बोकारो: जिला में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को देखकर ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा ने नारेबाजी की (Displaced protest in Bokaro). इस दौरान रैयतों ने रेलवे और सेल द्वारा बुलडोजर चलवाकर उनके घरों को जमींदोज करने के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. इस विरोध में सैकड़ों महिला और पुरुष हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. मुख्यमंत्री के बोकारो आगमन पर रैयत सीएम को अपनी मांग पत्र सौंपने आए थे.
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मालूम हो, 24 सितंबर को धनगढ़ी गांव में रेलवे और सेल के द्वारा 16 घरों को बुलडोजर से जमींदोज करवा दिया गया था. इसी को लेकर ग्रामीण विरोध करने पहुंचे थे. विरोध करते ग्रामीण, हमें इंसाफ चाहिए जैसे नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने नौकरी, मुआवजा और 19 गांव को पंचायत में शामिल करने की मांग की है. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस को भी प्रदर्शनकारियों को समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस बीच ग्रामीणों की पुलिसकर्मियों से धक्का मुक्की भी हुई.
रैयतों की व्यथा: भुक्तभोगी का कहना है कि 'बरसात के समय में जबरन बिना नोटिस के घर तोड़ दिया गया. हमलोग लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन, कोई सुध लेने वाला नहीं है. इसलिए हम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार लगाने के लिए यहां उपस्थित हुए हैं.' मालूम हो सोमवार को बोकारो में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया (Sarkar Aapke Dwar program in Bokaro). जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिरकत की थी. कार्यक्रम को लेकर सीए के बोकारो आगमन पर ही रैयतों ने अपनी नाराजगी जाहिर की.