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पहली बार बाल संरक्षण ने बनाई समिति, बच्चों के जागरूकता के लिए चलाया जाएगा अभियान

जिले में बच्चों को लेकर संरक्षण आयोजन को लेकर आयोग ने बैठक का आयोजन किया. ताकि बच्चों को उनके अधिकार की जानकारी हो सके और जागरूकता पैदा हो.

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Published : Feb 17, 2019, 3:25 PM IST

बाल संरक्षण ने बनाई समिति

जामताड़ा: जिले में बच्चों के अधिकार और उनको जागरूक करने को लेकर बाल संरक्षण आयोग और जिला प्रशासन गंभीर है. जिसको लेकर प्रशासन और बाल संरक्षण आयोग ने एक अभियान शुरू करने का फैसला लिया है.

बाल संरक्षण ने बनाई समिति
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जिला बनने के बाद पहली बार बाल संरक्षण आयोग ने बाल संरक्षण को लेकर विभिन्न समिति बनाई गई. बच्चों को जागरूक करने और उनको शोषण और अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए संयुक्त रूप से अभियान चलाया जाएगा. जिसे लेकर कई संस्थाओं के साथ बैठक की गई. जिसमें बाल मजदूरी, बाल विवाह आदि बातों पर चर्चा की गई.

वहीं, उपायुक्त ने बताया कि हर जिले में बच्चों को लेकर कोई न कोई समस्या रहती है. उन्होंने कहा कि संरक्षण को लेकर जिला से लेकर ग्राम स्तर तक बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है, लेकिन धरातल पर काम नहीं हो पा रहा है अब इसे बाल संरक्षण हमारा अभियान के तहत उन्हें सक्रिय किया जाएगा. ताकि बच्चों को उनके अधिकार की जानकारी हो सके और में जागरूकता पैदा हो.

जामताड़ा: जिले में बच्चों के अधिकार और उनको जागरूक करने को लेकर बाल संरक्षण आयोग और जिला प्रशासन गंभीर है. जिसको लेकर प्रशासन और बाल संरक्षण आयोग ने एक अभियान शुरू करने का फैसला लिया है.

बाल संरक्षण ने बनाई समिति
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जिला बनने के बाद पहली बार बाल संरक्षण आयोग ने बाल संरक्षण को लेकर विभिन्न समिति बनाई गई. बच्चों को जागरूक करने और उनको शोषण और अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए संयुक्त रूप से अभियान चलाया जाएगा. जिसे लेकर कई संस्थाओं के साथ बैठक की गई. जिसमें बाल मजदूरी, बाल विवाह आदि बातों पर चर्चा की गई.

वहीं, उपायुक्त ने बताया कि हर जिले में बच्चों को लेकर कोई न कोई समस्या रहती है. उन्होंने कहा कि संरक्षण को लेकर जिला से लेकर ग्राम स्तर तक बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है, लेकिन धरातल पर काम नहीं हो पा रहा है अब इसे बाल संरक्षण हमारा अभियान के तहत उन्हें सक्रिय किया जाएगा. ताकि बच्चों को उनके अधिकार की जानकारी हो सके और में जागरूकता पैदा हो.

Intro:जामताड़ा में बच्चों के अधिकार उनको जागरूक करने उनको संरक्षण देने को लेकर बाल संरक्षण आयोग और जिला प्रशासन गंभीर है जिला प्रशासन और बाल संरक्षण आयोग बच्चों के संरक्षण को लेकर जामताड़ा में बाल संरक्षण हमारा अभियान शुरुआत करने का फैसला लिया है


