रांची: झारखंड में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. बुधवार को महावीर जयंती की छुट्टी होने के बावजूद झारखंड पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की गई.
पुलिस मुख्यालय में सुरक्षाबलों की प्रतिनियुक्ति को लेकर अहम बैठक हुई. चुनाव में भाकपा माओवादी और दूसरे उग्रवादी संगठनों के खिलाफ अभियान चलाने की सहमति के साथ ही इस बैठक में भारी संख्या में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती को लेकर निर्णय भी लिया गया. झारखंड पुलिस के आईजी प्रोविजन अरुण कुमार सिंह ने चुनाव में सुरक्षा बलों की तैयारी को लेकर राज्य के सभी जिलों के एसपी और जेब कमांडेंट को पत्र भेजा है.
आईजी प्रोविजन के पत्र में जिक्र है कि राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बलों की 154 कंपनियों को चुनाव में लगाया जा रहा है. वर्तमान में 90 कंपनियां झारखंड में काम कर रही है. जबकि 29 अप्रैल को झारखंड में पहले चरण के चुनाव के पूर्व 64 अतिरिक्त कंपनियों का आगमन झारखंड में होगा. झारखंड की सशस्त्र बल जैप, आईआरबी और एसाईआरबी की 52 कंपनियों को भी लोकसभा चुनाव के दौरान तैनात किया जाएगा.
जिला पुलिस के साथ-साथ होमगार्ड के जवान भी होंगे तैनात
झारखंड पुलिस के जिलों में सशस्त्र बल के 12 हजार जवानों को चुनाव सुरक्षा ड्यूटी में लगाया जाएगा. वहीं छह हजार होमगार्ड जवानों की भी तैनाती की जा रही है. पहले चरण में पलामू, चतरा और लोहरदगा में यह सारे सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे. पहले चरण के चुनाव के बाद इन्ही सुरक्षाबलों को दूसरे चरण के चुनाव में लगाया जाएगा. लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के तहत रांची जिले के मांडर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होना है. इसके लिए सीमा सुरक्षा बल की चार कंपनियां की तैनाती कर दी गई है.
मूवमेंट प्लान सबका अलग-अलग बनेगा
सुरक्षा बलों की तैनाती और चुनाव कार्य में मूवमेंट को लेकर पुलिस मुख्यालय अलग से योजना बना रही है. झारखंड में चार चरणों में चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर बुधवार की बैठक में चर्चा हुई.
पहली बार सबसे अधिक फोर्स
2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सुरक्षा बल झारखंड में तैनात किए जा रहे हैं. साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने दुमका में सुरक्षाबलों को निशाना बनाया था. इस बार भी चुनाव के पूर्व माओवादियों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. ऐसे में राज्य पुलिस ने चुनाव में केंद्र से अधिक सुरक्षा बलों की मांग की थी. राज्य गठन के बाद पहली बार इतने अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती चुनाव में कराई गई है.