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बोकारो स्टील प्लांट के विस्थापितों ने शहर में निकला आक्रोश रैली, उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना देकर मांगों को लेकर किया आवाज बुलंद

वर्षों गुजर गए, लेकिन अब तक बोकारो स्टील प्लांट के विस्थापितों को न तो पुनर्वासित किया गया है और न ही मुआवजा दिया गया है. इसके विरोध में विस्थापितों ने शहर में आक्रोश रैली निकाली और उपायुक्त कार्यालय के समीप धरना देकर प्रशासन और सरकार का ध्यान आकृष्ट (Displaced People Of Bokaro steel Demonstrated) कराया है.

Protest Rally In Bokaro City
Protest Rally In Bokaro City
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Published : Jan 10, 2023, 10:08 PM IST

बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के निर्माण में जमीन देकर विस्थापित हुए क्षेत्र के विस्थापितों ने मंगलवार को आक्रोश रैली निकाल (Protest Rally In Bokaro City) कर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष महाधरना दिया. इस महाधरना में बांकुड़ा के पूर्व सांसद वासुदेव आचार्या भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस महाधरना में उत्तरी विस्थापित क्षेत्र के विस्थापितों के कई ज्वलंत मामलों को लेकर अपनी बातें रखी. जिसमें मुख्य मांगों में रेलवे लाइन दोहरीकरण में उजाड़े गए धनघरी के ग्रामीणों को पुनर्वास और मुआवजा मिले, 19 विस्थापित गांवों को पंचायत में शामिल किया जाए और विस्थापित क्षेत्र में रहने वाले युवाओं का प्रमाण पत्र बनाया जाए आदि मांग (Displaced People Of Bokaro Steel Protested) की गई.

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गैरकानूनी तरीके से घरों को तोड़कर लोगों को उजाड़ा गयाः इस मौके पर पूर्व सांसद वासुदेव आचार्य ने कहा कि रेलवे लाइन दोहरीकरण के कार्य के लिए जिस गांव के घरों को उजाड़ा गया है, उसका अधिग्रहण से संबंधित कोई कागजात रेलवे के पास नहीं है. रेलवे बोकारो स्टील से जमीन लेने की बात कह रही है, लेकिन बोकारो स्टील ने न तो आज तक विस्थापितों को नोटिस दिया और न पुनर्वास के लिए जमीन और न ही मुआवजा दिया है. ऐसे में गैरकानूनी तरीके से घरों को तोड़ा गया (Illegal Demolition Of Houses) और लोगों को उजाड़ने का काम किया गया है. लोग बेघर होकर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं.

लड़ाई लड़ कर विस्थापितों को दिलाएंगे हकः इस महाधरना में निरसा विधायक अरूप चटर्जी भी शामिल हुए. उन्होंने विस्थापितों के साथ हो रहे व्यवहार पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार को इन समस्याओं के समाधान के लिए जल्द से जल्द पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह बहुत आश्चर्य की बात है कि जो लोग सांसद-विधायक चुनने का काम करते हैं, उन्हें अपना पंचायत प्रतिनिधि चुनने का अधिकार नहीं है. यह संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन है. हम यह लड़ाई लड़ेंगे और विस्थापितों के हक को दिलाने का काम करेंगे.

बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के निर्माण में जमीन देकर विस्थापित हुए क्षेत्र के विस्थापितों ने मंगलवार को आक्रोश रैली निकाल (Protest Rally In Bokaro City) कर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष महाधरना दिया. इस महाधरना में बांकुड़ा के पूर्व सांसद वासुदेव आचार्या भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस महाधरना में उत्तरी विस्थापित क्षेत्र के विस्थापितों के कई ज्वलंत मामलों को लेकर अपनी बातें रखी. जिसमें मुख्य मांगों में रेलवे लाइन दोहरीकरण में उजाड़े गए धनघरी के ग्रामीणों को पुनर्वास और मुआवजा मिले, 19 विस्थापित गांवों को पंचायत में शामिल किया जाए और विस्थापित क्षेत्र में रहने वाले युवाओं का प्रमाण पत्र बनाया जाए आदि मांग (Displaced People Of Bokaro Steel Protested) की गई.

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गैरकानूनी तरीके से घरों को तोड़कर लोगों को उजाड़ा गयाः इस मौके पर पूर्व सांसद वासुदेव आचार्य ने कहा कि रेलवे लाइन दोहरीकरण के कार्य के लिए जिस गांव के घरों को उजाड़ा गया है, उसका अधिग्रहण से संबंधित कोई कागजात रेलवे के पास नहीं है. रेलवे बोकारो स्टील से जमीन लेने की बात कह रही है, लेकिन बोकारो स्टील ने न तो आज तक विस्थापितों को नोटिस दिया और न पुनर्वास के लिए जमीन और न ही मुआवजा दिया है. ऐसे में गैरकानूनी तरीके से घरों को तोड़ा गया (Illegal Demolition Of Houses) और लोगों को उजाड़ने का काम किया गया है. लोग बेघर होकर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं.

लड़ाई लड़ कर विस्थापितों को दिलाएंगे हकः इस महाधरना में निरसा विधायक अरूप चटर्जी भी शामिल हुए. उन्होंने विस्थापितों के साथ हो रहे व्यवहार पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार को इन समस्याओं के समाधान के लिए जल्द से जल्द पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह बहुत आश्चर्य की बात है कि जो लोग सांसद-विधायक चुनने का काम करते हैं, उन्हें अपना पंचायत प्रतिनिधि चुनने का अधिकार नहीं है. यह संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन है. हम यह लड़ाई लड़ेंगे और विस्थापितों के हक को दिलाने का काम करेंगे.

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