Body:जामताड़ा जिला में बच्चों को जागरूक करने उनके अधिकार के प्रति उत्साहित करने उनके हो रहे शोषण अत्याचार से मुक्ति दिलाने हेतु जामताड़ा जिला प्रशासन और बाल संरक्षण आयोग ने संयुक्त रूप से बाल संरक्षण हमारा अभियान शुरू करने का फैसला लिया है
दरअसल जामताड़ा जिला बनने के बाद पहली बार बाल संरक्षण आयोग ने बाल संरक्षण को लेकर बनाए गए विभिन्न समिति और इसके प्रत्येक काम करने वाले संस्थाओं के साथ बैठक की गई बैठक में किए जा रहे कार्य की समीक्षा पर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि धरातल पर बाल संरक्षण को लेकर आम होनी चाहिए वह धरातल पर नहीं उतर पाने के कारण नहीं हो पा रही है जिला में बाल संरक्षण होम की कमी है जिस पर बाल संरक्षण आयोग ने बनाने के लिए जोर दिया साथ ही बाल मजदूरी बाल विवाह आदि बातों पर चर्चा की गई तथा रोकथाम करने का उन्हें जागरूकता करने पर बल दिया गया बैठक के उपरांत जिला प्रशासन ने बाल संरक्षण को लेकर बनाए गए विभिन्न समिति काम करने वाले सभी संस्था के साथ मिलकर बाल संरक्षण हमारा अभियान शुरू करने का फैसला लिया है जिसके तहत सभी स्कूल संस्था के सहयोग से चाइल्ड हेल्पलाइन की जानकारी देने बच्चों को जागरूक करने ताकि उनके क्या अधिकार है उनको यह पता चल सके उनके लिए चलाए जा रहे सरकार की योजनाएं क्या है उनको जानकारी हो सके इन सब मुद्दों को लेकर बाल संरक्षण हमारा अभियान के तहत काम किया जाएगा जिला के उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि हर जिले में बच्चों को लेकर कोई न कोई समस्या रहती है संरक्षण को लेकर जिला से लेकर ग्राम स्तर तक बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है लेकिन धरातल पर काम नहीं हो पा रहा है इसको बाल संरक्षण हमाराअभियान के तहत उन्हें सक्रिय किया जाएगा ताकि बच्चों को उनके अधिकार की जानकारी हो सके और में जागरूकता पैदा हो
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने झारखंड में ह्यूमन ट्रैफिकिंग बाल विवाह बाल मजदूरी सबसे बड़ी समस्या बताया उन्होंने संथाल परगना में बाल विवाह प्रथा खासकर गोड्डा जिला में ज्यादा होने की जानकारी देते हुए बताया कि बाल संरक्षण आयोग इस दिशा में राज्य स्तर से तो काम कर रही है लेकिन निचले स्तर पर जो काम होनी चाहिए नहीं हो पा रही है जिसे लेकर बैठक कर समीक्षा की जा रही है और इसे काम करने के लिए आवश्यक कार्य करने पर आयोग काम कर रही है ताकि बच्चों का जो अधिकार है वह उनको मिल सके और उनका संरक्षण सही रूप से हो सके इसके प्रति उन्होंने बताया कि बाल संरक्षण आयोग गंभीर है
बाईट 1 जटाशंकर चौधरी उपायुक्त जामताड़ा
बाईट2 आरती कुजूर अध्यक्ष बाल संरक्षण आयोग झारखंड


Conclusion:आपको बता दें कि जामताड़ा में भटके हुए बच्चे का मामला यहां तक कि बाल विवाह बाल मजदूरी का मामला गाहे-बगाहे आते रहता है यही नहीं बड़े पैमाने पर शिक्षा के नाम पर अल्पसंख्यक के बच्चे केरल और बाहर भेजे जाते हैं जिसका लेकर केरल और बोकारो से दो दो बार बच्चों को रेस्क्यू कल जामताड़ा लाया गया और उनके घर प्रशासन और बाल संरक्षण समिति के सहयोग से विवाह को को सुपुर्द किया गया हाल ही में बाल विवाह का भी मामला सामने आया जिसे प्रशासन ने रोक लगाने का काम किया बाल संरक्षण हमारा अभियान शुरू होने से खासकर बच्चों में होने वाले समस्या और उनके प्रति जो अधिकार है उनको मिलेगा और इस तरह की समस्या से निजात मिल सकेगा
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा

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