चंदनकियारी/बोकारो: झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई पहल किए गए हैं. इन योजनाओं का उपयोग कर किसान खेती में बेहतर तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे ही किसान हैं खुश मोहम्मद और मनोहर महतो. चास के चंदाहा निवासी ये दोनों किसान सरकारी मदद और आधुनिक तकनीक की मदद से जहां खेती के क्षेत्र में कामयाबी की एक नयी इबारत रच रहे हैं, वहीं बाकी किसानों को भी ये प्रेरित कर रहे हैं.
झारखंड सरकार प्रगतिशील किसानों को कई तरह की स्कीम के माध्यम से बढ़ावा देने का काम कर रही है. फसल बीमा, कृषि विभाग के द्वारा फसल-बीज का वितरण, कृषि उपयोग मशीनों का वितरण कर किसानों को खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. साथ ही उनके लिए समय-समय पर कृषि संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिसके उपयोग से किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे हैं. इन्हीं प्रशिक्षण में से एक प्रशिक्षण इजराइल में हुआ.
इजराइल में मिली खास ट्रेनिंग
जिला जनसंपर्क विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार की इन योजनाओं से प्रभावित होकर ये दोनों किसान पहले छोटे-मोटे व्यवसाय कर अपना जीवन-यापन करते थे. साथ ही आमदनी के लिए खेती भी किया करते थे. जब सरकार की मदद मिली तो खेती के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और धीरे-धीरे ये दोनों खेती को बढ़ावा देने लगे. इसी क्रम में झारखंड सरकार की पहल पर गव्य विकास के तत्वाधान में बेहतर कृषि को लेकर प्रशिक्षण के लिए 32 सदस्यीय टीम में 22 किसानों को बोकारो जिला से इजराइल भेजा गया, जिसमें बोकारो जिला के चास प्रखंड के चंदाहा ग्राम के किसान खुश मोहम्मद अंसारी भी थे.
इन्होंने बताया कि उनलोगों को छह दिनों के लिए इजरायल में कृषि के आधुनिकीकरण की जानकारी के लिए प्रशिक्षण लेने भेजा गया था. उन्हें कृषि फॉर्म में ले जाया गया और वहां तरह-तरह के उपकरणों की मदद से कम जमीन पर बेहतर फसल का उत्पादन करने की तकनीक बतायी गई. साथ ही कब कौन से फसल को बोना है और कैसे उत्पादन करना है, इसकी भी जानकारी दी गई. इसके अलावा वहां खेती की तकनीकों के साथ-साथ मछली-पालन, गाय-पालन और फल-उत्पादन की विधियां भी बतायी गयीं.
चार एकड़ में सब्जी की सफल खेती
इजराइल में प्रशिक्षण पाने के बाद खुश मोहम्मद ने अपने सहयोगी मनोहर महतो के साथ मिलकर छोटे-छोटे खेतों को एक में मिलाकर बड़ा किया और पूरे चार एकड़ जमीन में उन्नत तकनीक से सब्जी बोये. जिसमें सरकार की भी काफी मदद रही. इजराइली तकनीक का प्रयोग सफल रहा. जब फसल अच्छी हुई तो बड़ी मात्रा में सब्जी-उत्पादन होने लगा. इससे उनलोगों का हौसला बढ़ा. उसके बाद से वे आसपास के लोगों को भी अपने साथ जोड़ कृषि में रोजगार दे रह हैं और अच्छी खेती कर अच्छी आमदनी पा रहे हैं.
इन सब्जियों की हो रही खेती
अभी उनलोगों ने चार एकड़ में भिंडी, लौकी और मक्का लगाया है. एक सप्ताह में दो क्विंटल भिंडी, लौकी दो से ढाई क्विंटल, मक्का प्रतिदिन 50 किलोग्राम वे निकाल रहे हैं और बाजार में बेच रहे हैं. इससे उनकी आय में काफी बढ़ोतरी हुई. आज वे बेहतर खेती के माध्यम से अपने और अपने पूरे परिवार का अच्छी तरह से लालन-पालन कर पा रहे हैं.
सरकार का जताया आभार
किसानों ने कहा कि वे लोग रघुवर सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के आभारी हैं, जो किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर तरह-तरह के स्कीमों को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं. बता दें कि चंदाहा के खुश मोहम्मद अंसारी और मनोहर महतो अभी एक सक्षम किसान के रूप में हैं, जिन्होंने व्यवसाय को छोड़ खेती को प्रमुखता दी.
क्या है सरकार की योजनायें
सरकार अभी किसानों को बढ़ावा देने के लिए परती भूमि विकास योजना, सिंगल विंडो सेंटर, बीज विनिमय और वितरण कार्यक्रम योजना, मृदा प्रशिक्षण, हरित क्रांति योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना चला रही है.