बोकारो: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का भंडारीदह दामोदर नदी घाट पर अंतिम संस्कार हुआ. जहां उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. भंडारीदह मुक्तिधाम में बड़े बेटे अखिलेश महतो उर्फ राजू ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. अलारगो स्थित आवास से घाट तक शवयात्रा में शामिल हजारों की भीड़ गगनभेदी नारे लगाती रही. इस दौरान हर किसी की आंखें नम थीं. जैसे-जैसे शव यात्रा आगे बढ़ती गई, काफिले में लोग जुटते चले गए. इसमें हर तबके के लोग शामिल थे. इससे पहले जगरनाथ महतो के शव को उनके पैतृक आवास ले जाया गया इस दौरान उनके परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया.
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अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीएम हेमंत सोरेन हेलीकॉप्टर से भंडारीदह पहुंचे. यहां से वे सीधे जगरनाथ महतो के आवास पहुंचे जहां उनके परिवार वालों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. सीएम लगभग डेढ़ घंटे तक दिवंगत मंत्री की आवास में रहे. उसके बाद दामोदर घाट चले गए. मुखाग्नि के बाद सीएम रांची के लिए रवाना हो गए. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, बदल पत्रलेख, चंपई सोरेन, मिथिलेश ठाकुर और विधायक उमाशंकर अकेला झारखंड के महाधिवक्ता, महुआ माजी, पूर्व सांसद रविंद्र पांडे, बोकारो विधायक बिरंची नारायण मौजूद रहे.
यहां पहुंचे कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि 'झारखंड को जगरनाथ महतो के निधन से अपूरणीय क्षति हुई है. एक आंदोलनकारी और एक जन नेता के रूप में वह जाने जाते थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके परिवार के साथ हमेशा खड़ी रहेगी. उन्होंने कांग्रेस कमेटी की ओर से श्रद्धांजलि दी.
वहीं, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि 'जगन्नाथ महतो का जाना राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. इसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता. वह जनता से जुड़कर काम करते थे और हमेशा लोगों के बीच रहते थे. गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि उनका ना रहना किस क्षेत्र के लिए और राज्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है. वह जन नेता थे.