ETV Bharat / state

कृषि मंत्री ने ईटीवी भारत से कहा- किसानों का दर्द समझती है सरकार, विपक्ष पर साधा निशाना

रांची में सूबे के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने झारखंड की किसानों की स्थिति और कृषि के विकास पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मकसद किसानों की आय दोगुना करना है.

रणधीर सिंह, कृषि मंत्री
author img

By

Published : Jun 24, 2019, 7:46 PM IST

रांची: झारखंड में इन दिनों दो योजनाओं की जोर-शोर से चर्चा हो रही है. एक है केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और दूसरी मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना. झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने इन दोनों योजनाओं के बारे में हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह से खुलकर बात की.

कृषि मंत्री से बातचीत करते वरिष्ठ सहयोगी राजेश सिंह

कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और झारखंड की रघुवर सरकार किसानों की तकलीफ समझती है. इसलिए सरकार की कोशिश है कि किसानों के खाते में सीधे राशि दी जाए. ताकि वह बीज, खाद, पानी और कीटनाशक के लिए महाजनों के चंगुल में न फंसे. उन्होंने इस बात को माना कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा होने से पहले झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की घोषणा की थी. लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण इस योजना की राशि किसानों को नहीं दी जा सकी. जिसकी पहली किस्त जुलाई में दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान पहुंचे रांची, सदस्यता अभियान पर करेंगे चर्चा

उनसे यह पूछा गया कि विपक्ष इस योजना को सिर्फ चुनावी हथकंडा कह रही है. इसके जवाब में रणधीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने कई राज्यों में किसानों के ऋण माफी की घोषणा की थी लेकिन उसकी स्थिति क्या है यह जगजाहिर है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है और इसलिए इस तरह की योजनाओं को सक्रियता के साथ चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की इन दो योजनाओं के कारण यहां के 35 लाख किसानों की जिंदगी बदलेगी.

ये भी पढ़ें- झारखंड के पौने पांच लाख किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान, खाते में मिली योजना की राशि​​​​​​​

झारखंड के 35 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत तीन किस्तों में छह हजार रुपए प्रति किसान देने का सिलसिला शुरू हो चुका है. वहीं जुलाई माह में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1 एकड़ से कम खेती योग्य जमीन रखने वाले लघु और सीमांत किसानों को पांच हजार रुपए दिए जाएंगे. ऐसा होने से झारखंड के एक किसान के खाते में न्यूनतम 11 हजार रुपए ट्रांसफर होंगे. वहीं अगर किसी किसान के पास अधिकतम 5 एकड़ जमीन है तो उसे प्रति एकड़ पांच हजार रुपए के हिसाब से 25 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे. लिहाजा वैसे किसान को इस वित्तीय वर्ष में 31 हजार रुपए मिलेंगे.उन्होंने कहा कि 2014 में रघुवर सरकार के गठन से पहले झारखंड की कृषि विकास दर- 4.5% थी, जो अब बढ़कर 14% से ज्यादा हो गई है. इससे साफ है कि यहां की सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योजनाएं चला रही है न कि चुनावी फायदा उठाने के लिए.

अब हमारा सवाल है कि रघुवर सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के लिए इस साल के बजट में 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन 35 लाख किसानों के लिहाज से यह राशि कम पड़ सकती है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2000 करोड़ों रुपए के अलावा अतिरिक्त करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की जरूरत होगी जिसकी भरपाई उन विभागों से की जाएगी जिसकी बजट की राशि खर्च नहीं हो पाई है.

रांची: झारखंड में इन दिनों दो योजनाओं की जोर-शोर से चर्चा हो रही है. एक है केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और दूसरी मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना. झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने इन दोनों योजनाओं के बारे में हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह से खुलकर बात की.

कृषि मंत्री से बातचीत करते वरिष्ठ सहयोगी राजेश सिंह

कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और झारखंड की रघुवर सरकार किसानों की तकलीफ समझती है. इसलिए सरकार की कोशिश है कि किसानों के खाते में सीधे राशि दी जाए. ताकि वह बीज, खाद, पानी और कीटनाशक के लिए महाजनों के चंगुल में न फंसे. उन्होंने इस बात को माना कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा होने से पहले झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की घोषणा की थी. लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण इस योजना की राशि किसानों को नहीं दी जा सकी. जिसकी पहली किस्त जुलाई में दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान पहुंचे रांची, सदस्यता अभियान पर करेंगे चर्चा

उनसे यह पूछा गया कि विपक्ष इस योजना को सिर्फ चुनावी हथकंडा कह रही है. इसके जवाब में रणधीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने कई राज्यों में किसानों के ऋण माफी की घोषणा की थी लेकिन उसकी स्थिति क्या है यह जगजाहिर है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है और इसलिए इस तरह की योजनाओं को सक्रियता के साथ चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की इन दो योजनाओं के कारण यहां के 35 लाख किसानों की जिंदगी बदलेगी.

