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बोकारो: अधिकारियों के इंतजार में खंडहर हो रहा 25 लाख का सरकारी भवन - झारखंड न्यूज

बोकारो के चंदनकियारी अंचल अंतर्गत तहसील कचहरी की हालत दिनों-दिन जर्जर होते जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में लगभग 25 लाख रूपये की लागत से बना भवन अधिकारियों के इंतजार में खंडहर होते जा रहा है. निर्माण के 2 साल बीत जाने के बाद भी इसे देखने कोई नहीं आया.

खंडहर सरकारी भवन
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Published : Jul 22, 2019, 5:50 AM IST

बोकारो: बोकारो: गांव के विवाद का समाधान गांव में ही किया जा सके, इसके लिए सरकार ने लगभग 25 लाख की लागत से तहसील कचहरी का निर्माण चंदनकियारी अंचल में कराया. निर्माण कार्य के दो साल बीत जाने के बावजूद, आजतक उसमें न तो कोई अंचलकर्मी बैठें और न ही किसी पंचायत प्रतिनिधि के दर्शन हुए.

देखें पूरी खबर

38 पंचायत वाला चंदनकियारी अंचल में सिर्फ 1 तहसील कचहरी
चंदनकियारी अंचल अंतर्गत 38 पंचायतों में कुल 10 हल्का है. सभी पंचायत को मिलाकर केवल हल्का संख्या एक में ही तहसील कचहरी बना है. उक्त भवन में कोर्ट रूम के अलावा राजस्व कर्मचारियों के लिए आवास, कार्यालय एवं गोदाम की भी व्यवस्था है.

इसे भी पढ़ें:- भगवान भरोसे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था! डॉक्टर की जगह सफाईकर्मी करते हैं इलाज


चोर उड़ा ले गए मोटर और जरुरत के सामान
चंदनकियारी के तहसील कचहरी के इस भवन को मॉडल भवन बनाने के उद्देश्य से जरुरत के सभी सामान लगाए गए थे. लेकिन सरकारी अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण अब उसमें पानी आपूर्ति के लिए लगा मोटर, पंखा और फर्नीचर को चोर चुरा कर ले गये. इसके अलावा इस भवन की खिड़की में लगे शीशे को भी असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है.


इस उद्देश्य से बना था तहसील
लाखों रूपये की लागत से बने इस विशाल भवन में जमीन विवाद का निपटारा होना था. जिससे छोटे मामलों के लिए दर्जनों गांवों के लोगों को अनुमंडल न्यायालय जाने की जरूरत नहीं पड़ती. अभी दाखिल-खारिज जैसे छोटे मामलों के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय कर के अंचल कार्यालय, चंदनकियारी जाना पड़ता है. इससे लोगों को शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से परेशानी होती है.


क्या कहते हैं ग्रामीण
देवग्राम पंचायत के लोगों का कहना है कि भवन निर्माण के समय हम बहुत अधिक उम्मीद लिए बैठे थे. यहां तहसील संबधित कार्य शुरू होने से गरीबों को सबसे ज्यादा फायदा होता. लेकिन लापरवाही के कारण सारी उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है.


मामले पर क्या कहना है उपायुक्त का
इस संबध में बोकारो उपायुक्त कृपानंद झा ने बताया कि जिस हल्का-तहसील भवन का निर्माण हुआ है. वहां अभी अंचल से संबंधित सारे काम-काज करना बाकी है. सरकार ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए तहसील कचहरी का निर्माण किया है. जिसमे नियमित बैठने के लिए अविलंब निर्देश दिया जाएगा.

बोकारो: बोकारो: गांव के विवाद का समाधान गांव में ही किया जा सके, इसके लिए सरकार ने लगभग 25 लाख की लागत से तहसील कचहरी का निर्माण चंदनकियारी अंचल में कराया. निर्माण कार्य के दो साल बीत जाने के बावजूद, आजतक उसमें न तो कोई अंचलकर्मी बैठें और न ही किसी पंचायत प्रतिनिधि के दर्शन हुए.

देखें पूरी खबर

38 पंचायत वाला चंदनकियारी अंचल में सिर्फ 1 तहसील कचहरी
चंदनकियारी अंचल अंतर्गत 38 पंचायतों में कुल 10 हल्का है. सभी पंचायत को मिलाकर केवल हल्का संख्या एक में ही तहसील कचहरी बना है. उक्त भवन में कोर्ट रूम के अलावा राजस्व कर्मचारियों के लिए आवास, कार्यालय एवं गोदाम की भी व्यवस्था है.

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चोर उड़ा ले गए मोटर और जरुरत के सामान
चंदनकियारी के तहसील कचहरी के इस भवन को मॉडल भवन बनाने के उद्देश्य से जरुरत के सभी सामान लगाए गए थे. लेकिन सरकारी अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण अब उसमें पानी आपूर्ति के लिए लगा मोटर, पंखा और फर्नीचर को चोर चुरा कर ले गये. इसके अलावा इस भवन की खिड़की में लगे शीशे को भी असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है.


