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राज्यपाल से मिला JMM का प्रतिनिधिमंडल, कहा- लेक्चरर नहीं होने से पढ़ाई हो रही बाधित - जनजातीय भाषा

झामुमो के उपाध्यक्ष और विधायक स्टीफन मरांडी के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्यपाल से मिला. राजभवन से निकलने के बाद मरांडी ने कहा कि जनजातीय भाषाओं के लेक्चरर की नियुक्ति लंबित है, इसे लेकर वे राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे.

जानकारी देते विधायक स्टीफन मरांडी
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Published : Feb 8, 2019, 11:16 PM IST

रांचीः झामुमो के उपाध्यक्ष और विधायक स्टीफन मरांडी के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्यपाल से मिला. राजभवन से निकलने के बाद मरांडी ने कहा कि जनजातीय भाषाओं के लेक्चरर की नियुक्ति लंबित है, इसे लेकर वे राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे.

जानकारी देते विधायक स्टीफन मरांडी
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स्टीफन मरांडी ने कहा कि पिछले 38 वर्षों से रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न कॉलेज में जनजातीय भाषाओं के लेक्चरर की नियुक्ति लंबित है. उन्होंने कहा कि ट्राईबल लैंग्वेज में कोई बहाली नहीं हो रही है. बिहार में 1996 में परीक्षा हुई थी. मेधा सूची बनी, लेकिन रोस्टर क्लियरेंस नहीं होने से उस बहाली को रोक दिया गया.


परीक्षा हुई, लेकिन बहाली नहीं
विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि 2007 में राज्य गठन के बाद जेपीएससी ने परीक्षा कराई थी. मेधा सूची भी तैयार हो गई. उस समय भी रोस्टर क्लियरेंस की बात की गई थी. क्षेत्रीय भाषा में बहाली होने के बाद भी जनजातीय भाषा में बहाली नहीं हुई. इसे रोस्टर क्लियरेंस के नाम पर रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि लेक्चरर नहीं होने की वजह से पढ़ाई बाधित हो रही है.


राज्यपाल ने दिया आश्वासन
जेएमएम नेता ने कहा कि उन्होंने कई बार इसकी जानकारी मानव संसाधन विभाग को दी. बावजूद इसके अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है और खुद पहल करने का आश्वासन दिया है.

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रांचीः झामुमो के उपाध्यक्ष और विधायक स्टीफन मरांडी के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्यपाल से मिला. राजभवन से निकलने के बाद मरांडी ने कहा कि जनजातीय भाषाओं के लेक्चरर की नियुक्ति लंबित है, इसे लेकर वे राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे.

जानकारी देते विधायक स्टीफन मरांडी
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स्टीफन मरांडी ने कहा कि पिछले 38 वर्षों से रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न कॉलेज में जनजातीय भाषाओं के लेक्चरर की नियुक्ति लंबित है. उन्होंने कहा कि ट्राईबल लैंग्वेज में कोई बहाली नहीं हो रही है. बिहार में 1996 में परीक्षा हुई थी. मेधा सूची बनी, लेकिन रोस्टर क्लियरेंस नहीं होने से उस बहाली को रोक दिया गया.


परीक्षा हुई, लेकिन बहाली नहीं
विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि 2007 में राज्य गठन के बाद जेपीएससी ने परीक्षा कराई थी. मेधा सूची भी तैयार हो गई. उस समय भी रोस्टर क्लियरेंस की बात की गई थी. क्षेत्रीय भाषा में बहाली होने के बाद भी जनजातीय भाषा में बहाली नहीं हुई. इसे रोस्टर क्लियरेंस के नाम पर रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि लेक्चरर नहीं होने की वजह से पढ़ाई बाधित हो रही है.


राज्यपाल ने दिया आश्वासन
जेएमएम नेता ने कहा कि उन्होंने कई बार इसकी जानकारी मानव संसाधन विभाग को दी. बावजूद इसके अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है और खुद पहल करने का आश्वासन दिया है.

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Intro:बाइटः स्टीफन मरांडी
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रांचीः झामुमो के उपाध्यक्ष व विधायक स्टीफन मरांडी के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात की.राज भवन से निकलने के बाद स्टीफन मरांडी ने कहा कि पिछले 38 वर्षों से रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न महाविद्यालयों में जनजातीय भाषाओं के व्याख्याताओं की नियुक्ति लंबित है इसे लेकर वे राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि ट्राईबल लैंग्वेज में कोई बहाली नहीं हो रही है. बिहार में 1996 में परीक्षा हुई थी. मेधा सूची बनी, लेकिन उसमें रोस्टर क्लियरेंस नहीं है. उस बहाली को रोक दिया गया. 2007 में राज्य गठन के बाद जेपीएससी एक्जाम कंडक्ट की. मेधा सूची भी तैयार हो गया. उस समय भी रोस्टर क्लियरेंस की बात कही गई. क्षेत्रीय भाषा मेंबहाली हो गया, लेकिन जनजातीय भाषा में बहाली नहीं हुई. मेधा सूची पड़ी रह गई. रोस्टर क्लियरेंस के नाम पर इसे रोका गया है. 2005 में मैथिली का एग्जाम हुआ था. उसकी बहाली 2016 में हो गयी. उसको आधार मानकर वे राज्यपाल से मिलने आये थे. लेक्चरर की वजह से पढ़ाई बाधित हो रही है. पूर्व में बनी मेघा सूची के आधार पर बहाली की जानी चाहिए.उन्होंने कहा कि वे कई बार मानव संसाधन विभाग को बताया. बजट सत्र में भी मामले को उठाया, लेकिन सरकार सोई हुई है. उनको इससे कोई मतलब नहीं है. इसलिए वे राज्यपाल से मिले हैं. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उसकी बातों को गंभीरता से लिया है. खुद भी पहल करने की आश्वासन दी है. निकट भविष्य में बहाली होगी. प्रतिनिधिमंडल में विधायक कुणाल सारंगी, दशरथ गगराई, प्रवक्ता विनोद पांडेय, महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य आदि शामिल थे.


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