बोकारो: देश में लॉकडाउन की मियाद बढ़कर 3 मई तक हो गई है. जिसके बाद लॉकडाउन सख्ती से पालन कराना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, लेकिन जिले के गोमिया प्रखंड स्थित विश्व विख्यात झुमरा पहाड़ के 4 गांव के लोगों ने बैठक कर लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है, जहां ईटीवी भारत की टीम साढ़े चार घंटे तक संघर्ष करने के बाद पहुंची है.
सोशल डिस्टेंसिग का पालन
एक समय था जब झुमरा पहाड़ के गांव में लाल आतंक चरम पर था. पहाड़ की चोटी पर बसे इस गांव में तब अमन नहीं था, लेकिन आज यहां शांति का माहौल है. कहने का मतलब 'अमन' में अब अमन है. झुमरा पहाड़ के 4 गांव के लोगों ने बैठक कर लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने का लिया निर्णय है. बैठक में महिला और पुरूष सभी शामिल हुए और सोशल डिस्टेंसिग का पालन भी किया. लोगों ने गमछा और पत्ते को मास्क के तौर पर इस्तेमाल कर बैठक की.
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लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर मिलेगा सामाजिक दंड
बैठक के दौरान लॉकडाउन को पालन करने का निर्णय लिया गया, साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जो लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे उन पर सामाजिक दंड लगाया जाएगा. यहां पचमो पंचायत के तीन गांव सिमरावेडा, बलथरवा और सुवरकटवा के ग्रामीणों ने बैठक कर लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का निर्णय लिया है, साथ ही इसमे चुट्टे पंचायत के अमन गांव के लोग भी शामिल हुए.
गाना गाकर लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील
बैठक में यह भी तय हुआ कि लॉकडाउन की अवधि तक कोई भी ग्रामीण दूसरे गांव में न तो जाएंगे और न ही दूसरे गांव के लोगों को अपने गांव में आने दिया जाएगा. लॉकडाउन को गंभीरता से लेते हुए यहां के युवक मोटरसाइकिल पर भोपा बांध कर चारों गांव में लॉकडाउन पालन करने के लिए लोगों को गाना गा कर जागरूक कर रहे हैं. ग्रामीण ने कहा कि वे सभी जंगली क्षेत्र में रहते हैं और उनकी सुध लेने कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं आते हैं और न ही कोई जनप्रतिनिधि की ही नजर उन पर पड़ती है.
मुख्यमंत्री दीदी किचन खोलने की मांग
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि झुमरा से सिमराबेड़ा जो लिंक पथ है, उसे फिलहाल बंद कर दिया जायेगा. कोई भी संकट पड़ेगी तो ग्रामीण आपस में मिलकर उसका समाधान करेंगे. ग्रामीणों ने तीन गांव मिलाकर मुख्यमंत्री दीदी किचन खोलने की मांग जिले के उपायुक्त से की है.