इस उद्देश्य से बना था तहसील
लाखों रूपये की लागत से बने इस विशाल भवन में जमीन विवाद का निपटारा होना था. जिससे छोटे मामलों के लिए दर्जनों गांवों के लोगों को अनुमंडल न्यायालय जाने की जरूरत नहीं पड़ती. अभी दाखिल-खारिज जैसे छोटे मामलों के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय कर के अंचल कार्यालय, चंदनकियारी जाना पड़ता है. इससे लोगों को शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से परेशानी होती है.


क्या कहते हैं ग्रामीण
देवग्राम पंचायत के लोगों का कहना है कि भवन निर्माण के समय हम बहुत अधिक उम्मीद लिए बैठे थे. यहां तहसील संबधित कार्य शुरू होने से गरीबों को सबसे ज्यादा फायदा होता. लेकिन लापरवाही के कारण सारी उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है.


मामले पर क्या कहना है उपायुक्त का
इस संबध में बोकारो उपायुक्त कृपानंद झा ने बताया कि जिस हल्का-तहसील भवन का निर्माण हुआ है. वहां अभी अंचल से संबंधित सारे काम-काज करना बाकी है. सरकार ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए तहसील कचहरी का निर्माण किया है. जिसमे नियमित बैठने के लिए अविलंब निर्देश दिया जाएगा.

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लातेहारः घर के आंगन में गड़ी मिली दो बच्चों की सिरकटी लाश, नरबलि की आशंका से सनसनी



वीओ1- लातेहार जिले के सेमरहट गांव से लापता दो बच्चों की सिरकटी लाश बरामद हुई है. दोनों बच्चों की लाश सुनील उरांव नाम के शख्स के घर के आंगन में गड़ी थी. ग्रामीणों ने सुनील उरांव के घर में खून के छींटे देखकर पुलिस का सूचना दी. इसके बाद मौके पर महुंची मनिका पुलिस ने एसडीएम की मौजूदगी में बालू के अंदर से दोनों बच्चों की लाश को नग्न हालत में बरामद किया. दोनों बच्चे अलग-अलग परिवार के हैं और दो दिन से लापता थे. इसमें से एक बच्चा निर्मल उरांव 10 साल का था जबकि दूसरी बच्ची शीला कुमारी की उम्र 6 साल थी. वहीं सुनील उरांव ओझा गुनी का काम करता है. आशंका है कि सुनील उरांव ने जादू-टोना के चक्कर में दोनों बच्चों की बलि दे दी. बच्चे के पिता विरेंद्र उरांव ने कहा कि ये नरबलि का ही मामला है. दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद से बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. 

बाइट1- विरेंद्र उरांव, बच्चे के पिता

बाइट2- राजेंद्र उरांव, मुखिया



वीओ2- इस घटना से गांव में सनसनी फैल गई है और ग्रामीणों में गुस्सा है. ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए पूरा गांव छावनी में तब्दील कर दिया गया है. मौके पर जांच करने पहुंचे एसडीएम जयप्रकाश झा ने कहा कि ये मामला हत्या का है या नरबलि का, ये जांच के बाद पता चलेगा. फिलहाल पुलिस फरार आरोपी सुनील उरांव को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है. एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल का मुआयना किया है. लातेहार एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि पुलिस हर एंगल को ध्यान में रखकर जांच कर रही है. 

बाइट3- प्रशांत आनंद, पुलिस अधीक्षक, लातेहार



वीओ3- इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस ने इसे सरकार की विफलता करार दिया है. कांग्रेस मानती है कि बीजेपी के विकास के दावों को मनिका की इस घटना ने खोखला साबित कर दिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने आरोप लगाया कि ये सरकार की विफलता का ही नतीजा है कि आज भी ओझा गुनी और डायन बिसाही के नाम पर हत्याएं हो रही हैं. उन्होंने कहा है कि अगर सही मायनों में ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिलता तो ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सकता था. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने दुख जताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक हैं. उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में अंधविश्वास की वजह से ऐसी घटनाएं हो जाती हैं. राज्य सरकार निश्चित रूप से ऐसी घटनाओं पर संज्ञान लेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.



बाइट4-आलोक दुबे, प्रवक्ता, कांग्रेस

बाइट5-लक्ष्मण गिलुआ, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा



वीओ4- फिलहाल, एसडीएम जयप्रकाश झा, एसडीपीओ वीरेंद्र राम, मनिका थाना प्रभारी प्रभाकर मुंडा, हेरहंज थाना प्रभारी नित्यानंद कुमार  और बालूमाथ थाना प्रभारी सुभाष पासवान सहित कई पदाधिकारी गांव में कैंप कर रहे हैं. वैसे, दो बच्चों के लापता होने और फिर उनकी लाश इस हालत में मिलना ही कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. मामला नरबलि का है या कत्ल का, ये तो जांच के बाद साफ हो जाएगा. पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई तो आरोपी भी सलाखों के पीछे होगा लेकिन इससे क्या इन दोनों मासूम बच्चों को इंसाफ मिल जाएगा? क्या इनकी माताओं के आंसूओं का हिसाब कोई दे सकेगा? क्या अंधविश्वास का अंधेरा कभी छंट पाएगा? 

ब्यूरो रिपोर्ट ईटीवी भारत






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