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Fire Safety in Bokaro: बोकारो के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम की समीक्षा, 79 में से आठ के पास ही है फायर सेफ्टी का एनओसी - बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी

धनबाद में अग्निकांड को लेकर एक बार फिर से प्रदेश के निजी स्वास्थ्य संस्थानों में फायर सेफ्टी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. बोकारो के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम की समीक्षा की पहल की जा रही है. जिला में हालात ऐसे हैं कि यहां 79 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स में से केवल 8 संस्थान के पास ही फायर सेफ्टी का एनओसी है.

Review of private hospitals and nursing homes regarding fire safety in Bokaro
बोकारो के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में आग से सुरक्षा नहीं
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Published : Feb 2, 2023, 7:16 AM IST

बोकारोः धनबाद आग त्रासदी ने एक बार फिर प्रशासन को बोकारो के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम की समीक्षा करने के लिए मजबूर कर दिया है. हालांकि बोकारो में स्थिति चिंताजनक है क्योंकि अधिकांश निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और अन्य चिकित्सा संस्थान यहां चल रहे हैं, उनके पास फायर एनओसी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार 79 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में से केवल 8 के पास फायर एनओसी मौजूद है.

इसे भी पढ़ें- Fire In Dhanbad: अपार्टमेंट की आग में जल गई 14 जिंदगी, लोग भूला नहीं पा रहे खौफनाक मंजर

बोकारो अग्निशमन विभाग के प्रभारी बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि एनओसी केवल उन्हीं संस्थानों को जारी की जाती है जो आवश्यक मापदंडों को पूरा करते हैं. इस प्रक्रिया के अनुसार अस्पताल एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं, जिसके बाद स्थानीय अग्निशमन विभाग के अधिकारी निरीक्षण के लिए जाते हैं और सलाह देते हैं. इस प्रक्रिया में अगर वो तमाम सुरक्षा मानदंड और आवश्यकताओं को पूरा करते हैं तभी उन्हें एनओसी जारी किया जाता है.

एनओसी नहीं एडवाइजरी पर चल रहा स्वास्थ्य संस्थानः प्रभारी ने बताया कि जिला के कई अस्पताल और नर्सिंग होम एडवाइजरी पर चल रहे हैं, उनके पास एनओसी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह जिला स्वास्थ्य विभाग है जो अनापत्ति नैदानिक प्रतिष्ठान प्रमाण पत्र देने में एनओसी के बजाय सलाह स्वीकार कर रहा है, इसमें हम क्या कर सकते हैं? एनओसी प्राप्त करने के लिए संस्थानों को एडवाइजरी के अनुसार आवश्यक मानदंडों को पूरा करना होगा, इसके बिना एनओसी जारी नहीं किया जा सकता है.

फ्लैट में चल रहा अस्पताल! बोकारो टाउनशिप में अधिकांश चिकित्सा संस्थान जिला स्वास्थ्य विभाग से अनंतिम नैदानिक स्थापना अधिनियम प्रमाण पत्र प्राप्त करने में अग्निशमन विभाग द्वारा दी गई सलाह का उपयोग करते हैं और स्वतंत्र रूप से चलते हैं. हालांकि टाउनशिप में जिस भवन में वो निजी अस्पताल या नर्सिंग होम चला रहे हैं, वह आवासीय-व्यावसायिक उद्देश्य के लिए बीएसएल द्वारा आवंटित भूखंड हैं. आवासीय और दुकान के लिए उन भूखंडों का डिजाइन बीएसएल द्वारा पास किया जाता है. ग्राउंड फ्लोर दुकान के लिए है और ऊपर के दो फ्लोर 2 बीएचके आवास हैं पर इसमें कई निजी अस्पताल चल रहे हैं.

टाउनशिप के ज्यादातर अस्पताल और नर्सिंग होम अनाधिकृतः इसमें संवेदनशील बात यह है कि बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) द्वारा टाउनशिप में चल रहे अधिकांश निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को अनाधिकृत करार दिया गया है क्योंकि वो इसके पट्टे पर दिए गए भूखंडों पर बिना अनुमति के चल रहे हैं. ऐसे में भी अग्निशमन विभाग के लिए बीएसएल की जमीन में चल रहे निजी अस्पताल व नर्सिंग को एनओसी जारी करना मुश्किल हो जाता है.

