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झारखंड में सुधरेगी बिजली व्यवस्था, CM ने दिए ट्रांसमिशन लाइन दुरुस्त करने के निर्देश

रांची में विभाग अधिकारियों के साथ सीएम रघुवर दास ने बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिजली के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसलिए प्राथमिकता के तौर पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द निपटाया जाए.

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Published : Jun 8, 2019, 3:45 PM IST

वन विभाग के अधिकारियों के साथ सीएम की बैठक

रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली ट्रांसमिशन लाइन के लिए आड़े आ रहे फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द निपटाने का निर्देश दिया है. शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट बिल्डिंग में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसलिए प्राथमिकता के तौर पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द निपटाया जाए.

सीएम रघुवर दास

रघुवर दास ने कहा कि नियम कानून का पालन करते हुए अधिकारी इस समस्या का समाधान करें. उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए जो डेडलाइन फिक्स की जा रही है, उसके अंतर्गत सारे काम हो जाने चाहिए.

ये भी पढ़ें-भूख से कथित मौत का जायजा लेने पहुंचे मंत्री, कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

सीएम ने कहा कि अभी हालत यह है कि कई ऐसे इलाके हैं, जहां बिजली की समस्या से लोग जूझ रहे है. उन्होंने कहा कि राज्य के सिमडेगा, चाईबासा, पाकुड़ समेत सभी छह आकांक्षी जिलों में बिजली चली जाए इससे वहां के लोग काफी लाभान्वित होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अगर ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्र, अस्पताल और स्कूलों में लगातार बिजली मिलती रहेगी, तो वहां के लोग काफी संतुष्ट होंगे. इसके साथ ही उन इलाकों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई और शिक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी.

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह गौरव का विषय है कि उन्हें अधिकारी और अन्य रूप में लोगों की सेवा करने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में अपार संभावनाएं हैं, जरूरत उन्हें समय पर एक्सप्लोर करने की है. इसके लिए उन्हें आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि यह जनता को आश्वस्त करें कि सितंबर-अक्टूबर तक मैक्सिमम बिजली का ट्रांसमिशन लाइन चालू हो जाए. उन्होंने कहा कि अगर गांव में बिजली चली जाएगी तो लोगों की सोच बदल जाएगी.

रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली ट्रांसमिशन लाइन के लिए आड़े आ रहे फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द निपटाने का निर्देश दिया है. शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट बिल्डिंग में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसलिए प्राथमिकता के तौर पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द निपटाया जाए.

सीएम रघुवर दास

रघुवर दास ने कहा कि नियम कानून का पालन करते हुए अधिकारी इस समस्या का समाधान करें. उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए जो डेडलाइन फिक्स की जा रही है, उसके अंतर्गत सारे काम हो जाने चाहिए.

ये भी पढ़ें-भूख से कथित मौत का जायजा लेने पहुंचे मंत्री, कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

सीएम ने कहा कि अभी हालत यह है कि कई ऐसे इलाके हैं, जहां बिजली की समस्या से लोग जूझ रहे है. उन्होंने कहा कि राज्य के सिमडेगा, चाईबासा, पाकुड़ समेत सभी छह आकांक्षी जिलों में बिजली चली जाए इससे वहां के लोग काफी लाभान्वित होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अगर ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्र, अस्पताल और स्कूलों में लगातार बिजली मिलती रहेगी, तो वहां के लोग काफी संतुष्ट होंगे. इसके साथ ही उन इलाकों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई और शिक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी.

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह गौरव का विषय है कि उन्हें अधिकारी और अन्य रूप में लोगों की सेवा करने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में अपार संभावनाएं हैं, जरूरत उन्हें समय पर एक्सप्लोर करने की है. इसके लिए उन्हें आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि यह जनता को आश्वस्त करें कि सितंबर-अक्टूबर तक मैक्सिमम बिजली का ट्रांसमिशन लाइन चालू हो जाए. उन्होंने कहा कि अगर गांव में बिजली चली जाएगी तो लोगों की सोच बदल जाएगी.

Intro:इससे जुड़ा वीडियो वाटस अप पर है

रांची। प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली ट्रांसमिशन लाइन के लिए आड़े आ रहे फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द निपटाने का निर्देश दिया है। शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट बिल्डिंग में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए प्राथमिकता के तौर पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि नियम कानून का पालन करते हुए अधिकारी इस समस्या का समाधान करें मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि इसके लिए जो डेडलाइन फिक्स की जा रही है उसके अंतर्गत सारे काम हो जाने चाहिए।


Body:सीएम ने कहा कि अभी हालत यह है कि कई ऐसे इलाके हैं जहां बिजली की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सिमडेगा, चाईबासा, पाकुड़ समेत सभी छह आकांक्षी जिलों में बिजली चली जाए इससे वहां के लोग काफी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्र अस्पताल और स्कूलों में लगातार बिजली मिलती रहेगी तो वहां के लोग काफी संतुष्ट होंगे। साथ ही उन इलाकों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई और शिक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।


Conclusion:उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह गौरव का विषय है कि उन्हें अधिकारी और अन्य रूप में लोगों की सेवा करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में अपार संभावनाएं हैं जरूरत उन्हें समय पर एक्सप्लोर करने की है। इसके लिए उन्हें आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि यह जनता को आश्वस्त करें कि सितंबर-अक्टूबर तक मैक्सिमम बिजली का ट्रांसमिशन लाइन चालू हो जाए। उन्होंने कहा कि अगर गांव में बिजली चली जाएगी तो लोगों की सोच बदल जाएगी।
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