बोकारो: बोकारो: गांव के विवाद का समाधान गांव में ही किया जा सके, इसके लिए सरकार ने लगभग 25 लाख की लागत से तहसील कचहरी का निर्माण चंदनकियारी अंचल में कराया. निर्माण कार्य के दो साल बीत जाने के बावजूद, आजतक उसमें न तो कोई अंचलकर्मी बैठें और न ही किसी पंचायत प्रतिनिधि के दर्शन हुए.
38 पंचायत वाला चंदनकियारी अंचल में सिर्फ 1 तहसील कचहरी
चंदनकियारी अंचल अंतर्गत 38 पंचायतों में कुल 10 हल्का है. सभी पंचायत को मिलाकर केवल हल्का संख्या एक में ही तहसील कचहरी बना है. उक्त भवन में कोर्ट रूम के अलावा राजस्व कर्मचारियों के लिए आवास, कार्यालय एवं गोदाम की भी व्यवस्था है.
इसे भी पढ़ें:- भगवान भरोसे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था! डॉक्टर की जगह सफाईकर्मी करते हैं इलाज
चोर उड़ा ले गए मोटर और जरुरत के सामान
चंदनकियारी के तहसील कचहरी के इस भवन को मॉडल भवन बनाने के उद्देश्य से जरुरत के सभी सामान लगाए गए थे. लेकिन सरकारी अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण अब उसमें पानी आपूर्ति के लिए लगा मोटर, पंखा और फर्नीचर को चोर चुरा कर ले गये. इसके अलावा इस भवन की खिड़की में लगे शीशे को भी असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है.
इस उद्देश्य से बना था तहसील
लाखों रूपये की लागत से बने इस विशाल भवन में जमीन विवाद का निपटारा होना था. जिससे छोटे मामलों के लिए दर्जनों गांवों के लोगों को अनुमंडल न्यायालय जाने की जरूरत नहीं पड़ती. अभी दाखिल-खारिज जैसे छोटे मामलों के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय कर के अंचल कार्यालय, चंदनकियारी जाना पड़ता है. इससे लोगों को शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से परेशानी होती है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
देवग्राम पंचायत के लोगों का कहना है कि भवन निर्माण के समय हम बहुत अधिक उम्मीद लिए बैठे थे. यहां तहसील संबधित कार्य शुरू होने से गरीबों को सबसे ज्यादा फायदा होता. लेकिन लापरवाही के कारण सारी उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है.
मामले पर क्या कहना है उपायुक्त का
इस संबध में बोकारो उपायुक्त कृपानंद झा ने बताया कि जिस हल्का-तहसील भवन का निर्माण हुआ है. वहां अभी अंचल से संबंधित सारे काम-काज करना बाकी है. सरकार ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए तहसील कचहरी का निर्माण किया है. जिसमे नियमित बैठने के लिए अविलंब निर्देश दिया जाएगा.