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मतदान के लिए दिव्यांगों की बनाई जा रही सूची, तैयारी में जुटी है प्रशासन

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Published : Mar 4, 2019, 6:56 PM IST

लोकसभी चुनाव को मद्देनजर रखते हुए राज्य जिला और विधानसभा इलाके में अलग-अलग पैरामीटर का कार्यान्वयन किया जा रहा है. इसी क्रम में डिस्ट्रिक्ट लेवल और असेंबली लेवल पर भी कोऑर्डिनेटर अप्वॉइंट किए जा रहे हैं.

दिव्यांगों की बनाई जा रही सूची

रांची: 2019 लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्रों तक दिव्यांगों की पहुंच सुनिश्चित करने को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत सबसे पहला कदम उनकी पहचान और उनसे जुड़ा डाटा कलेक्शन है. जिसमें 18 साल से उपर के दिव्यांगों की लिस्ट तैयार की जा रही है. साथ ही इलेक्टोरल रोल में उनका नाम दर्ज कराने की व्यवस्था की जा रही है.

दिव्यांगों की बनाई जा रही सूची

प्रदेश में दिव्यांगों की निर्वाचन प्रक्रिया में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य जिला और विधानसभा इलाके में अलग-अलग पैरामीटर का कार्यान्वयन किया जा रहा है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष रंजन ने बताया कि दिव्यांगों के निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल करने के लिए महिला, बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण निदेशालय की एक महिला अधिकारी को स्टेट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है. इसी क्रम में डिस्ट्रिक्ट लेवल और असेंबली लेवल पर भी कोऑर्डिनेटर अप्वॉइंट किए जा रहे हैं.

वहीं, स्वीप के तहत दिव्यांग मतदाताओं को एजुकेट किया जा रहा है. साथ ही उन्हें साइन लैंग्वेज, ब्रेल लिपि या आसान भाषा में चीजें समझाई जा रही है. उसके अलावा पोलिंग बूथ पर दिव्यांगों को सुविधाएं भी दी जाएगी. प्रावधानों के अनुसार मतदान केंद्रों पर रैंप का यूनिफार्म डिजाइन बनाया जाएगा. जहां स्थाई रैम्प नहीं है. वहां मोबाइल रैम्प की व्यवस्था होगी और दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान केंद्र तक लाने और जाने की व्यवस्था की जाएगी.

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रांची: 2019 लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्रों तक दिव्यांगों की पहुंच सुनिश्चित करने को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत सबसे पहला कदम उनकी पहचान और उनसे जुड़ा डाटा कलेक्शन है. जिसमें 18 साल से उपर के दिव्यांगों की लिस्ट तैयार की जा रही है. साथ ही इलेक्टोरल रोल में उनका नाम दर्ज कराने की व्यवस्था की जा रही है.

दिव्यांगों की बनाई जा रही सूची

प्रदेश में दिव्यांगों की निर्वाचन प्रक्रिया में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य जिला और विधानसभा इलाके में अलग-अलग पैरामीटर का कार्यान्वयन किया जा रहा है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष रंजन ने बताया कि दिव्यांगों के निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल करने के लिए महिला, बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण निदेशालय की एक महिला अधिकारी को स्टेट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है. इसी क्रम में डिस्ट्रिक्ट लेवल और असेंबली लेवल पर भी कोऑर्डिनेटर अप्वॉइंट किए जा रहे हैं.

वहीं, स्वीप के तहत दिव्यांग मतदाताओं को एजुकेट किया जा रहा है. साथ ही उन्हें साइन लैंग्वेज, ब्रेल लिपि या आसान भाषा में चीजें समझाई जा रही है. उसके अलावा पोलिंग बूथ पर दिव्यांगों को सुविधाएं भी दी जाएगी. प्रावधानों के अनुसार मतदान केंद्रों पर रैंप का यूनिफार्म डिजाइन बनाया जाएगा. जहां स्थाई रैम्प नहीं है. वहां मोबाइल रैम्प की व्यवस्था होगी और दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान केंद्र तक लाने और जाने की व्यवस्था की जाएगी.

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Intro:रांची। प्रदेश में दिव्यांगों की निर्वाचन प्रक्रिया में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य जिला और विधानसभा इलाके के लेवल पर अलग-अलग पैरामीटर का कार्यान्वयन किया जा रहा है। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष रंजन ने बताया कि दिव्यांगों के निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल करने के लिए बकायदा महिला, बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण निदेशालय की एक महिला अधिकारी को स्टेट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इसी क्रम में डिस्ट्रिक्ट लेवल और असेंबली लेवल पर भी कोऑर्डिनेटर अप्वॉइंट किए जा रहे हैं।


Body:दिव्यांगों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत सबसे पहला कदम उनकी पहचान और उनसे जुड़ा डाटा कलेक्शन है। जिसमें 18 साल से ऊपर के दिव्यांग जनों की लिस्ट तैयार की जा रही है। साथ ही इलेक्टोरल रोल में उनका नाम दर्ज कराने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं स्वीप के तहत दिव्यांग मतदाताओं को एजुकेट किया जा रहा है। साथ ही उन्हें साइन लैंग्वेज, ब्रेल लिपि या आसान भाषा में चीजें समझाई जा रही है। उसके अलावा पोलिंग बूथ पर दिव्यांगों को सुविधाएं भी दी जाएगी। प्रावधानों के अनुसार मतदान केंद्रों पर रैंप का यूनिफार्म डिजाइन बनाया जाएगा। जहां स्थाई रैम्प नहीं है। वहां मोबाइल रैम्प की व्यवस्था होगी और दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान केंद्र तक लाने और जाने की व्यवस्था की जाएगी।


Conclusion:इतना ही नहीं संभव हो तो दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोलिंग बूथ में अलग से इंट्रेंस की व्यवस्था की जाएगई। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर उनके लिए व्हीलचेयर व्यवस्था हो और प्राथमिकता के आधार पर उन्हें वोट डालने दिया जाए।
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