ETV Bharat / state

BIG NEWS: JVM के 6 विधायकों के दलबदल मामले में 20 फरवरी को आएगा फैसला

जेवीएम के 6 विधायकों के दलबदल मामले में 20 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा. विधानसभा अध्यक्ष की कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद 12 दिसंबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Feb 15, 2019, 10:32 PM IST

रांची: जेवीएम के 6 विधायकों के दलबदल मामले में 20 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा. विधानसभा सचिवालय के न्यायाधिकरण कक्ष में दोपहर 3:30 बजे फैसला सुनाने का समय निर्धारित किया गया है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने इस बाबत जेवीएम सुप्रीमो सह याचिकाकर्ता बाबूलाल मरांडी को पत्र जारी किया है.

किन 6 विधायकों पर दल बदल का चल रहा था मामला
2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायक अपनी पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे. उनके नाम हैं, नवीन जयसवाल, अमर कुमार बाउरी, गणेश गंझु, रणधीर कुमार सिंह, जानकी प्रसाद यादव और आलोक चौरसिया.

भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दल परिवर्तन के आधार पर इन 6 विधायकों की सदस्यता को अयोग्य करार देने के लिए बाबूलाल मरांडी ने 11 फरवरी 2015 को याचिका दायर की थी. इसी मामले में जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने भी 25 मार्च 2015 को याचिका दायर की थी. विधानसभा अध्यक्ष की कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद 12 दिसंबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

undefined

इनमें से कौन विधायक बने हैं मंत्री
जेवीएम के जो छह विधायक भाजपा में शामिल हुए थे उनमें से अमर कुमार बाउरी और रणधीर कुमार सिंह रघुवर कैबिनेट में मंत्री हैं.

अयोग्य करार देने पर सरकार की सेहत पर पड़ेगा असर ?
सबसे बड़ा सवाल है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत इन छह विधायकों की सदस्यता को अयोग्य करार देते हैं तो क्या इससे रघुवर सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ेगा. दरअसल, झारखंड विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 81 है. इस आधार पर बहुमत के लिए सरकार के पास 42 विधायकों का होना जरूरी है.

यदि छह विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 75 रह जाएगी. इस आधार पर सरकार के पास बहुमत के लिए 38 विधायक होने चाहिए. लिहाजा इस फैसले से सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भाजपा के पास 37 विधायक हैं और सहयोगी दल आजसू के चार विधायक हैं. लिहाजा सरकार को कुल 41 विधायकों का समर्थन है.

undefined

आजसू की भूमिका हो जाएगी अहम
अगर 6 विधायकों की सदस्यता समाप्त हो जाती है तब सरकार में शामिल आजसू की भूमिका अहम हो जाएगी. अगर आजसु ने समर्थन वापस लिया तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

रांची: जेवीएम के 6 विधायकों के दलबदल मामले में 20 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा. विधानसभा सचिवालय के न्यायाधिकरण कक्ष में दोपहर 3:30 बजे फैसला सुनाने का समय निर्धारित किया गया है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने इस बाबत जेवीएम सुप्रीमो सह याचिकाकर्ता बाबूलाल मरांडी को पत्र जारी किया है.

किन 6 विधायकों पर दल बदल का चल रहा था मामला
2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायक अपनी पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे. उनके नाम हैं, नवीन जयसवाल, अमर कुमार बाउरी, गणेश गंझु, रणधीर कुमार सिंह, जानकी प्रसाद यादव और आलोक चौरसिया.

भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दल परिवर्तन के आधार पर इन 6 विधायकों की सदस्यता को अयोग्य करार देने के लिए बाबूलाल मरांडी ने 11 फरवरी 2015 को याचिका दायर की थी. इसी मामले में जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने भी 25 मार्च 2015 को याचिका दायर की थी. विधानसभा अध्यक्ष की कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद 12 दिसंबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

undefined

इनमें से कौन विधायक बने हैं मंत्री
जेवीएम के जो छह विधायक भाजपा में शामिल हुए थे उनमें से अमर कुमार बाउरी और रणधीर कुमार सिंह रघुवर कैबिनेट में मंत्री हैं.

अयोग्य करार देने पर सरकार की सेहत पर पड़ेगा असर ?
सबसे बड़ा सवाल है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत इन छह विधायकों की सदस्यता को अयोग्य करार देते हैं तो क्या इससे रघुवर सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ेगा. दरअसल, झारखंड विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 81 है. इस आधार पर बहुमत के लिए सरकार के पास 42 विधायकों का होना जरूरी है.

यदि छह विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 75 रह जाएगी. इस आधार पर सरकार के पास बहुमत के लिए 38 विधायक होने चाहिए. लिहाजा इस फैसले से सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भाजपा के पास 37 विधायक हैं और सहयोगी दल आजसू के चार विधायक हैं. लिहाजा सरकार को कुल 41 विधायकों का समर्थन है.

undefined

आजसू की भूमिका हो जाएगी अहम
अगर 6 विधायकों की सदस्यता समाप्त हो जाती है तब सरकार में शामिल आजसू की भूमिका अहम हो जाएगी. अगर आजसु ने समर्थन वापस लिया तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

Intro:चाईबासा। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद पूरा देश शोक में डूबा हुआ है साथ ही सभी आक्रोशित है। इस घटना के बाद पश्चिम सिंहभूम जिले के विभिन्न स्थानों पर लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।




Body:आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए चाईबासा के लोगों ने पोस्ट ऑफिस चौक से शहीद पार्क चौक तक कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रकट किया। इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद एवं पाकिस्तान हाय हाय के जमकर नारे लगाए। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एवं हाफिज सईद का पुतला फूंका।

इसके साथ ही लोगों ने शहीद सीआरपीएफ जवानों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा।


Conclusion:आतंकी हमले से नाराज विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों, संगठन व राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर कैंडल मार्च निकाल कर शहिद जवानों को श्रद्धांजलि दी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.