बोकारोः चुनाव आयोग की ओर से बेरमो विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तिथि की घोषणा कर दी गई है, मतदान 3 नवंबर को है, पर किसी भी पार्टी की ओर से टिकट आवंटन कर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा अबतक नहीं की गई है. इधर बेरमो सीट की चर्चा करें तो यहां यूपीए गठबंधन और राजग के बीच ही संघर्ष होने की उम्मीद है. उम्मीद है कि शीघ्र ही दोनों सहित अन्य पार्टियों की ओर से भी अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा. इधर उपचुनाव में बोकारो के बेरमो सीट सहयोगी भाजपा को मिलने की सहमति की चर्चा के बीच आजसू नेता काशीनाथ सिंह के सुर पार्टी से अलग हो गए हैं. उन्होंने टिकट की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं से मंत्रणा कर फैसला लेने की बात कही है.
काशीनाथ लड़े थे इस सीट पर आजसू से चुनाव
इधर चर्चा यह भी है कि भाजपा और आजसू में दोनों में से एक की ओर से ही इस सीट पर प्रत्याशी उतारने का निर्णय हुआ है, जबकि बीते आम चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग प्रत्याशी उतारीं थीं. भाजपा से योगेश्वर महतो बाटूल और आजसू के टिकट पर काशीनाथ सिंह चुनाव लड़े थे. वहीं इस उपचुनाव में बेरमो से सिर्फ भाजपा का प्रत्याशी होने की चर्चा के बीच आजसू के पूर्व प्रत्याशी काशीनाथ सिंह ने बताया कि आजसू आलाकमान की ओर से यह निर्णय सर्वसम्मति के बाद नहीं बल्की चंद लोगों की राय लेकर यह बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि बेरमो का उपचुनाव होना है और बेरमो क्षेत्र के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से सलाह मशवरा करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेना चाहिए था.
और पढ़ें- जमशेदपुर: नवविवाहिता ने की आत्महत्या, 15 दिन पहले की थी लव मैरिज
काशीनाथ सिंह ने कहा कि अब पार्टी की ओर से टिकट की घोषणा के बाद, वे अपने तमाम समर्थकों के साथ एक आपात बैठक कर अंतिम निर्णय लेंगे. मामले में काशीनाथ सिंह के तेवर देखकर इतना ही समझा जा सकता है कि अंदर खाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.