रांची: लंबे समय से झारखण्ड असेंबली स्पीकर के ट्रिब्यूनल में चल रहे दलबदल मामले में बुधवार को फैसला आते ही 6 आरोपी झारखंड विकास मोर्चा के विधायकों में से एक जानकी यादव ने कहा कि अब वह इलेक्शन कमीशन से झाविमो का सिंबल रद्द करने की मांग करेंगे.
उन्होंने कहा कि उनका विलय कानून सम्मत और नियम सम्मत था. उन्होंने कहा कि पार्टी के 8 में से 6 विधायकों का विलय बीजेपी में हो गया है तो अब वहां बचा ही कौन? यादव ने कहा कि वे लोग भी पढ़े लिखे हैं और उनके खुद के पास मास्टर डिग्री है. उन्होंने समझ बूझकर जेवीएम का बीजेपी में विलय किया और दसवीं अनुसूची का मामला तो जबरदस्ती उन्हें परेशान करने के लिए थोपा गया था.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह निर्णय बहुत ही विवेकपूर्ण है और इसके लिए वह स्पीकर को धन्यवाद देते हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ कहा कि झाविमो के विधायक प्रदीप यादव अब निर्दलीय हो गए और अब बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव को सोचना होगा कि वह किस दल में हैं. साथ ही जानकी यादव ने झाविमो के विधायक प्रकाश राम द्वारा भी जल्द ही बीजेपी ज्वाइन करने का इशारा भी कर दिया. उन्होंने कहा कि इस निर्णय को लोकतंत्र की हत्या बताने वाले झाविमो के नेताओं को यह सोचना चाहिए कि जब 8 में से 6 विधायक एक साथ हैं तो ऐसे में दसवीं अनुसूची का मामला कैसे बनता है.
उन्होंने कहा कि यह मुकदमा उन लोगों को मेंटली टॉर्चर करने के लिए किया गया था और उन्होंने भी दसवीं अनुसूची के नियमों का अध्ययन करने के बाद झाविमो का विलय बीजेपी में किया है. बता दें कि 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड विकास मोर्चा के 8 में से 6 विधायकों ने बीजेपी में पार्टी का विलय करा लिया था. उन छह विधायकों में अमर बाउरी, आलोक चौरसिया, गणेश गंझू, जानकी यादव, रणधीर सिंह और नवीन जायसवाल का नाम शामिल है.