बीएसएल सूत्रों के अनुसार, बोकारो स्टील सिटी में चल रहे निजी अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर और नर्सिंग होम कंपनी के नियमों के तहत प्रतिबंधित व्यापार की श्रेणी में आते हैं. इस तरह के व्यापार को पट्टेदार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना पट्टे के नहीं चलाया जा सकता है. इससे पहले 2018 में बीएसएल ने भौतिक सत्यापन के बाद ऐसे 59 चिकित्सा संस्थानों को नोटिस जारी किया था पर इस दिशा में भी कुछ ठोस पहल नहीं हुई.

इसे भी पढ़ें- बोकारो में बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस के संचालित हो रहे अस्पताल, सिविल सर्जन ने भेजा नोटिस

क्या कहते हैं डीसीः बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि धनबाद में अग्निकांड के बाद उन्होंने जिला में चल रहे निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम से संबंधित स्थिति की समीक्षा करने की पहल की है. वहां दस्तावेज और प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी और उसके आधार पर प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा कि फरवरी के पहले सप्ताह में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर बैठक करने का निर्देश दिया है. इससे पहले डीडीसी बोकारो को इस पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है.

जानिए क्या है नैदानिक स्थापन पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियमः केंद्र सरकार के क्लीनिकल सेटिंग यानी नैदानिक स्थापना अधिनियम-2019 के संशोधन में प्रस्तावित न्यूनतम मानदंडों के अनुसार बुनियादी ढांचा, कर्मी, उपकरण, दवाइयां, एसिस्टेंट सर्विस और रिकॉर्ड का पालन ना करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. इसमें फायर सेफ्टी के भी प्रावधान रखे गए हैं. नैदानिक स्थापन पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2010 के तहत क्लीनिक चलाने के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया है. नैदानिक स्थापन (पंजीकरण एवं नियमन) अधिनियम-2010 के तहत क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट के लिए अनंतिम यानी अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए क्लीनिक खोलने वाले व्यक्ति को तमाम दस्तावेजों के साथ एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होता है, जिसके लिए उन्हें तीन चरण चरणों से गुजरना होता है. इसके अलावा प्रयोक्ता ऑनलाइन माध्यम से अपने नाम का लॉनिग पासवर्ड बनाकर वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है.

बोकारोः धनबाद आग त्रासदी ने एक बार फिर प्रशासन को बोकारो के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम की समीक्षा करने के लिए मजबूर कर दिया है. हालांकि बोकारो में स्थिति चिंताजनक है क्योंकि अधिकांश निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और अन्य चिकित्सा संस्थान यहां चल रहे हैं, उनके पास फायर एनओसी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार 79 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में से केवल 8 के पास फायर एनओसी मौजूद है.

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बोकारो अग्निशमन विभाग के प्रभारी बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि एनओसी केवल उन्हीं संस्थानों को जारी की जाती है जो आवश्यक मापदंडों को पूरा करते हैं. इस प्रक्रिया के अनुसार अस्पताल एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं, जिसके बाद स्थानीय अग्निशमन विभाग के अधिकारी निरीक्षण के लिए जाते हैं और सलाह देते हैं. इस प्रक्रिया में अगर वो तमाम सुरक्षा मानदंड और आवश्यकताओं को पूरा करते हैं तभी उन्हें एनओसी जारी किया जाता है.

एनओसी नहीं एडवाइजरी पर चल रहा स्वास्थ्य संस्थानः प्रभारी ने बताया कि जिला के कई अस्पताल और नर्सिंग होम एडवाइजरी पर चल रहे हैं, उनके पास एनओसी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह जिला स्वास्थ्य विभाग है जो अनापत्ति नैदानिक प्रतिष्ठान प्रमाण पत्र देने में एनओसी के बजाय सलाह स्वीकार कर रहा है, इसमें हम क्या कर सकते हैं? एनओसी प्राप्त करने के लिए संस्थानों को एडवाइजरी के अनुसार आवश्यक मानदंडों को पूरा करना होगा, इसके बिना एनओसी जारी नहीं किया जा सकता है.

