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झारखंड में बनेगी डेयरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी, सभी जिलों में खुलेंगे मत्स्य बिक्री के केंद्र - jharkhand news

शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समीक्षा बैठक कर कई दिशा निर्देश दिए. इस दौरान सीएम ने 2022 तक झारखंड को दुग्ध उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से डेरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी बनाने को लेकर कृषि सचिव को कई निर्देश दिए.

बैठक करते सीएम
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Published : Jul 7, 2019, 12:03 AM IST


रांची: साल 2022 तक झारखंड को दुग्ध उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से डेरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी बनायी जाएगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बाबत कृषि सचिव पूजा सिंघल को निर्देश दिया है.

देखें पूरी खबर

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि वर्ष 2018-19 में झारखंड में 59.50 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन हुआ था. जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रतिदिन 62.50 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

हर जिले में खुलेगा मत्स्य बिक्री केंद्र
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी जिलों में मदद से बिक्री केंद्र बनाए जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि साल 2014 तक राज्य में एक लाख चार हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन था, जो 2018-19 में बढ़कर दो लाख आठ हजार मैट्रिक टन पहुंच चुका है.

ये भी पढ़ें- लोगों के मनोरंजन के लिए कूद जाते हैं 'मौत के कुएं' में, इनकी कहानी में रोमांच से ज्यादा है जोखिम

सभी जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन ब्रांच होगा स्थापित
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को सभी जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन का ब्रांच स्थापित कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा. पोल्ट्री फार्म का उत्पादित अंडा को राज्य सरकार खरीदेगी जो मिड डे मील में बच्चों को दिया जायेगा.

बता दें कि समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, एमडी मार्केटिंग बोर्ड मंजूनाथ भजंत्री निदेशक छवि रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.


रांची: साल 2022 तक झारखंड को दुग्ध उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से डेरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी बनायी जाएगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बाबत कृषि सचिव पूजा सिंघल को निर्देश दिया है.

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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि वर्ष 2018-19 में झारखंड में 59.50 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन हुआ था. जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रतिदिन 62.50 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

हर जिले में खुलेगा मत्स्य बिक्री केंद्र
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी जिलों में मदद से बिक्री केंद्र बनाए जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि साल 2014 तक राज्य में एक लाख चार हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन था, जो 2018-19 में बढ़कर दो लाख आठ हजार मैट्रिक टन पहुंच चुका है.

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सभी जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन ब्रांच होगा स्थापित
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को सभी जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन का ब्रांच स्थापित कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा. पोल्ट्री फार्म का उत्पादित अंडा को राज्य सरकार खरीदेगी जो मिड डे मील में बच्चों को दिया जायेगा.

बता दें कि समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, एमडी मार्केटिंग बोर्ड मंजूनाथ भजंत्री निदेशक छवि रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

Intro:झारखंड में बनेगी डेयरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी, सभी जिलों में मत्स्य बिक्री केंद्र खुलेंगे

रांची

साल 2022 तक झारखंड को दुग्ध उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से डेरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी बनायी जाएगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बाबत कृषि सचिव पूजा सिंघल को निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि वर्ष 2018-19 में झारखंड में 59.50 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन हुआ था जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रतिदिन 62.50 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

हर जिले में मत्स्य बिक्री केंद्र खुलेगा

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी जिलों में मदद से बिक्री केंद्र बनाए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि साल 2014 तक राज्य में एक लाख चार हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन था जो 2018 19 में बढ़कर दो लाख आठ हजार मैट्रिक टन पहुंच चुका है।

Body:सभी जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन ब्रांच होगा स्थापित

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को सभी जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन का ब्रांच स्थापित कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। पोल्ट्री फार्म का उत्पादित अंडा को राज्य सरकार खरीदेगी जो मिड डे मील में बच्चों को दिया जायेगा।

Conclusion:समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री श रणधीर सिंह, मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, एमडी मार्केटिंग बोर्ड मंजूनाथ भजंत्री निदेशक छवि रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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