बोकारो: बारिश के दिनों में भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है. यह हास्यास्पद जरूर लगता है, लेकिन यह सच है. बांध पंचायत के ग्रामीण इस बारिश के मौसम में भी प्यासे हैं. गोमिया प्रखंड के बांध पंचायत के लोगों को इन दिनों पेयजल की समस्या से काफी जूझना पड़ रहा है. इस पंचायत के लोगों को सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र और झारखंड सरकार की हर घर नल योजना के तहत पानी मिलता था, लेकिन पिछले कई दिनों से ग्रामीणों को कहीं से भी पानी नहीं मिल रहा है.
यह भी पढ़ें: दुमका के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराया, शिकारीपाड़ा और रानीश्वर प्रखंड में पानी के लिए मचा हाहाकार
स्थानीय मुखिया को ठहराया दोषी: पेयजल की इस समस्या के लिए महिलाओं ने स्थानीय मुखिया मुरली देवी को दोषी ठहराया है. इस संबंध में महिलाओं ने बताया कि हमारे इलाके में महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग पेयजल की समस्या से सभी काफी जूझ रहे हैं. उन्हें सिर्फ वर्षों से आश्वासन ही मिल रहा है. पिछले पांच-छह महीने पहले हर घर नल योजना के तहत झारखंड सरकार ने करोड़ों की लागत से बांध पंचायत में जलमीनार बनवाया है. लेकिन वह भी शोपीस बनी हुई है. ग्रामीणों को महीने में इस जलमीनार से तीन-चार दिन ही पानी मिलता है. बाकी दिनों उन्हें पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ता है. महिलाओं ने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा.
पेयजल आपूर्ति का मोटर हो गया है खराब: इस संबंध में स्थानीय मुखिया मुरली देवी ने कहा है कि वर्तमान समय में पेयजल आपूर्ति का मोटर खराब हो गया है. मोटर बन जाने के बाद पेयजल की समस्या दूर हो जाएगी. साथ ही कहा कि उपभोक्ता समय से जल टैक्स जमा नहीं करते हैं, जिस वजह से मेंटनेंस में परेशानी होती है. इस कारण भी उपभोक्ताओं को समय से पानी नहीं मिल पाता है.
बता दें कि इस पानी की समस्या को लेकर बीते दिन शुक्रवार को पंचायत की महिलाओं ने बैठक कर निर्णय लेते हुए मुखिया आवास का घेराव किया. लेकिन मुखिया मुरली देवी घर में नहीं थी. जिसके कारण महिलाएं वहां से बैरंग वापस लौट गईं. बैठक के दौरान महिलाओं ने स्थानीय मुखिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.