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जल्द होगी विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति, बैकलॉग के 566 पद हैं रिक्त

रांची के तमाम विश्वविद्यालयों में सैंकड़ों पद पर जल्द नियुक्ति की जाएगी. राज्यपाल से आवेदन मांगने के बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु होगी.

जल्द होगी असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति
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Published : May 4, 2019, 5:11 PM IST

रांची: आरयू समेत राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में 566 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए जेपीएससी द्वारा यह प्रक्रिया जल्द पूरी होगी. नियम के तहत आयोग राज्य सरकार के माध्यम से राज्यपाल से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगेगी. इसे लेकर जेपीएससी द्वारा प्रस्ताव भी तैयार किया गया है.

जल्द होगी असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति

राज्य के विश्वविद्यालयों में बैक लॉग में कुल 566 पद रिक्त है. रांची विवि में 268, कोल्हन विश्वविद्यालय में107 नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में 50, सिद्धू कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय में 116 और विनोभा विश्वविद्यालय में 148 पद रिक्त पड़े हैं. इसके लिए उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं.

बता दें कि 31 अगस्त 2018 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र के निर्देश के बाद 15 जनवरी 2019 से नियुक्ति मामला अटक गया था. बताया जा रहा है कि परीक्षा का रिजल्ट जारी करने और सिविल जज की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही विश्वविद्यालय के अन्य नियुक्ति पर विचार करने का निर्णय लिया गया है.

असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति हो जाने के बाद विश्वविद्यालय में पठन-पाठन थोड़ी पटरी पर आएगी. गौरतलब है कि छात्र संगठन द्वारा लगातार प्रोफेसरों की कमी का हवाला देते हुए आंदोलन किया जाता रहा है और प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से विश्वविद्यालयों में सेशन भी लेटलतीफी की शिकार हो रही है. इसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.

रांची: आरयू समेत राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में 566 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए जेपीएससी द्वारा यह प्रक्रिया जल्द पूरी होगी. नियम के तहत आयोग राज्य सरकार के माध्यम से राज्यपाल से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगेगी. इसे लेकर जेपीएससी द्वारा प्रस्ताव भी तैयार किया गया है.

जल्द होगी असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति

राज्य के विश्वविद्यालयों में बैक लॉग में कुल 566 पद रिक्त है. रांची विवि में 268, कोल्हन विश्वविद्यालय में107 नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में 50, सिद्धू कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय में 116 और विनोभा विश्वविद्यालय में 148 पद रिक्त पड़े हैं. इसके लिए उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं.

बता दें कि 31 अगस्त 2018 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र के निर्देश के बाद 15 जनवरी 2019 से नियुक्ति मामला अटक गया था. बताया जा रहा है कि परीक्षा का रिजल्ट जारी करने और सिविल जज की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही विश्वविद्यालय के अन्य नियुक्ति पर विचार करने का निर्णय लिया गया है.

असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति हो जाने के बाद विश्वविद्यालय में पठन-पाठन थोड़ी पटरी पर आएगी. गौरतलब है कि छात्र संगठन द्वारा लगातार प्रोफेसरों की कमी का हवाला देते हुए आंदोलन किया जाता रहा है और प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से विश्वविद्यालयों में सेशन भी लेटलतीफी की शिकार हो रही है. इसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.

Intro:रेडी टू एयर.....स्पेशल।

रांची।


रांची विश्वविद्यालय समेत राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में 566 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी ,जेपीएससी द्वारा यह प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी .नियम के तहत आयोग राज्य सरकार के माध्यम से राज्यपाल से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगेगी. इसे लेकर जेपीएससी द्वारा प्रस्ताव भी तैयार किया गया है.


Body:राज्य के विश्वविद्यालयों में बैक लॉग में कुल 566 पद रिक्त है ,रांची विवि में 268 ,कोल्हन विश्वविद्यालय में, 107 नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में 50, सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय में 116 और विनोभा विश्वविद्यालय में 148 पद रिक्त पड़े हैं .इसके लिए उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं ,31 अगस्त 2018 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे .सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र के निर्देश के बाद 15 जनवरी 2019 से नियुक्ति मामला अटक गया था ,बताया जा रहा है कि परीक्षा का रिजल्ट जारी करने और सिविल जज की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही विश्वविद्यालय के अन्य नियुक्ति पर विचार करने का निर्णय लिया गया है ,

असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति हो जाने के बाद विश्व विद्यालय में पठन-पाठन थोड़ी पटरी पर आएगी, गौरतलब है कि छात्र संगठन द्वारा लगातार प्रोफेसरों की कमी का हवाला देते हुए आंदोलन किया जाता रहा है और प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से विश्वविद्यालयों में सेशन भी लेटलतीफी की शिकार हो रही है.
इसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.

बाइट- कामिनी कुमार ,प्रो वीसी ,रांची विश्वविद्यालय

बाइट- गोपाल कुमार, छात्र


Conclusion:
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