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इस बाल वैज्ञानिक ने साइकिल को बना डाला स्कूटी, भाई को गैरेज में काम करता देख आया था IDEA - jharkhand news

पाकुड़ के रहने वाले सरकारी स्कूल के नवीं कक्षा के छात्र सुरेश कुमार झा ने साइकिल को बैटरी संचालित स्कूटी बना दिया, जिसे सोलर लाइट से चार्ज किया जा सकता है. सुरेश ने बताया कि बैटरी संचालित स्कूटी बनाने का आइडिया उसके भाई से मिला.

देखिए स्पेशल स्टोरी
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Published : Apr 10, 2019, 3:28 PM IST

रांची: कहते हैं जहां जिद और लगन हो, वहां असंभव को संभव किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही पाकुड़ के रहने वाले सरकारी स्कूल के नवीं कक्षा के छात्र सुरेश कुमार झा ने कर दिखाया है. सुरेश ने एक साइकिल को बैटरी संचालित स्कूटी बना दिया है, जिसे सोलर लाइट से चार्ज किया जा सकता है.

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ये भी पढ़ें-लालू यादव को 'सुप्रीम' झटका, पहली बार जेल में ही बीतेगा चुनाव

सुरेश को बैटरी संचालित स्कूटी बनाने का आइडिया उसके भाई से मिला. जिसके बाद उसने अपने साइकिल में डायनमो लगा कर 48 वोल्ट की बैटरी के साथ अटैच कर सोलर लाइट से चार्ज होने वाली स्कूटी बनाया. अब वो इस साइकिल से स्कूल और ट्यूशन भी जाता है.

सुरेश ने बताया कि इससे प्रदूषण कम होगा और एक्सीटेंड होने के आसार भी कम है. वहीं, इस कारनामे के बाद सुरेश को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है. सुरेश को राज्य सरकार के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने इससे बेहतरीन मॉडल बनाने को कहा है, जिसका पूरा खर्च सरकार द्वारा वाहन किए जाने का आश्वासन भी दिया है.

सुरेश जैसे होनहार छात्रों को अगर सही मार्गदर्शन मिले तो वो बहुत कुछ कर सकते है. बस जरूरत है लगातार मेहनत और लगन से काम करने की.

रांची: कहते हैं जहां जिद और लगन हो, वहां असंभव को संभव किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही पाकुड़ के रहने वाले सरकारी स्कूल के नवीं कक्षा के छात्र सुरेश कुमार झा ने कर दिखाया है. सुरेश ने एक साइकिल को बैटरी संचालित स्कूटी बना दिया है, जिसे सोलर लाइट से चार्ज किया जा सकता है.

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सुरेश को बैटरी संचालित स्कूटी बनाने का आइडिया उसके भाई से मिला. जिसके बाद उसने अपने साइकिल में डायनमो लगा कर 48 वोल्ट की बैटरी के साथ अटैच कर सोलर लाइट से चार्ज होने वाली स्कूटी बनाया. अब वो इस साइकिल से स्कूल और ट्यूशन भी जाता है.

सुरेश ने बताया कि इससे प्रदूषण कम होगा और एक्सीटेंड होने के आसार भी कम है. वहीं, इस कारनामे के बाद सुरेश को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है. सुरेश को राज्य सरकार के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने इससे बेहतरीन मॉडल बनाने को कहा है, जिसका पूरा खर्च सरकार द्वारा वाहन किए जाने का आश्वासन भी दिया है.

सुरेश जैसे होनहार छात्रों को अगर सही मार्गदर्शन मिले तो वो बहुत कुछ कर सकते है. बस जरूरत है लगातार मेहनत और लगन से काम करने की.

Intro:कहते हैं जहां ज़िद और लगन हो वहां असंभव को संभव किया जा सकता है और पाकुड़ का रहने वाला सरकारी स्कूल के नवीं कक्षा के छात्र सुरेश कुमार झा ऐसा ही कुछ कारनामा करके दिखाया है , इन्होंने अपने बाल वैज्ञानिक दिमाग से एक साइकिल को बैटरी संचालित स्कूटी बना दिया है .वह भी सोलर लाइट से इसे चार्ज किया जाता है.


Body:नवीं कक्षा का छात्र सुरेश कुमार झा अपने घर के समीप एक दिन बैठा था, अचानक एक ऑटो खराब हो गई और उसके भाई के गैरेज पर उस ऑटो को बनाने लाया गया, बड़े भाई द्वारा ऑटो बनाते देख इसके मन में भी जिज्ञासा उठा कि क्या साइकिल को भी ऑटो और स्कूटी की तरह चलाया जा सकता है और उसके बाल वैज्ञानिक दिमाग में यह ख्याल घर कर गया, उसने इसी से प्रेरणा लेते हुए एक दिन अपने साइकिल को डायनेमो लगा कर 48 वोल्ट की बैटरी के साथ अटैच कर सोलर लाइट से चार्ज होने वाला स्कूटी बना डाला अब वह इसी सोलर लाइट से संचालित साइकिल से स्कूल जाता है और ट्यूशन भी जाता है .इस कारनामे के बाद संतोष कुमार झा को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है और राजधानी रांची में आयोजित बाल समागम में इस बाल वैज्ञानिक को राज्य सरकार के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने भी और इससे बेहतरीन मॉडल बनाने को कहा है,इसमे लगने वाले पूरा खर्च सरकार द्वारा वाहन किए जाने का आश्वासन भी दिया है।


बाइट-सुरेश कुमार झा,बाल वैज्ञानिक


Conclusion:इस सोलर साइकिल के कई फायदे हैं प्रदूषण नहीं होता है दुर्घटना में कमी आएगी 25 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से यह साइकिल चलती है।
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