ये भी पढ़ें- झारखंड के पौने पांच लाख किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान, खाते में मिली योजना की राशि​​​​​​​

झारखंड के 35 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत तीन किस्तों में छह हजार रुपए प्रति किसान देने का सिलसिला शुरू हो चुका है. वहीं जुलाई माह में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1 एकड़ से कम खेती योग्य जमीन रखने वाले लघु और सीमांत किसानों को पांच हजार रुपए दिए जाएंगे. ऐसा होने से झारखंड के एक किसान के खाते में न्यूनतम 11 हजार रुपए ट्रांसफर होंगे. वहीं अगर किसी किसान के पास अधिकतम 5 एकड़ जमीन है तो उसे प्रति एकड़ पांच हजार रुपए के हिसाब से 25 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे. लिहाजा वैसे किसान को इस वित्तीय वर्ष में 31 हजार रुपए मिलेंगे.उन्होंने कहा कि 2014 में रघुवर सरकार के गठन से पहले झारखंड की कृषि विकास दर- 4.5% थी, जो अब बढ़कर 14% से ज्यादा हो गई है. इससे साफ है कि यहां की सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योजनाएं चला रही है न कि चुनावी फायदा उठाने के लिए.

अब हमारा सवाल है कि रघुवर सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के लिए इस साल के बजट में 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन 35 लाख किसानों के लिहाज से यह राशि कम पड़ सकती है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2000 करोड़ों रुपए के अलावा अतिरिक्त करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की जरूरत होगी जिसकी भरपाई उन विभागों से की जाएगी जिसकी बजट की राशि खर्च नहीं हो पाई है.

Intro:Note - कृषि मंत्री के साथ बातचीत से जुड़ा वीडियो लाइव यू से भेजा गया है

कृषि मंत्री ने किसानों के मामले में ईटीवी भारत से खुलकर की बात, विपक्ष पर साधा निशाना


रांची

झारखंड में इन दिनों 2 योजनाओं की जोर-शोर से चर्चा हो रही है। एक है केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और दूसरी मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना। झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने इन दोनों योजनाओं से झारखंड के 35 लाख किसानों को होने वाले फायदे और उसके मकसद के मसले पर हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह से खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और झारखंड की रघुवर सरकार किसानों की तकलीफ समझती है। इसलिए सरकार की कोशिश है कि किसानों के खाते में सीधे राशि दी जाए ताकि वह बीज, खाद, पानी और कीटनाशक के लिए महाजनों के चंगुल में न फंसे। उन्होंने इस बात को माना कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा होने से पहले झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की घोषणा की थी लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण इस योजना की राशि किसानों को नहीं दी जा सकी जिस की पहली किस्त जुलाई में दी जाएगी। उनसे यह पूछा गया कि विपक्ष इस योजना को सिर्फ चुनावी हथकंडा कह रही है। इसके जवाब में रणधीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस में कई राज्यों में किसानों के ऋण माफी की घोषणा की थी लेकिन उसकी स्थिति क्या है यह जगजाहिर है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है और इसलिए इस तरह की योजनाओं को सक्रियता के साथ चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की इन दो योजनाओं के कारण यहां के 35 लाख किसानों की जिंदगी बदलेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड के 35 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत तीन किस्तों में छह हजार रु प्रति किसान देने का सिलसिला शुरू हो चुका है। वहीं जुलाई माह में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1 एकड़ से कम खेती योग्य जमीन रखने वाले लघु और सीमांत किसानों को पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। ऐसा होने से झारखंड के एक किसान के खाते में न्यूनतम 11 हजार रु ट्रांसफर होंगे। वहीं अगर किसी किसान के पास अधिकतम 5 एकड़ जमीन है तो उसे प्रति एकड़ पांच हजार रु के हिसाब से 25 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। लिहाजा वैसे किसान को इस वित्तीय वर्ष में 31 हजार रुपए मिलेंगे। उन्होंने इस योजना को विपक्ष द्वारा चुनावी हथकंडा करार दिए जाने पर कहा कि 2014 में रघुवर सरकार के गठन से पहले झारखंड के कृषि विकास दर -4.5% थी जो अब बढ़कर 14% से ज्यादा हो गई है। इससे साफ है कि यहां की सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योजनाएं चला रही है ना कि चुनावी फायदा उठाने के लिए। अब हमारा सवाल है कि रघुवर सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के लिए इस साल के बजट में 2000 करोड़ों रुपए का प्रावधान किया है लेकिन 35 लाख किसानों के लिहाज से यह राशि कम पड़ सकती है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2000 करोड़ों रुपए के अलावा अतिरिक्त करीब डेढ़ सौ करोड़ो रुपए की जरूरत होगी जिसकी भरपाई उन विभागों से की जाएगी जिसकी बजट की राशि खर्च नहीं हो पाई है। Body:नोConclusion:नो
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.