फ्लैट में चल रहा अस्पताल! बोकारो टाउनशिप में अधिकांश चिकित्सा संस्थान जिला स्वास्थ्य विभाग से अनंतिम नैदानिक स्थापना अधिनियम प्रमाण पत्र प्राप्त करने में अग्निशमन विभाग द्वारा दी गई सलाह का उपयोग करते हैं और स्वतंत्र रूप से चलते हैं. हालांकि टाउनशिप में जिस भवन में वो निजी अस्पताल या नर्सिंग होम चला रहे हैं, वह आवासीय-व्यावसायिक उद्देश्य के लिए बीएसएल द्वारा आवंटित भूखंड हैं. आवासीय और दुकान के लिए उन भूखंडों का डिजाइन बीएसएल द्वारा पास किया जाता है. ग्राउंड फ्लोर दुकान के लिए है और ऊपर के दो फ्लोर 2 बीएचके आवास हैं पर इसमें कई निजी अस्पताल चल रहे हैं.

टाउनशिप के ज्यादातर अस्पताल और नर्सिंग होम अनाधिकृतः इसमें संवेदनशील बात यह है कि बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) द्वारा टाउनशिप में चल रहे अधिकांश निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को अनाधिकृत करार दिया गया है क्योंकि वो इसके पट्टे पर दिए गए भूखंडों पर बिना अनुमति के चल रहे हैं. ऐसे में भी अग्निशमन विभाग के लिए बीएसएल की जमीन में चल रहे निजी अस्पताल व नर्सिंग को एनओसी जारी करना मुश्किल हो जाता है.

बीएसएल सूत्रों के अनुसार, बोकारो स्टील सिटी में चल रहे निजी अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर और नर्सिंग होम कंपनी के नियमों के तहत प्रतिबंधित व्यापार की श्रेणी में आते हैं. इस तरह के व्यापार को पट्टेदार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना पट्टे के नहीं चलाया जा सकता है. इससे पहले 2018 में बीएसएल ने भौतिक सत्यापन के बाद ऐसे 59 चिकित्सा संस्थानों को नोटिस जारी किया था पर इस दिशा में भी कुछ ठोस पहल नहीं हुई.

इसे भी पढ़ें- बोकारो में बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस के संचालित हो रहे अस्पताल, सिविल सर्जन ने भेजा नोटिस

क्या कहते हैं डीसीः बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि धनबाद में अग्निकांड के बाद उन्होंने जिला में चल रहे निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम से संबंधित स्थिति की समीक्षा करने की पहल की है. वहां दस्तावेज और प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी और उसके आधार पर प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा कि फरवरी के पहले सप्ताह में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर बैठक करने का निर्देश दिया है. इससे पहले डीडीसी बोकारो को इस पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है.

जानिए क्या है नैदानिक स्थापन पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियमः केंद्र सरकार के क्लीनिकल सेटिंग यानी नैदानिक स्थापना अधिनियम-2019 के संशोधन में प्रस्तावित न्यूनतम मानदंडों के अनुसार बुनियादी ढांचा, कर्मी, उपकरण, दवाइयां, एसिस्टेंट सर्विस और रिकॉर्ड का पालन ना करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. इसमें फायर सेफ्टी के भी प्रावधान रखे गए हैं. नैदानिक स्थापन पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2010 के तहत क्लीनिक चलाने के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया है. नैदानिक स्थापन (पंजीकरण एवं नियमन) अधिनियम-2010 के तहत क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट के लिए अनंतिम यानी अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए क्लीनिक खोलने वाले व्यक्ति को तमाम दस्तावेजों के साथ एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होता है, जिसके लिए उन्हें तीन चरण चरणों से गुजरना होता है. इसके अलावा प्रयोक्ता ऑनलाइन माध्यम से अपने नाम का लॉनिग पासवर्ड बनाकर वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है.

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