बोकारो: बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष का नेता बनाए जाने को लेकर बीजेपी रेस हो चुकी है. इसे लेकर पार्टी नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. इसी मुद्दे पर राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बड़ा बयान दिया है और बीजेपी को पहले असली जेवीएम को पहचान करने की नसीहत दी है.
झारखंड की राजनीति सरगर्मी इन दिनों बढ़ गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर दिख रहे हैं. इसी बीच सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का बड़ा बयान आया है. उन्होंने बीजेपी की ओर से बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिए जाने की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि पहले बीजेपी बताए कि जेवीएम का जो विलय हुआ है वह सही है या गलत. उन्होंने कहा कि अगर रघुवर सरकार में अमर बाउरी की अगुवाई में जेवीएम का विलय हुआ था, तो अभी बाबूलाल मरांडी के विलय का कोई औचित्य नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी असली जेवीएम नेता हैं तो पूर्व सरकार में 6 विधायकों ने जो वेतन लिया था वह उन्हें वापस करना चाहिए. मंत्री ने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि कोई भी काम कानून के तहत होता है. इसका फैसला भी कानून के तहत ही होगा.
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वहीं, राज्यसभा में बीजेपी के जीत के मुद्दे पर जगरनाथ महतो ने कहा कि बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग कर अपने प्रत्याशी को जिताया है. उन्होंने कहा कि आखिर आजसू किस डील के तहत बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया है. इसकी जांच होनी चाहिए और उसका खुलासा भी. बीजेपी के पास संख्या बल नहीं होने के बावजूद भी पार्टी ने जीत हासिल की, यह सोचने वाली बात है.