रांची: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इसमें पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी 1 रुपए और रोड-कंस्ट्रक्शन सेस 1 रुपए प्रति लीटर बढ़ाने का ऐलान किया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि कच्चे तेल के दाम पिछले कुछ समय में कम हुए हैं. इससे हमें पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और सेस की समीक्षा करने का मौका मिला.
पेट्रोल के दाम बढ़ने से छात्रों की किताबें और दूसरे जरूरी सामान भी महंगे होंगे. स्कूल प्रबंधन अपनी बसों की फीस में इजाफा करेगा और इसका सीधा असर अभिभावकों की जेब पर होगा.
अगर कोई छुट्टी की योजना बना रहा है या भारत के बाहर पढ़ाई करने की योजना बना रहा है, तो उसे महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. विनिमय दर में गिरावट भी देखी जा सकती है.
पेट्रोल के बढ़ते दामों से रोजमर्रा की चीजों पर महंगाई की मार होगी. जिससे इसका सीधा असर बैंकिंग सेवाओं पर भी होगा. इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लोन पर ब्याज दरों को बढ़ा सकता है. इसका सीधा असर मध्यम वर्गीय लोगों पर पड़ेगा. इसके अलावा एजुकेशन लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ सकता है. एजुकेशन लोन महंगा होने का सीधा असर छात्रों पर पड़ेगा.