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लोस चुनाव को लेकर पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव की बढ़ी मुश्किलें, HC ने दो सप्ताह के लिए टाल दी दायर याचिका

कानून के मुताबिक पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर डर गए हैं. हजारीबाग की निचली अदालत द्वारा दी गई ढाई साल की सजा को रांची हाईकोर्ट ने अगले दो सप्ताह के लिए टाल दी है.

हाईकोर्ट
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Published : Apr 4, 2019, 2:51 AM IST

रांची: झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साहू की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. उनके तत्कालिक राहत के लिए हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 2 सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी गई है. पूर्व मंत्री ने लोकसभा चुनाव लड़ने में आ रही बाधा को देखते हुए निचली अदालत में दी गई सजा को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

ये भी पढ़ें-जनता जानती है किसके हाथों में देश रहेगा सुरक्षित, उसी को देगी अपना समर्थनः सीपी सिंह

योगेंद्र साहू की क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता की अदालत में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है.

विदित है कि पूर्व मंत्री पर रूंगटा नामक कंपनी से रंगदारी मांगने के मामले में हजारीबाग की निचली अदालत ने उन्हें ढाई साल की सजा दी है. निचली अदालत की सजा को निरस्त करने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. अगर हाईकोर्ट इस सजा को निरस्त करता है तो वे लोकसभा चुनाव में राहत भरी सांस ले सकते हैं.

बता दें कि कानून के मुताबिक आपराधिक मामलों में दो साल से ज्यादा की सजा होने पर छह साल की अयोग्यता का प्रावधान है जबकि करप्शन, NDPS में सिर्फ दोषी करार होना काफी है. दरसअल मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को विचार के लिए भेजा था.

रांची: झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साहू की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. उनके तत्कालिक राहत के लिए हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 2 सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी गई है. पूर्व मंत्री ने लोकसभा चुनाव लड़ने में आ रही बाधा को देखते हुए निचली अदालत में दी गई सजा को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

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योगेंद्र साहू की क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता की अदालत में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है.

विदित है कि पूर्व मंत्री पर रूंगटा नामक कंपनी से रंगदारी मांगने के मामले में हजारीबाग की निचली अदालत ने उन्हें ढाई साल की सजा दी है. निचली अदालत की सजा को निरस्त करने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. अगर हाईकोर्ट इस सजा को निरस्त करता है तो वे लोकसभा चुनाव में राहत भरी सांस ले सकते हैं.

बता दें कि कानून के मुताबिक आपराधिक मामलों में दो साल से ज्यादा की सजा होने पर छह साल की अयोग्यता का प्रावधान है जबकि करप्शन, NDPS में सिर्फ दोषी करार होना काफी है. दरसअल मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को विचार के लिए भेजा था.

Intro:रांची

झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साहू की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है उनके तत्कालिक राहत के लिए हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 2 सप्ताह के लिए सुनवाई टल दी गई है। पूर्व मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ने में बाधा पर चल रहे हैं निचली अदालत में दी गई सजा को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है


Body:योगेंद्र साहू की क्रिमिनल क्वेश्चिन याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता की अदालत में सुनवाई हुई दोनों पक्षों के सुनने के उपरांत कोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है


Conclusion:आपको बता दें कि पूर्व मंत्री पर रूंगटा नामक कंपनी से रंगदारी मांगने के मामले में हजारीबाग की निचली अदालत ने उन्हें ढाई साल की सजा दी है अदालत की उसी सजा को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है हाई कोर्ट से उन्होंने निचली अदालत की सजा को निरस्त करने की मांग की है अगर हाईकोर्ट से निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को निरस्त की जाती है तो उन्हें राहत मिलेगी
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