रांची: झारखंड में लगातार बिजली समस्या से लोगों को परेशानी हो रही है. इसे लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने राज्य सरकार पर सवाल खड़ा किया. चेंबर ने कहा कि जिस तरह से उद्योग जगत और आम लोगों के लिए दिन भर में मात्र 14 से 15 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. वो कहीं ना कहीं सरकार और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है.
राज्य में बिजली समस्या को लेकर एफजेसीसीआई ने बताया कि पिछले कुछ सालों से एफजेसीसीआई और अन्य व्यापारिक संगठनों ने सरकार के साथ पावरकट की बात करते रही है. लेकिन सरकार द्वारा उनकी बातों को अनसुना किया जाता है. उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र में बिजली की समस्या लगातार बनी हुई है, जिससे उपभोक्ताओं और व्यापारियों को नुकसान भुगतना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें-महागठबंधन में नहीं है कोई रार, संथाल परगना में एक साथ कर रहे हैं काम
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने बताया कि मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बावजूद भी राजधानी और राज्य के उद्योगपतियों को बिजली की समस्या झेलनी पड़ रही. जिससे उद्योग के क्षेत्र में काफी नुकसान हो रहा है.
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा कि बिजली के डिस्ट्रीब्यूशन को निजी हाथों में दिया जाए. उन्होंने कहा कि जेबीवीएनएल के कार्यकलापों की जांच करते हुए जवाबदेही तय की जाए, क्योंकि जेबीवीएनएल झारखंड को गुणवत्तापूर्ण बिजली देने में असमर्थ है. इसीलिए वो सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द विद्युत के संचरण की जिम्मेदारी निजी हाथों में दी जाए. वहीं, अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा कि अगर सरकार बिजली की समस्या को लेकर उनकी बातों पर ध्यान केंद्रित नहीं करती है, तो वो जल्द सरकार के खिलाफ जन आंदोलन करने को मजबूर होंगे.