रांची: सूबे के लातेहार जिले में भूख से हुई कथित मौत को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा आमने-सामने हैं. बीजेपी ने एक तरफ इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि लोग दाना और पानी के अभाव में मौत के शिकार हो रहे है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 4 साल पहले सिमडेगा में संतोषी नाम की लड़की की कथित रूप से भूख से हुई मौत के बाद यह सिलसिला जारी है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर सरकार इंक्वायरी करा उन्हें रफा-दफा कर देती है. उन्होंने ये भी कहा कि घटना होने के बाद पीड़ित परिवार को 50 किलो अनाज और दाह संस्कार के पैसे देना भी अमानवीय है, लेकिन ऐसी घटनाएं बराबर हो रही है.
ये भी पढ़ें-लातेहार में वृद्ध की मौत के बाद सवालों के घेरे में प्रशासन, परिवार को 3 महीने से नहीं मिला था अनाज
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इन घटनाओं पर सरकार को जिम्मेदारी तय कर एक्शन लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेटवर्क के अभाव में राशन डीलर गांव में अनाज नहीं बांट रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार को पुराने मैनुअल प्रोसेस को शुरू करने का निर्देश देना चाहिए. वहीं, राजधानी रांची में पानी को लेकर छुरेबाजी की घटना पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों की वजह से जल स्रोत समाप्त हो रहे है. यही वजह है कि एक तरफ जहां लोगों की भूख से मौत हो रही है. वहीं पानी को लेकर छुरेबाजी जैसी घटनाएं घट रही है.
वहीं, इस घटना को लेकर बीजेपी ने सफाई दी है. पार्टी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने कहा कि भूख से मौत को लेकर आ रही खबर बेबुनियाद है. लातेहार के महुआडांड़ में 65 साल के वृद्ध की मौत बीमारी की वजह से होने की जानकारी आई है. वो 10 दिन से बीमार था. उन्होंने कहा कि उसे हॉस्पिटल में बाकायदा स्लाइन भी चढ़ाया गया था. उन्होंने ये भी कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी हुई है, जिसको लेकर राजनीतिक दल राजनीति करते आ रहे है, लेकिन उससे बचना चाहिए.
बता दें कि लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में रामचरण मुंडा नाम के एक शख्स की मौत कथित तौर पर भूख से हो गई है. सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों के अनुसार पिछले 4 साल में डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई है.