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अगवा सुपरवाइजर को झारखंड में तलाश रही थी पुलिस, बंगाल में मिली लाश

बोकारो से अगवा सुपरवाइजर की लाश बंगाल में मिली (Body of kidnapped supervisor found in Bengal)है. 7 जनवरी को उसका अपहरण किया गया था. लोहा व्यवसाय में रंगदारी को लेकर उसकी हत्या की गई है. पूरे मामले में बताया जा रहा है कि बोकारो पुलिस की सुस्ती की वजह से सुपरवाइजर भीम सिंह की जान चली गई.

Supervisor Bhim Singh
सुपरवाइजर भीम सिंह की फाइल फोटो
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Published : Jan 11, 2023, 10:19 PM IST

बोकारोः अगवा सुपरवाइजर भीम सिंह की हत्या कर दी गई है. भीम सिंह का शव पुरुलिया जिले में रेलवे ट्रैक पर मिला था. सबूत मिटाने के लिए शव को जला कर छिपाने की कोशिश की गई थी. शव मिलने की पुष्टि सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार ने की है. 7 जनवरी को बीएस सिटी थाना क्षेत्र के राम मंदिर मार्केट के पास से लोहा व्यवसायी के सुपरवाइजर भीम सिंह को अगवा कर लिया गया था.

ये भी पढ़ेंः kidnapping in Bokaro: लोहा व्यवसायी के सुपरवाइजर का अपहरण, पुलिस पर कोताही बरतने का आरोप

बंगाल पुलिस ने बरामद किया शवः बता दें कि अगवा भीम सिंह का शव बंगाल पुलिस ने रेलवे ट्रैक के किनारे 8 जनवरी को बरामद किया. बुधवार को शव की पहचान कारोबारी विनोद सिंह ने पुरुलिया जा कर की है. मौके से मिले चप्पल को पहचानते हुए विनोद सिंह ने शव भीम सिंह के होने की बात बताई है. शव मिलने की पुष्टि सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार ने भी की है.

सभी आरोपी हैं फरारः भीम सिंह को अगवा करने के मामले में अपराधी जय राम प्रसाद, विजय यादव और लाला सिंह पर लोहा कारोबारी विनोद सिंह ने आरोप लगाया था. सभी बोकारो से घटना के दिन से ही फरार बताए जा रहे हैं. अगवा भीम सिंह की बाइक बीएस सिटी थाना क्षेत्र के राम मंदिर से पुलिस ने 8 जनवरी की रात को बरामद किया था.


तीन महीने पहले मांगी थी रंगदारीः तीन महीने पूर्व भीम सिंह को जयराम प्रसाद ने फोन से रंगदारी की मांग की थी. जिसकी शिकायत भीम सिंह ने सेक्टर 12 थाने में ऑनलाइन मामला दर्ज करा कर की थी. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद अपराधियों का मनोबल बढ़ा और अपराधियों ने हत्या कर पहचान मिटाने के लिए शव को जलाने जैसी जघन्य अपराध की घटना को अंजाम दिया. अपराधी जयराम प्रसाद लोहे के कारोबार के एवज में भीम सिंह से रंगदारी की मांग कर रहा था.

क्या है मामलाः चास के कुंवर सिंह कॉलोनी के रहने वाले भीम सिंह 7 जनवरी को कारोबारी विनोद सिंह के पास सेक्टर 12 जाने के लिए कहकर घर से शाम पांच बजे निकले थे. जब वह सेक्टर 12 नहीं पहुंचे तो विनोद सिंह ने फोन कर उससे बात की तो उसने बताया कि आधे घंटे में वह पहुंच रहा है. लेकिन जब वह रात तक नहीं लौटा तो किसी ने फोन कर विनोद सिंह को जानकारी दी कि भीम को मारपीट करते हुए जयराम प्रसाद, विजय यादव और लाला सिंह में गाड़ी में बलपूर्वक बैठा कर ले गए हैं. उसके बाद इसकी जानकारी लिखित रूप से विनोद सिंह सेक्टर 12 थाने में देने गए, लेकिन 12 थाना पुलिस ने अपहरण के बजाय गुमशुदगी का आवेदन लिखकर आने की बात कही. पुलिस की इस लापरवाही के कारण अपराधियों को मौका मिल गया और अपराधियों ने भीम को अगवा करते हुए उसकी हत्या कर दी. हालांकि बाद में बीएससीटी थाना में अपहरण का मामला जरूर दर्ज कर लिया गया.

