रांची: झारखंड में महागठबंधन अभी पूरी तरह से आकार भी नहीं ले पाया है कि सीट को लेकर किचकिच शुरू हो गई है. बाबूलाल मरांडी को कांग्रेस का 7+7 का फॉर्मूला रास नहीं आ रहा है. वहीं, कई सीटों पर दावेदारी भी तेज हो गई है.
दरअसल, दिल्ली से लौटकर झामुमो के कार्यवाहक अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ कर लेने का दावा किया. वहीं दूसरी तरफ झाविमो ने क्लियर कह दिया कि तीन से कम लोकसभा सीटों पर पार्टी समझौते पर तैयार नहीं है. अभी भी राज्य की दो लोकसभा सीट पर खींचतान जारी है.
दरअसल, प्रदेश की गोड्डा और कोडरमा सीट को लेकर महागठबंधन के घटक दलों में उठापटक चल रही है. झाविमो सुप्रीमो ने गोड्डा लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी ठोकी है. वहीं कांग्रेस ने भी इस सीट पर अपना उम्मीदवार देने का दावा किया है.
कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने शुक्रवार को कहा कि गोड्डा को लेकर झाविमो सुप्रीमो की जिद सही नहीं है. मरांडी एक सम्मानित नेता हैं और उनका इस तरह का बयान सही नहीं है. उन्होंने कहा कि गोड्डा में दूसरी बड़ी आबादी माइनॉरिटी की है. इसलिए कांग्रेस वहां एक अल्पसंख्यक समुदाय का उम्मीदवार उतारने के मूड में हैं.
उन्होंने कहा कि अगर मरांडी सामने आकर कहें कि वहां अल्पसंख्यक उम्मीदवार नहीं उतारना चाहिए तो अलग बात है. अंसारी ने कड़े शब्दों में कहा कि जिस अडानी आंदोलन का हवाला मरांडी दे रहे हैं, उसकी गहराई को समझना चाहिए. यह कोई स्वाधीनता और झारखण्ड आंदोलन नहीं था.
झाविमो और भाकपा माले में कोडरमा सीट को लेकर भी विवाद जारी है. एक तरफ जहां झाविमो सुप्रीमो मरांडी को कोडरमा सीट पर दावेदारी है. वहीं दूसरी तरफ भाकपा माले भी वहां उम्मीदवार देगी. भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि पार्टी पिछले लोकसभा इलेक्शन में दूसरे स्थान पर रही थी. इसबार भी पार्टी हर हाल में लोकसभा चुनाव लड़ेगी.