रांची: राजधानी में ग्रामीण विकास योजना के सफल क्रियान्वयन में ग्राम पंचायतों की भूमिका पर एकदिवसीय सम्मेलन एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के लगभग 4000 मुखिया शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने झारखंड सरकार की कई सफलताओं को बताते हुए मुखिया को अपने कार्यों और कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार होने की नसीहत दी.
इस कार्यक्रम में पूरे राज्य के ग्रामीण इलाकों में मुखिया को विकास के काम के लिए किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसकी मुख्यमंत्री ने जानकारी ली. मुखिया संघ ने मुख्यमंत्री से मनरेगा में राज्य सरकार से राशि देने की मांग की. 24 जिला में पंचायती राज के नियम अलग-अलग हैं. इसको लेकर भी मुखिया संघ के अध्यक्ष विकास मेहता ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि जो भी मुखिया बेहतर काम करेंगे, उन्हें विभाग की तरफ से हर 6 महीने पर सम्मानित किया जाएगा. ताकि मुखिया के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़े और वह बेहतर काम कर सकें. साथ ही मुखिया के 5 लाख तक की मांग की स्वीकृति की भी घोषणा की गई. साथ ही मुखिया को पढ़ने-लिखने और ज्ञान लेने का भी मुख्यमंत्री ने संदेश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज सचिव की निगरानी में 7 सदस्यों वाली एक कमेटी का गठन 15 दिनों के अंदर करें. साथ ही उन्होंने कहा कि मुखियागण की आय वृद्धि समेत अन्य मांगों पर जरूर काम होगा. इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ मुंडा, विकास आयुक्त डीके तिवारी, कृषि सचिव पूजा सिंघल, पंचायती राज के सचिव प्रवीण टोप्पो, रांची डीसी, रांची एसपी सहित कई अधिकारीगण मौजूद रहे.