बोकारोः अगवा सुपरवाइजर भीम सिंह की हत्या कर दी गई है. भीम सिंह का शव पुरुलिया जिले में रेलवे ट्रैक पर मिला था. सबूत मिटाने के लिए शव को जला कर छिपाने की कोशिश की गई थी. शव मिलने की पुष्टि सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार ने की है. 7 जनवरी को बीएस सिटी थाना क्षेत्र के राम मंदिर मार्केट के पास से लोहा व्यवसायी के सुपरवाइजर भीम सिंह को अगवा कर लिया गया था.

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बंगाल पुलिस ने बरामद किया शवः बता दें कि अगवा भीम सिंह का शव बंगाल पुलिस ने रेलवे ट्रैक के किनारे 8 जनवरी को बरामद किया. बुधवार को शव की पहचान कारोबारी विनोद सिंह ने पुरुलिया जा कर की है. मौके से मिले चप्पल को पहचानते हुए विनोद सिंह ने शव भीम सिंह के होने की बात बताई है. शव मिलने की पुष्टि सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार ने भी की है.

सभी आरोपी हैं फरारः भीम सिंह को अगवा करने के मामले में अपराधी जय राम प्रसाद, विजय यादव और लाला सिंह पर लोहा कारोबारी विनोद सिंह ने आरोप लगाया था. सभी बोकारो से घटना के दिन से ही फरार बताए जा रहे हैं. अगवा भीम सिंह की बाइक बीएस सिटी थाना क्षेत्र के राम मंदिर से पुलिस ने 8 जनवरी की रात को बरामद किया था.


तीन महीने पहले मांगी थी रंगदारीः तीन महीने पूर्व भीम सिंह को जयराम प्रसाद ने फोन से रंगदारी की मांग की थी. जिसकी शिकायत भीम सिंह ने सेक्टर 12 थाने में ऑनलाइन मामला दर्ज करा कर की थी. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद अपराधियों का मनोबल बढ़ा और अपराधियों ने हत्या कर पहचान मिटाने के लिए शव को जलाने जैसी जघन्य अपराध की घटना को अंजाम दिया. अपराधी जयराम प्रसाद लोहे के कारोबार के एवज में भीम सिंह से रंगदारी की मांग कर रहा था.

क्या है मामलाः चास के कुंवर सिंह कॉलोनी के रहने वाले भीम सिंह 7 जनवरी को कारोबारी विनोद सिंह के पास सेक्टर 12 जाने के लिए कहकर घर से शाम पांच बजे निकले थे. जब वह सेक्टर 12 नहीं पहुंचे तो विनोद सिंह ने फोन कर उससे बात की तो उसने बताया कि आधे घंटे में वह पहुंच रहा है. लेकिन जब वह रात तक नहीं लौटा तो किसी ने फोन कर विनोद सिंह को जानकारी दी कि भीम को मारपीट करते हुए जयराम प्रसाद, विजय यादव और लाला सिंह में गाड़ी में बलपूर्वक बैठा कर ले गए हैं. उसके बाद इसकी जानकारी लिखित रूप से विनोद सिंह सेक्टर 12 थाने में देने गए, लेकिन 12 थाना पुलिस ने अपहरण के बजाय गुमशुदगी का आवेदन लिखकर आने की बात कही. पुलिस की इस लापरवाही के कारण अपराधियों को मौका मिल गया और अपराधियों ने भीम को अगवा करते हुए उसकी हत्या कर दी. हालांकि बाद में बीएससीटी थाना में अपहरण का मामला जरूर दर्ज कर लिया गया.

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