बोकारो: देश में स्टील की खपत में बढ़ोतरी हुई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार पर नजर डालें तो पूरी दुनिया में स्टील की ग्रोथ एक फीसदी है, जबकि भारत में यह करीब 14 फीसदी है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि भारत में स्टील उद्योग का भविष्य काफी अच्छा है. SAIL के सभी प्लांट 94% क्षमता पर स्टील का उत्पादन कर रहे हैं, जो सामान्य समय से कहीं अधिक है. ये बातें सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने गुरुवार को अपने बोकारो दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए कही. सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान बोकारो पहुंचे थे.
SAIL की क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य: सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि भविष्य में सेल के सभी स्टील प्लांटों का विस्तार करना है. जिसकी क्षमता 35 मिलियन टन होनी है, जो वर्ष 2030 तक पूरी हो जायेगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बोकारो स्टील प्लांट की क्षमता साढ़े चार मिलियन टन है, जिसे बढ़ाकर बोकारो और राउलकेला तक साढ़े सात मिलियन टन करना है. वर्णपुर में लगभग सात और दुर्गापुर में 6 मिलियन टन होगा.
डीकार्बोनाइजेशन पर हो रहा रोड मैप तैयार: डीकार्बोनाइजेशन प्राथमिकता में जुटे सेल चेयरमैन ने कहा कि कंपनी ने कुछ अन्य प्राथमिकताएं भी तय की हैं. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता डीकार्बोनाइजेशन है. पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है. स्टील इंडस्ट्रीज भी इस पर काम कर रही है और इस पर चर्चा भी कर रही है. उन्होंने कहा कि सेल भी इस संबंध में अपना रोड मैप तैयार कर रहा है. इसको लेकर हम आपके बीच आने का काम करेंगे, ताकि हमने जो भी बात अपने रोडमैप में कही है, उस पर सवाल पूछे जा सके.
एलॉय की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत: स्टील प्लांट में पावर के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर विकसित देशों को देखें तो वहां एक कर्मचारी हर साल 1600 टन स्टील का उत्पादन करता है लेकिन हमारे देश में यह आंकड़ा बहुत कम है. यहां का एक कर्मचारी हर साल 650 टन स्टील का उत्पादन करता है. हमें इसे बढ़ाना है और हमें इसे 1000 करना है, इसलिए इसका लक्ष्य 2030 रखा गया है. हम प्लांट के विस्तार के साथ-साथ इस पर काम करेंगे.
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