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Lok sabha election 2019: लोकसभा चुनाव का शंखनाद, जानें 1951-92 से अब तक क्या हुए बदलाव

रांची: लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर चुनावी बिगुल बज चुका है. निर्वाचन आयोग ने चुनाव को लेकर तारीखें जारी कर कर दिया है. ऐेसे में हमसे भारत में चुनाव को लेकर डॉ. सुशील त्रिवेदी, रिटायर्ड आईएएस ने अहम जानकारियां साझा की हैं. चुनाव प्रक्रिया में क्या बदलाव आए और ये कितने अहम रहे हैं ये जानना जरूरी है.

लोकसभा चुनाव का शंखनाद, 14 सीटों पर 4 चरणों में होंगे चुनाव
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Published : Mar 10, 2019, 9:59 PM IST

डॉ. सुशील त्रिवेदी ने बताया कि 1951-52 में सबसे पहले भारत में चुनाव हुए, तब से लोकसभा और विधानसभा के लिए नियमित रूप से चुनाव होते आ रहे हैं.
चुनाव में क्या आया बदलाव
1. मतदाता की मतदान करने की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल की गई.
2. पहले चुनाव में अलग मतदाता के लिए अलग मतपेटी होती थी, जिसके जरिए मतदान किया जाता था.
3. इसके बाद एक ही पेटी के जरिए मतदान की प्रक्रिया होने लगी, जिसमें मतदान के लिए एक पर्ची होती थी, जिसमें नाम लिखे रहते थे और मतदान किया जाता था. ये प्रक्रिया काफी लंबे समय तक चलती रही.
4. इसके बाद बड़ा परिवर्तन हुआ, जिसमें ईवीएम के जरिए मतदान किया जा रहा है. इसमें मशीन में कैंडिडेट का नाम होता है और उसका चुनाव चिन्ह दे दिया जाता है.
5. इसके बाद NOTA का इस्तेमाल किया जाने लगा, जिसके जरिए मतदाता अगर किसी कैंडिडेट को वोट नहीं देना चाहता है, तो इसका इस्तेमाल कर सकता है.
6. अब VVPAT का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें मतदाता को पता चल जाएगा कि उसने किसे वोट डाला है. 4-5 सेकंड के लिए मशीन से कागज निकलेगा और आपको पता चल जाएगा कि आपने किस प्रत्याशी को वोट डाला है.

डॉ. सुशील त्रिवेदी ने बताया कि 1951-52 में सबसे पहले भारत में चुनाव हुए, तब से लोकसभा और विधानसभा के लिए नियमित रूप से चुनाव होते आ रहे हैं.
चुनाव में क्या आया बदलाव
1. मतदाता की मतदान करने की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल की गई.
2. पहले चुनाव में अलग मतदाता के लिए अलग मतपेटी होती थी, जिसके जरिए मतदान किया जाता था.
3. इसके बाद एक ही पेटी के जरिए मतदान की प्रक्रिया होने लगी, जिसमें मतदान के लिए एक पर्ची होती थी, जिसमें नाम लिखे रहते थे और मतदान किया जाता था. ये प्रक्रिया काफी लंबे समय तक चलती रही.
4. इसके बाद बड़ा परिवर्तन हुआ, जिसमें ईवीएम के जरिए मतदान किया जा रहा है. इसमें मशीन में कैंडिडेट का नाम होता है और उसका चुनाव चिन्ह दे दिया जाता है.
5. इसके बाद NOTA का इस्तेमाल किया जाने लगा, जिसके जरिए मतदाता अगर किसी कैंडिडेट को वोट नहीं देना चाहता है, तो इसका इस्तेमाल कर सकता है.
6. अब VVPAT का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें मतदाता को पता चल जाएगा कि उसने किसे वोट डाला है. 4-5 सेकंड के लिए मशीन से कागज निकलेगा और आपको पता चल जाएगा कि आपने किस प्रत्याशी को वोट डाला है.

Intro:मुख्य निर्वान के द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू, इसके लिए विभागों चिट्ठी भेज दी है ।हर परिस्थिति में आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाएगा,


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