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30 लाख नए कनेक्शन से बिजली की खपत बढ़ी, 15 योजनाओं पर फोकस - Review Meeting

झारखंड मंत्रालय में ऊर्जा विभाग (संचरण), आरइओ और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में कहा गया कि जितनी तेजी से आधारभूत संरचना का निर्माण होगा, लोगों को उतनी जल्दी परेशानी से मुक्ति मिलेगी. पिछले साढ़े चार साल में बड़ी संख्या में नयी संचरण लाइन बिछाई गयी है.

मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ बैठक करते अधिकारी
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Published : May 21, 2019, 10:14 PM IST

रांची: झारखंड मंत्रालय में ऊर्जा विभाग (संचरण), आरइओ और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान कहा गया कि लोगों को निर्बाध बिजली और स्वच्छ पेयजल पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है. 30 लाख नये कनेक्शन देने के बाद से बिजली की खपत बढ़ी है. इस कारण आधारभूत संरचना को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता है.
संचरण लाइन की योजनाओं में तेजी लाया जा रहा है. संचरण लाइन बिछाने में वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग के लिए ऊर्जा विभाग एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा, जो दोनों विभाग के बीच समन्वय बनाने का कार्य करेगा, जिससे फोरेस्ट क्लियरेंस के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में तेजी आयेगी. जिन परियोजनाओं के लिए मंजूरी मिल गयी है, उनका काम 10 दिन के भीतर शुरू करने का निर्देश बैठक में दिया गया.
बैठक में कहा गया कि जितनी तेजी से आधारभूत संरचना का निर्माण होगा, लोगों को उतनी जल्दी परेशानी से मुक्ति मिलेगी. पिछले साढ़े चार साल में बड़ी संख्या में नयी संचरण लाइन बिछाई गयी है. यही कारण है कि पहले की तुलना में बिजली की स्थिति में थोड़ा सुधार है. नयी लाइन शुरू होने के बाद लोगों की दिक्कत दूर होगी. दशकों से बिजली की बाट जोह रहे लोगों तक बिजली तो पहुंचा दी गयी है, अब उन्हें निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने पर तेजी से काम होगा.
बैठक में बताया गया कि वर्त्तमान में 15 परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है, जिसमें पांच परियोजनाओं के लिए फोरेस्ट क्लियरेंस मिल चुका है. इन पर जल्द काम शुरू होगा.

30 सितंबर तक गांव गांव पानी पहुंचाने का लक्ष्य, संताल और कोल्हान पर विशेष ध्यान
बैठक में कहा गया कि संबंधित विभाग पानी की समस्या से भी लोगों को जल्द से जल्द निजात दिलाने के लिए काम में तेजी लायें. संथाल और कोल्हान में पानी की विशेष समस्या है. इन क्षेत्रों में विभाग फोकस करे. आदिम जनजाति टोले, पहाड़िया जनजाति टोले, एसटी-एससी बहुल गांव में विभाग विशेष ध्यान दे.
विभाग की ओर से बताया गया कि 2250 आदिम जनजाति टोलो में से अब तक 1026 टोलो में पानी पहुंचा दिया गया. पहाड़िया क्षेत्रों में लिफ्ट के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है. गैर आदिवासी गांवों में मुखिया के माध्यम से चयनित क्षेत्रों में पानी की टंकी लगाने का काम शुरू किया जा रहा है. इस योजना के तहत 30 सितंबर तक गांव-गांव में पानी पहुंचाने का काम पूर्ण करने का लक्ष्य है. दिसंबर तक 50 बड़ी ग्रामीण जलापूर्ति योजना पूर्ण कर ली जायेगी. इससे काफी हद तक संथाल में पानी की समस्या से निजात मिलेगा.

रांची: झारखंड मंत्रालय में ऊर्जा विभाग (संचरण), आरइओ और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान कहा गया कि लोगों को निर्बाध बिजली और स्वच्छ पेयजल पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है. 30 लाख नये कनेक्शन देने के बाद से बिजली की खपत बढ़ी है. इस कारण आधारभूत संरचना को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता है.
संचरण लाइन की योजनाओं में तेजी लाया जा रहा है. संचरण लाइन बिछाने में वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग के लिए ऊर्जा विभाग एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा, जो दोनों विभाग के बीच समन्वय बनाने का कार्य करेगा, जिससे फोरेस्ट क्लियरेंस के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में तेजी आयेगी. जिन परियोजनाओं के लिए मंजूरी मिल गयी है, उनका काम 10 दिन के भीतर शुरू करने का निर्देश बैठक में दिया गया.
बैठक में कहा गया कि जितनी तेजी से आधारभूत संरचना का निर्माण होगा, लोगों को उतनी जल्दी परेशानी से मुक्ति मिलेगी. पिछले साढ़े चार साल में बड़ी संख्या में नयी संचरण लाइन बिछाई गयी है. यही कारण है कि पहले की तुलना में बिजली की स्थिति में थोड़ा सुधार है. नयी लाइन शुरू होने के बाद लोगों की दिक्कत दूर होगी. दशकों से बिजली की बाट जोह रहे लोगों तक बिजली तो पहुंचा दी गयी है, अब उन्हें निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने पर तेजी से काम होगा.
बैठक में बताया गया कि वर्त्तमान में 15 परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है, जिसमें पांच परियोजनाओं के लिए फोरेस्ट क्लियरेंस मिल चुका है. इन पर जल्द काम शुरू होगा.

30 सितंबर तक गांव गांव पानी पहुंचाने का लक्ष्य, संताल और कोल्हान पर विशेष ध्यान
बैठक में कहा गया कि संबंधित विभाग पानी की समस्या से भी लोगों को जल्द से जल्द निजात दिलाने के लिए काम में तेजी लायें. संथाल और कोल्हान में पानी की विशेष समस्या है. इन क्षेत्रों में विभाग फोकस करे. आदिम जनजाति टोले, पहाड़िया जनजाति टोले, एसटी-एससी बहुल गांव में विभाग विशेष ध्यान दे.
विभाग की ओर से बताया गया कि 2250 आदिम जनजाति टोलो में से अब तक 1026 टोलो में पानी पहुंचा दिया गया. पहाड़िया क्षेत्रों में लिफ्ट के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है. गैर आदिवासी गांवों में मुखिया के माध्यम से चयनित क्षेत्रों में पानी की टंकी लगाने का काम शुरू किया जा रहा है. इस योजना के तहत 30 सितंबर तक गांव-गांव में पानी पहुंचाने का काम पूर्ण करने का लक्ष्य है. दिसंबर तक 50 बड़ी ग्रामीण जलापूर्ति योजना पूर्ण कर ली जायेगी. इससे काफी हद तक संथाल में पानी की समस्या से निजात मिलेगा.

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