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लोकसभा चुनाव के बाद NDA घटक दल विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को ले ठोंक रहे हैं ताल, LJP-JDU ने कहा- रखेंगे अपनी बात

लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद झारखंड में एनडीए अब विधानसा चुनाव की तैयारी में हैं. एनडीए के दल सीट की दावेदारी के लिए दावेदारी करने लगे हैं.

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Published : May 25, 2019, 8:08 PM IST

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रांची: चुनाव की समाप्ति के बाद एनडीए के घटक दल अब राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव में एनडीए के प्रमुख घटक दल आजसू पार्टी को 1 सीट मिली और पार्टी उम्मीदवार उस पर विजय भी हुए लेकिन लोजपा और जनता दल यूनाइटेड के नेता इस अवसर से वंचित रह गए. इसको लेकर जदयू और लोजपा ने झारखंड विधानसभा में अपनी सम्मानजनक सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा शुरू कर दी है. हालांकि दोनों दलों का झारखंड में एक भी विधायक नहीं है लेकिन दावे के अनुसार उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

देखें पूरी खबर

सम्मानजनक शेयरिंग की पक्षधर है लोजपा
लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिरेंद्र प्रधान ने कहा कि पार्टी संसदीय चुनाव में अपनी हिस्सेदारी मांग रही थी लेकिन झारखंड में उसे सीट नहीं मिली. उन्होंने कहा कि अब विधानसभा में पार्टी अपनी हिस्सेदारी को लेकर सजग है. प्रधान ने कहा कि राज्य के 81 विधानसभा सीट में सम्मानजनक समझौते को ले पार्टी अपने आला नेताओं से चर्चा करेगी और फिर यह बात कोआर्डिनेशन कमेटी में भी रखी जाएगी.

ये भी भढ़ें- लोकसभा चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस में गुटबाजी तेज, प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी को हटाने की मांग

जदयू के रहे हैं विधायक और मंत्री
वहीं, जनता दल यूनाइटेड ने भी स्पष्ट किया कि झारखंड में उसे अपनी जमीन और मजबूत करनी है. इसलिए विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी के लिए पार्टी हर संभव कोशिश करेंगे. पार्टी के पूर्व महासचिव धनंजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जदयू के कभी विधायक झारखंड में नहीं रहे. उन्होंने कहा कि एक समय था कि जब जदयू के 8 विधायक झारखंड से थे और यहां तक कि मंत्री बने. ऐसी स्थिति में पार्टी को जमीन तलाशने की जरूरत नहीं है उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर अंतिम निर्णय पार्टी के आलाकमान को लेना है लेकिन पार्टी के राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र पर तैयारी कर रही है.

ये भी पढ़ें- सबसे खराब दौर में 15 साल राज करने वाला राजद, आज लालू से मिल सकते हैं कई नेता

आजसू भी करेगा मजबूत दावा
वहीं, चार विधायक वाली आजसू पार्टी ने स्पष्ट किया कि अब सीट शेयरिंग को लेकर वह भी सजग है और पार्टी कहीं ना कहीं विधानसभा चुनाव में अपना दमदार पक्ष रखेगी. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव समाप्त हुए हैं, इसलिए पार्टी थोड़े दिनों के बाद इन सब विषयों पर चर्चा करेगी और अपना दावा उचित प्लेटफार्म पर रखेगी.

बता दें कि एनडीए फोल्डर में झारखंड में फिलहाल बीजेपी के साथ आजसू पार्टी, लोजपा और जनता दल यूनाइटेड हैं. 81 इलेक्टेड विधायकों वाली झारखंड विधानसभा में बीजेपी के 43 और आजसू के 4 विधायक हैं जबकि लोजपा और जेडीयू का एक भी एमएलए नहीं है.

रांची: चुनाव की समाप्ति के बाद एनडीए के घटक दल अब राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव में एनडीए के प्रमुख घटक दल आजसू पार्टी को 1 सीट मिली और पार्टी उम्मीदवार उस पर विजय भी हुए लेकिन लोजपा और जनता दल यूनाइटेड के नेता इस अवसर से वंचित रह गए. इसको लेकर जदयू और लोजपा ने झारखंड विधानसभा में अपनी सम्मानजनक सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा शुरू कर दी है. हालांकि दोनों दलों का झारखंड में एक भी विधायक नहीं है लेकिन दावे के अनुसार उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

देखें पूरी खबर

सम्मानजनक शेयरिंग की पक्षधर है लोजपा
लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिरेंद्र प्रधान ने कहा कि पार्टी संसदीय चुनाव में अपनी हिस्सेदारी मांग रही थी लेकिन झारखंड में उसे सीट नहीं मिली. उन्होंने कहा कि अब विधानसभा में पार्टी अपनी हिस्सेदारी को लेकर सजग है. प्रधान ने कहा कि राज्य के 81 विधानसभा सीट में सम्मानजनक समझौते को ले पार्टी अपने आला नेताओं से चर्चा करेगी और फिर यह बात कोआर्डिनेशन कमेटी में भी रखी जाएगी.

