रांचीः झामुमो के उपाध्यक्ष और विधायक स्टीफन मरांडी के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्यपाल से मिला. राजभवन से निकलने के बाद मरांडी ने कहा कि जनजातीय भाषाओं के लेक्चरर की नियुक्ति लंबित है, इसे लेकर वे राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे.
स्टीफन मरांडी ने कहा कि पिछले 38 वर्षों से रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न कॉलेज में जनजातीय भाषाओं के लेक्चरर की नियुक्ति लंबित है. उन्होंने कहा कि ट्राईबल लैंग्वेज में कोई बहाली नहीं हो रही है. बिहार में 1996 में परीक्षा हुई थी. मेधा सूची बनी, लेकिन रोस्टर क्लियरेंस नहीं होने से उस बहाली को रोक दिया गया.
परीक्षा हुई, लेकिन बहाली नहीं
विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि 2007 में राज्य गठन के बाद जेपीएससी ने परीक्षा कराई थी. मेधा सूची भी तैयार हो गई. उस समय भी रोस्टर क्लियरेंस की बात की गई थी. क्षेत्रीय भाषा में बहाली होने के बाद भी जनजातीय भाषा में बहाली नहीं हुई. इसे रोस्टर क्लियरेंस के नाम पर रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि लेक्चरर नहीं होने की वजह से पढ़ाई बाधित हो रही है.
राज्यपाल ने दिया आश्वासन
जेएमएम नेता ने कहा कि उन्होंने कई बार इसकी जानकारी मानव संसाधन विभाग को दी. बावजूद इसके अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है और खुद पहल करने का आश्वासन दिया है.