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मुंबई से चंदनकियारी पहुंचे शव को गांव में नहीं मिली एंट्री, जिला प्रशासन की मदद से हुआ अंतिम संस्कार - मुंबई से चंदनकियारी पहुंचा शव

चंदनकियारी के सियालजोरी गांव के एक मरीज को इलाज के लिए मुंबई ले जाया गया था. जिसके हालत में सुधार नहीं होने के कारण उसे घर जाने की सलाह दी गई. मुंबई से घर आने के दौरान मरीज की रास्ते में मौत हो गई. ग्रामीणों ने शव को उसके घर तक नहीं पहुंचने दिया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने बिना पोर्टमार्टम के ही उसका दाह संस्कार करवा दिया.

Villagers not allow dead body to reach home in Chandankiyari
मुंबई से बोकारो पहुंचा शव
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Published : Apr 21, 2020, 10:37 AM IST

Updated : May 23, 2020, 8:03 PM IST

बोकारो: जिले के चंदनकियारी प्रखंड के सियालजोरी गांव का एक मरीज कैंसर का इलाज कराने 17 मार्च को डीएचएम हॉस्पिटल मुंबई गया था, लेकिन हालत नहीं सुधरे तो डॉक्टरों ने उसे घर जाने की सलाह दी. मुंबई से झारखंड आने के दौरान रास्ते में ही साबू देवी ने दम तोड़ दिया.

साबू देवी के परिजन उसे मुंबई से एम्बुलेंस से घर ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. मुंबई से बोकारो तक शव पहुंच गया, लेकिन जिस टोले में मृतक का घर है, वहां ग्रामीणों ने पहले ही घेरा लगा दिया था और शव को घर तक नहीं पहुंचने दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने बिना मामले जांच किए और बिना पोस्टमार्टम के ही गांव के इजरी नदी में दाह संस्कार करवा दिया.

इसे भी पढे़ं:- पैदल चलकर नागपुर से गढ़वा बॉर्डर पर पहुंचे तीन मजदूरों पर मुकदमा, भेजे गए क्वॉरेंटाइन सेंटर

इस मामले को लेकर जब अंचल निरीक्षक दिनेश मिश्रा से फोन से संपर्क किया गया उन्होंने कहा कि सोसल डिस्टेंस देखते हुए ऐसा किया गया है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शव के साथ तीन आदमी थे जो उसे लेकर गांव तक आए, लेकिन प्रसासन ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं भेजा, जिसके कारण डर का माहौल है.

बोकारो: जिले के चंदनकियारी प्रखंड के सियालजोरी गांव का एक मरीज कैंसर का इलाज कराने 17 मार्च को डीएचएम हॉस्पिटल मुंबई गया था, लेकिन हालत नहीं सुधरे तो डॉक्टरों ने उसे घर जाने की सलाह दी. मुंबई से झारखंड आने के दौरान रास्ते में ही साबू देवी ने दम तोड़ दिया.

साबू देवी के परिजन उसे मुंबई से एम्बुलेंस से घर ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. मुंबई से बोकारो तक शव पहुंच गया, लेकिन जिस टोले में मृतक का घर है, वहां ग्रामीणों ने पहले ही घेरा लगा दिया था और शव को घर तक नहीं पहुंचने दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने बिना मामले जांच किए और बिना पोस्टमार्टम के ही गांव के इजरी नदी में दाह संस्कार करवा दिया.

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इस मामले को लेकर जब अंचल निरीक्षक दिनेश मिश्रा से फोन से संपर्क किया गया उन्होंने कहा कि सोसल डिस्टेंस देखते हुए ऐसा किया गया है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शव के साथ तीन आदमी थे जो उसे लेकर गांव तक आए, लेकिन प्रसासन ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं भेजा, जिसके कारण डर का माहौल है.

Last Updated : May 23, 2020, 8:03 PM IST
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