रांची: झारखंड के सभी शहरी बेघरों को साल 2022 के पहले तक आवास मुहैया कराना प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद है. नगर विकास विभाग सचिव अजय कुमार सिंह ने इस मसले पर आयोजित कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों और पदाधिकारियों को स्वीकृत योजना को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया.
इसके साथ ही 2016 के सर्वे के तहत जरूरतमंदों के लिए योजना की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को सौंपने को कहा. विभागीय सचिव ने घटक 4 के तहत हो रहे कार्यों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इसके तहत एक लाख से ज्यादा आवास बनाने की स्वीकृति मिली, जिसमें 43 हजार आवास बन चुके हैं और 43 हजार आवास निर्माणाधीन हैं. विभागीय सचिव ने आदेश दिए कि बाकि बचे हुए 14 हजार आवासों का निर्माण जल्द पूरा हो जाना चाहिए.
अजय कुमार सिंह ने कहा कि योजना के प्रथम घटक मैं तकनीकी कारणों से निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है जबकि घटक 3 में कई जगह निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. साल 2015-16 के सर्वे के मुताबिक 2 लाख 50 हजार शहरी गरीब के घरों को घर देना था, लेकिन इनमें से काफी लोगों का नाम सूची में नहीं है. लिहाजा सूची तैयार कर प्रस्ताव को सरकार को भेजना है. जिन नगर निकायों में मैन पॉवर की कमी है, वहां नियुक्त नए कनीय अभियंता से मदद ली जाए.
दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान निदेशक, नगरीय प्रशासन निदेशालय, राजीव रंजन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुरानी स्वीकृत स्कीम का काम जल्द पूरा करें, ताकि चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही नई योजनाओं पर काम शुरू किया जा सके. कार्यशाला में आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के निदेशक आरके गौतम ने झारखंड के शहरी इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हो रहे निर्माण कार्यों पर संतोष जताया और सराहना की. कार्यशाला में डीएमए के सहायक निदेशक संजय पांडे और शैलेश प्रियदर्शी समेत सभी नगर निकायों के सिटी मैनेजर भी मौजूद रहे.