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जदयू के रहे हैं विधायक और मंत्री
वहीं, जनता दल यूनाइटेड ने भी स्पष्ट किया कि झारखंड में उसे अपनी जमीन और मजबूत करनी है. इसलिए विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी के लिए पार्टी हर संभव कोशिश करेंगे. पार्टी के पूर्व महासचिव धनंजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जदयू के कभी विधायक झारखंड में नहीं रहे. उन्होंने कहा कि एक समय था कि जब जदयू के 8 विधायक झारखंड से थे और यहां तक कि मंत्री बने. ऐसी स्थिति में पार्टी को जमीन तलाशने की जरूरत नहीं है उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर अंतिम निर्णय पार्टी के आलाकमान को लेना है लेकिन पार्टी के राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र पर तैयारी कर रही है.

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आजसू भी करेगा मजबूत दावा
वहीं, चार विधायक वाली आजसू पार्टी ने स्पष्ट किया कि अब सीट शेयरिंग को लेकर वह भी सजग है और पार्टी कहीं ना कहीं विधानसभा चुनाव में अपना दमदार पक्ष रखेगी. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव समाप्त हुए हैं, इसलिए पार्टी थोड़े दिनों के बाद इन सब विषयों पर चर्चा करेगी और अपना दावा उचित प्लेटफार्म पर रखेगी.

बता दें कि एनडीए फोल्डर में झारखंड में फिलहाल बीजेपी के साथ आजसू पार्टी, लोजपा और जनता दल यूनाइटेड हैं. 81 इलेक्टेड विधायकों वाली झारखंड विधानसभा में बीजेपी के 43 और आजसू के 4 विधायक हैं जबकि लोजपा और जेडीयू का एक भी एमएलए नहीं है.

Intro:रांची। चुनाव के समाप्ति के बाद एनडीए के घटक दल अब राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव में एनडीए के प्रमुख घटक दल आजसू पार्टी को 1 सीट मिली और पार्टी उम्मीदवार उस पर विजय भी हुए लेकिन लोजपा और जनता दल यूनाइटेड के नेता इस अवसर से वंचित रह गए। इसको लेकर जदयू और लोजपा ने झारखंड विधानसभा में अपनी सम्मानजनक सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। हालांकि दोनों दलों का झारखंड में एक भी विधायक नहीं है लेकिन दावे के अनुसार उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।

सम्मानजनक शेयरिंग की पक्षधर है लोजपा
लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिरेंद्र प्रधान ने कहा कि पार्टी संसदीय चुनाव में अपनी हिस्सेदारी मांग रही थी लेकिन झारखंड में उसे सीट नहीं मिली। उन्होंने कहा कि अब विधानसभा में पार्टी अपनी हिस्सेदारी को लेकर सजग है।


Body:प्रधान ने कहा कि राज्य के 81 विधानसभा सीट में सम्मानजनक समझौते को ले पार्टी अपने आला नेताओं से चर्चा करेगी और फिर यह बात कोआर्डिनेशन कमेटी में भी रखी जाएगी।

जदयू के रहे हैं विधायक और मंत्री
वहीं जनता दल यूनाइटेड ने भी स्पष्ट किया कि झारखंड में उसे अपनी जमीन और मजबूत करनी है। इसलिए विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी के लिए पार्टी हर संभव कोशिश करेंगे। पार्टी के पूर्व महासचिव धनंजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जदयू के कभी विधायक झारखंड में नहीं रहे। उन्होंने कहा कि एक समय था कि जब जदयू के 8 विधायक झारखंड से थे और यहां तक कि मंत्री बने। ऐसी स्थिति में पार्टी को जमीन तलाशने की जरूरत नहीं है उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर अंतिम निर्णय पार्टी के आलाकमान को लेना है लेकिन पार्टी के राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र पर तैयारी कर रही है।


Conclusion:आजसू भी करेगा मजबूत दावा
वहीं चार विधायक वाली आजसू पार्टी ने स्पष्ट किया कि अब सीट शेयरिंग को लेकर वह भी सजग है और पार्टी कहीं ना कहीं विधानसभा चुनाव में अपना दमदार पक्ष रखेगी। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव समाप्त हुए हैं इसलिए पार्टी थोड़े दिनों के बाद इन सब विषयों पर चर्चा करेगी और अपना दावा उचित प्लेटफार्म पर रखेगी।

बता दें कि एनडीए फोल्डर में झारखंड में फिलहाल बीजेपी के साथ आजसू पार्टी, लोजपा और जनता दल यूनाइटेड हैं। 81इलेक्टेड विधायकों वाली झारखंड विधानसभा में बीजेपी के 43 और आजसू के 4 विधायक हैं जबकि लोजपा और जनता दल का एक भी एमएलए नहीं है।
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