीधा सरोकार है और कहीं ना कहीं वह वोट प्रतिशत को प्रभावित कर सकते हैं।





Body:किन प्रमुख नेताओं के खिलाफ चल रहे हैं मामले

दरअसल फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों को लेकर सबसे ज्यादा शंका व्यक्त की जा रही है।पार्टी पदाधिकारियों की माने तो उनके विधायक सबसे ज्यादा टारगेट किए जा रहे हैं। हालांकि पार्टी के डुमरी से विधायक जगन्नाथ महतो के ऊपर हत्या का एक मामला चल रहा है। वहीं पार्टी के दूसरे विधायक पौलुस सुरीन के ऊपर भी आपराधिक मामला चल रहा है।
जबकि झारखण्ड विकास मोर्चा के महासचिव बंधु तिर्की के ऊपर भी नेशनल गेम्स मामले में एसीबी ने शिकंजा कसा है। वहीं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार पर 2011 के लोकसभा उपचुनाव में नक्सली समर जी से फोन पर बात करने के मामले में आरोप गठित किया गया है।


Conclusion:क्या कहते है विपक्षी दल के नेता
झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि सरकार जानबूझकर विपक्षी दल के विधायकों को टारगेट करने में लगी है।एक पोलिटिकल कांस्पीरेसी के तहत वैसे विधायकों को टारगेट किया जा रहा है। वहीं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि उनके दल के नेता भी रडार पर हैं। वहीं इस बाबत पूछे जानेपर पूर्व मंत्री और झाविमो नेता बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले जनता की अदालत में इसका फैसला होगा।
Last Updated : Mar 27, 2019, 5:30 PM IST
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