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साइबर अपराधियों के पास हैं IT एक्सपर्टस, इन तरीकों को अपना आपके खाते से उड़ाते हैं पैसे

झारखंड के साइबर अपराधियों के एक्सपर्ट्स अपनी जालसाजी के बल पर हर दिन आम लोगों के खातों से रुपये लूट रहे हैं. रांची पुलिस की जांच में ये खुलासा हुआ है कि साइबर अपराधियों की टीम में कई एक्सपर्ट्स हैं जो साइबर फ्रॉड में अहम किरदार निभाते हैं.

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Published : Mar 21, 2019, 8:09 AM IST

रांची: झारखंड के साइबर अपराधियों के एक्सपर्ट्स अपनी जालसाजी के बल पर हर दिन आम लोगों के खातों से रुपये लूट रहे हैं. रांची पुलिस की जांच में ये खुलासा हुआ है कि साइबर अपराधियों की टीम में कई एक्सपर्ट्स हैं जो साइबर फ्रॉड में अहम किरदार निभाते हैं. सिग्नेचर एक्सपर्ट्स, आईटी एक्सपर्ट्स और हैकर की मदद से साइबर अपराधियों का गिरोह चेकों का क्लोन बनाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं.

देखिए, ये स्पेशल रिपोर्ट.

साइबर अपराध के लिए पूरा झारखंड बदनाम है. झारखंड के जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद और पाकुड़ में दर्जनों साइबर अपराधियों के गिरोह अपने खतरनाक एक्सपर्ट्स के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं. सभी गिरोह के पास लोगों के हूबहू सिग्नेचर करने वाले शातिरों के साथ ही गिरोह में हैकर और आईटी एक्सपर्ट्स भी हैं. ये सभी एक्सपर्ट्स गिरोह में प्रतिशत पर काम करते हैं. हर ठगी की रकम का 30 प्रतिशत एक्सपर्ट्स के खाते में जाता है.

गिरोह में ठगी की शुरुआत आईटी एक्सपर्ट्स के जरिए शुरू होती है. बैंकों में जमा किए गए केवाईसी फार्म से हैकर और आईटी एक्सपर्ट्स खाता नम्बर की जानकारी लेते हैं. इसमें एक ऐसे खाते को चुनते हैं, जिसमें लगातार मोटी रकम का ट्रांजेक्सन होता है. खाता नम्बर की पूरी जानकारी हासिल कर आईटी एक्सपर्ट्स की टीम तुरंत चेक की हूबहू कॉपी तैयार कर लेती है. इसके बाद का काम सिग्नेचर एक्सपर्ट्स का होता है. केवाईसी में खाताधारी के ओरिजनल सिग्नेचर को देखकर एक दो बार की कोशिश में ही साइबर अपराधियो का सिग्नेचर एक्सपर्ट्स क्लोन चेक में कर देता है.

रांची के लालपुर इलाके से एक सप्ताह पहले क्लोन चेक के माध्यम से 38 लाख रुपए की निकासी करने वाले चार अपराधियों को पुलिस ने दबोचा. गिरफ्तार अपराधियों में एक सिगनेचर एक्सपोर्ट और एक हैकर शामिल था. साइबर थाने की टीम जब इस मामले की तफ्तीश में जुटी, तो इस गिरोह के तार पटना से जुड़े होने के सबूत भी मिले हैं. गिरफ्तार आरोपी साकेत सेना, आलोक कुमार, अकबर अली और संदीप बन्ना शामिल रहे. ये सभी पटना में बैठे गिरोह के मुखिया के इशारे पर सारा काम कर रहे थे.

रांची एसएसपी अनीश गुप्ता के अनुसार साइबर अपराधियों से बचाव का एक ही तरीका है. हालांकि पुलिस इनसे निपटने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन तकनीक के बल पर ये लोग आम लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं. पुलिस लगातार साइबर अपराधियों के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही लोगों को जागरुक कर रही है कि वो अपने खातों को लेकर किस तरह की सावधानी बरतें.

रांची: झारखंड के साइबर अपराधियों के एक्सपर्ट्स अपनी जालसाजी के बल पर हर दिन आम लोगों के खातों से रुपये लूट रहे हैं. रांची पुलिस की जांच में ये खुलासा हुआ है कि साइबर अपराधियों की टीम में कई एक्सपर्ट्स हैं जो साइबर फ्रॉड में अहम किरदार निभाते हैं. सिग्नेचर एक्सपर्ट्स, आईटी एक्सपर्ट्स और हैकर की मदद से साइबर अपराधियों का गिरोह चेकों का क्लोन बनाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं.

देखिए, ये स्पेशल रिपोर्ट.

साइबर अपराध के लिए पूरा झारखंड बदनाम है. झारखंड के जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद और पाकुड़ में दर्जनों साइबर अपराधियों के गिरोह अपने खतरनाक एक्सपर्ट्स के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं. सभी गिरोह के पास लोगों के हूबहू सिग्नेचर करने वाले शातिरों के साथ ही गिरोह में हैकर और आईटी एक्सपर्ट्स भी हैं. ये सभी एक्सपर्ट्स गिरोह में प्रतिशत पर काम करते हैं. हर ठगी की रकम का 30 प्रतिशत एक्सपर्ट्स के खाते में जाता है.

गिरोह में ठगी की शुरुआत आईटी एक्सपर्ट्स के जरिए शुरू होती है. बैंकों में जमा किए गए केवाईसी फार्म से हैकर और आईटी एक्सपर्ट्स खाता नम्बर की जानकारी लेते हैं. इसमें एक ऐसे खाते को चुनते हैं, जिसमें लगातार मोटी रकम का ट्रांजेक्सन होता है. खाता नम्बर की पूरी जानकारी हासिल कर आईटी एक्सपर्ट्स की टीम तुरंत चेक की हूबहू कॉपी तैयार कर लेती है. इसके बाद का काम सिग्नेचर एक्सपर्ट्स का होता है. केवाईसी में खाताधारी के ओरिजनल सिग्नेचर को देखकर एक दो बार की कोशिश में ही साइबर अपराधियो का सिग्नेचर एक्सपर्ट्स क्लोन चेक में कर देता है.

रांची के लालपुर इलाके से एक सप्ताह पहले क्लोन चेक के माध्यम से 38 लाख रुपए की निकासी करने वाले चार अपराधियों को पुलिस ने दबोचा. गिरफ्तार अपराधियों में एक सिगनेचर एक्सपोर्ट और एक हैकर शामिल था. साइबर थाने की टीम जब इस मामले की तफ्तीश में जुटी, तो इस गिरोह के तार पटना से जुड़े होने के सबूत भी मिले हैं. गिरफ्तार आरोपी साकेत सेना, आलोक कुमार, अकबर अली और संदीप बन्ना शामिल रहे. ये सभी पटना में बैठे गिरोह के मुखिया के इशारे पर सारा काम कर रहे थे.

रांची एसएसपी अनीश गुप्ता के अनुसार साइबर अपराधियों से बचाव का एक ही तरीका है. हालांकि पुलिस इनसे निपटने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन तकनीक के बल पर ये लोग आम लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं. पुलिस लगातार साइबर अपराधियों के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही लोगों को जागरुक कर रही है कि वो अपने खातों को लेकर किस तरह की सावधानी बरतें.

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